कांग्रेस बोली- किसानों से ‘दिल्ली सल्तनत के बादशाह’ की तरह व्यवहार कर रहे हैं पीएम मोदी
किसान नेताओं ने कहा कि आंदोलन में शामिल किसान आतंकवादी नहीं हैं जो उन्हें अपने ही देश की राजधानी दिल्ली में जाने से रोका जा रहा है. उनका आंदोलन हिंसक भी नहीं है.

नई दिल्ली: हरिद्वार से दिल्ली के लिए निकली किसान क्रांति यात्रा को रोकने के लिए राष्ट्रीय राजधानी की सीमा पर कथित तौर पर बल प्रयोग किए जाने को लेकर कांग्रेस ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ‘दिल्ली सल्तनत के बादशाह’ की तरह व्यवहार करने का आरोप लगाया और सवाल पूछा कि जब चंद उद्योगपतियों के ‘चार लाख करोड़ रुपये माफ किए जा सकते हैं तो देश के अन्नदाताओं के कर्ज माफ क्यों नहीं हो सकते.’’
पूरा देश ‘किसान विरोधी-नरेंद्र मोदी’ के नारों से गूंजेगा- कांग्रेस
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘‘मोदी जी, सैकड़ों किलोमीटर की पदयात्रा कर हजारों किसान अपनी मांगों को लेकर आपके द्वार आए. अगर महात्मा गांधी के विचारों को आत्मसात किया होता तो किसानों को बर्बरतापूर्वक लाठियां नहीं, उनकी मांगों की सौगात दी होती. वह समय दूर नहीं जब पूरा देश ‘किसान विरोधी-नरेंद्र मोदी’ के नारों से गूंजेगा.’’
सुरजेवाला ने कहा, ‘‘क्या भारत के किसान दिल्ली आकर अपनी पीड़ा नहीं बता सकते? क्या किसान प्रधानमंत्री से यह नहीं पूछ सकते कि एमएसपी पर आपका वादा जुमला क्यों साबित हो गया? ’’ उन्होंने कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री जी, आप एक तानाशाह और दिल्ली सल्तनत के बादशाह की तरह व्यवहार कर रहे हैं. जो बादशाह किसानों की पीड़ा नहीं सुन सकता, उसे पद पर एक दिन भी बने रहने का अधिकार नहीं है.’’
किसानों का कर्ज माफ क्यों नहीं कर सकती सरकार- कांग्रेस
उन्होंने कहा, ‘‘अगर मोदी सरकार चार साल में 3.16 लाख करोड़ रुपये बट्टे खाते में डाल सकती है तो फिर देश के 62 करोड़ लोगों का दो लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ क्यों नहीं कर सकती? कांग्रेस नेता ने पूछा, ‘‘ अगर मोदी कुछ लोगों को चार लाख करोड़ रुपये की कर्ज माफी दे सकते हैं तो फिर से 62 करोड़ लोगों के दो लाख करोड़ रुपये माफ क्यों नहीं कर सकते ?’’
यूपी गेट पर दो बार टकराव के हालात हुए जब किसान ट्रैक्टर ट्राली लेकर दिल्ली की सीमा पर पर पहुंच गए और आगे जाने का प्रयास किया. लेकिन वहां अर्द्ध सैनिक बलों की तैनाती और अवरोध के चलते किसान आगे नहीं बढ़ पाए. वहीं दूसरी ओर पुलिस ने दमकल वाहन को सीमा पर सड़क के बीचोंबीच लगाने का प्रयास किया तो किसानों ने उसे पीछे करने के लिए विवश कर दिया.
आंदोलन में शामिल किसान आतंकवादी नहीं- किसान नेता
सुबह से ही पुलिस कप्तान वैभव कृष्ण यूपी गेट पर भारी पुलिस बल के साथ जमे हुए थे और किसानों की भीड़ यूपी गेट की तरफ बढ़ रही थी. किसानों की संख्या बढ़ने के साथ ही आरपीएफ और दूसरे सैन्य बलों को बुला लिया गया. इस बीच, किसान नेताओं ने कहा कि आंदोलन में शामिल किसान आतंकवादी नहीं हैं जो उन्हें अपने ही देश की राजधानी दिल्ली में जाने से रोका जा रहा है. उनका आंदोलन हिंसक भी नहीं है.
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