अशोक चव्हाण बोले- महाराष्ट्र में फैसले लेने में कांग्रेस की भी सुनी जानी चाहिए
महाराष्ट्र में मंत्रालयों के आवंटन को लेकर हो रहे विवाद पर कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने कहा कि कुछ विभागों को लेकर तीनों पार्टियों को लगता है यह उन्हें मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि सलाह-मशविरा चल रहा है और आवंटन बांटने में कोई विवाद या देरी नहीं हो रही है.

मुंबई: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने शनिवार को कहा कि कांग्रेस राज्य में बनी गठबंधन सरकार का हिस्सा है और निर्णय लेने के दौरान इसकी भी बात सुनी जानी चाहिए. चव्हाण ने समाचार चैनल एबीपी माझा से कहा कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने वाली तीनों पार्टियों के बीच संतुलन की जरूरत है. राज्य में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में बनी सरकार में राकांपा और कांग्रेस सहयोगी हैं. उन्होंने महा विकास आघाड़ी गठबंधन बनाया है.
कांग्रेस नेता ने कहा कि तीनों पार्टियां न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर साथ आई हैं और देश के संविधान से बंधी हैं. इस पर कोई समझौता नहीं होगा. उनसे पूछा गया क्या वह या पृथ्वीराज चव्हाण ठाकरे नीत सरकार का हिस्सा होंगे, तो उन्होंने कहा कि इस पर निर्णय करना कांग्रेस नेतृत्व का विशेषाधिकार है.
अशोक चव्हाण ने कहा, ‘‘ यह मेरे या पृथ्वीराज चव्हाण के बारे में नहीं है. पार्टी नेतृत्व को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि संतुलन हो. कांग्रेस को मुखर होने की जरूरत है और निर्णय लेने में उसकी आवाज सुनी जानी चाहिए.’’
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मंत्रालयों के आवंटन में विवाद के बारे में किए गए सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘ विभागों के आवंटन पर कोई विवाद नहीं है. 70-80 प्रतिशत विभागों पर एक राय है. कुछ विभागों को लेकर तीनों पार्टियों को लगता है यह उन्हें मिलना चाहिए. इसे हल करना मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है.’’ उन्होंने कहा कि सलाह-मशविरा चल रहा है और आवंटन बांटने में कोई विवाद या देरी नहीं हो रही है.
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