कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए DRDO का ‘अतुल्य’ तैयार, ऐसे करता है काम
कोरोना वायरस महामारी फैलने के बाद से ही डीआरडीओ के सभी वैज्ञानिक और लैब कोविड-19 के खिलाफ तकनीक और खास प्रोडेक्ट बनाने में जुटे हैं.डीआरडो की यूनिवर्सिटी ने तापमान के जरिए कोविड-19 वायरस को खत्म करने की तकनीक ईजाद की है जिसमें कुर्सी, मेज, सोफे तक को भी डिसइंफेक्ट किया जा सकता है

नई दिल्ली: कोरोना वायरस से लड़ने के लिए डीआरडीओ ने एक और माइक्रोवेव-स्ट्रेलाइजर तैयार किया है. ‘अतुल्य’ नाम का ये खास माइक्रोकवेव तापमान तकनीक पर काम करता है, जिसके जरिए दावा किया गया है कि ये कोविड-19 वायरस को मार सकता है.
रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर दावा किया है कि डीआरडीओ की पुणे स्थित डीम्ड यूनिवर्सिटी, डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस टेक्नोलॉजी ने इस माइक्रोवेव स्ट्रेलाइजर को तैयार किया है. अतुल्य नाम की इस मशीन के जरिए 56 से 60 डिग्री सेल्सियस तापमान पर कोरोना वायरस को खत्म करने का दावा किया गया है.
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, ये प्रोडेक्ट काफी किफायती है और प्रोटेबल रूप में भी मिल सकता है और इसे एक जगह पर फिक्स भी किया जा सकता है. इस सिस्टम को टेस्ट करके पूरी तरह सुरक्षित पाया गया है. जिस सामान को स्ट्रेलाइज करना है उसके साइज के हिसाब से 30 सेकेंड से करीब एक मिनट तक इसके सामने रखने से वायरस को मारा जा सकता है. इसके लिए अतुल्य को किसी भी सोफे, कुर्सी या मेज इत्यादि पर एक मिनट के लिए घूमाना है और कोविड-19 के कीटाणु मर जाएंगे.
आपको बता दें कि जबसे देश में कोरोना वायरस फैला है तभी से देश की प्रतिष्ठित रक्षा संस्थान, डीआरडीओ यानि डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन कोविड-19 के खिलाफ नई-नई तकनीक तैयार कर रही है. इससे पहले भी डीआरडीओ के वैज्ञानिक और अलग-अलग लैब कोरोना वायरस से लड़ने की तकनीक और सामान तैयार कर चुके हैं. हालांकि, डीआरडीओ को मुख्य चार्टर देश की सशस्त्र सेनाओं के लिए हथियार, मिसाइल और दूसरे सैन्य साजो सामान तैयार करना है.
हाल ही में डीआरडीओ की अहमनगर स्थित लैब ने एक सैनेटाइजशन-एन्कलोजर (टनल) तैयार की थी. इस टनल के जरिए ऑफिस, हॉस्पिटल या फिर किसी अपार्टमेंट के एंट्री-प्वाइंट पर लगाने से आने-जाने वालों के ऊपरी शरीर को सैनेटाइज किया जा सकता है. इसके अलावा दिल्ली स्थित दो संस्थानों ने अल्ट्रा-वायलेट तकनीक से काम करने वाला माइक्रोवेव सैनेटाइजशन-बॉक्स तैयार किया था.
इस यूवीसी-बॉक्स के जरिए आप अपने निजी सामान जैसे पर्स, मोबाइल, घड़ी आदि को सैनेटाइज कर सकते हैं. इसी तरह यूवीसी-लैंप से भी कुर्सी, मेज, सब्जी या फिर फूड-पैकेट्स को कीटाणु-मुक्त किया जा सकता है. साथ ही डीआरडीओ ने पैराशूट बनाने वाले मैटेरियल से डॉक्टर्स, नर्स और पैरा-मेडिक स्टाफ के लिए पीपीई-सूटतैयार किया गया है. कोरोना वायरस से लड़ने के लिए खास एन-99 मास्क और सैनेटाइजर भी डीआरडीओ की लैब तैयार कर रही हैं.
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Source: IOCL
























