दिल्ली के 10 कोविड अस्पतालों में अधिक मौत की दरों के विश्लेषण के लिए गठित समिति ने सीएम केजरीवाल को सौंपी रिपोर्ट
स्वास्थ्य विभाग की ओर से 4 कमेटी गठित की गईं थीं और प्रत्येक कमेटी में 4-4 सदस्य थे. इन 4 सदस्यों में से 2 सदस्य आंतरिक चिकित्सा और 2 सदस्य एनेस्थीसिया के विशेषज्ञ थे.

नई दिल्ली: दिल्ली में कोरोना से होने वाली मौत को कम करने के लिये मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के जिन 10 अस्पतालों में कोरोना मरीजों की सबसे अधिक मौतें हो रही थीं, उनके विश्लेषण के लिए चार सदस्यों वाली चार कमेटी का गठन किया था. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दी है. 16 जुलाई को दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग से दिल्ली के सभी अस्पतालों को चेकलिस्ट दी गई थी.
सरकार का कहना है कि इस चेकलिस्ट के आधार पर काम करने के चलते दिल्ली में कोरोना से मौत के आंकड़ों में गिरावट आई है. हालांकि सरकार की कोशिश है कि मौत को शून्य पर लाया जाए. इसके लिए कमेटियों ने अधिक मौत दर वाले 10 अस्पतालों का दौरा कर जांच की और अपनी रिपोर्ट तैयार कर मुख्यमंत्री को सौंपी.
इस रिपोर्ट में समितियों ने सभी अस्पतालों के बारे में अलग-अलग सुझाव दिए हैं, जिन्हें अब दिल्ली सरकार लागू करेगी. हालांकि इन सभी अस्पतालों में पहले के मुकाबले मौत की दर में कमी आई है. 5 अगस्त को जारी आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में कोविड से 11 मौतें हुई हैं.
स्वास्थ्य विभाग की ओर से 4 कमेटी गठित की गईं थीं और प्रत्येक कमेटी में 4-4 सदस्य थे. इन 4 सदस्यों में से 2 सदस्य आंतरिक चिकित्सा और 2 सदस्य एनेस्थीसिया के विशेषज्ञ थे. इन चारों समिति को 10 अस्पतालों में कोविड मौतों के कारण का अध्ययन करने की जिम्मेदारी दी गई थी. साथ ही समितियों को आवंटित अस्पतालों में ये भी आंकलन करने को कहा गया था कि कोविड मरीजों के इलाज में मानकों और प्रोटोकॉल का पालन किया गया था या नहीं?
समिति ने चेकलिस्ट के आधार पर सभी अस्पतालों का दौरा कर व्यवस्था का जायजा लिया और अपनी जांच के आधार पर विस्तृत रिपोर्ट बुधवार शाम मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सौंप दी. सरकार की ओर से कमेटी द्वारा दिए गए सुझाव को लागू करने पर भी सहमति बनी है. कमेटी ने अलग-अलग अस्पतालों के लिए अलग-अलग सुझाव दिए हैं.
अलग-अलग अस्पतालों के लिये कमेटी द्वारा दिए गए सुझाव:-
जीटीबी अस्पताल -कोविड वार्डों को शुरुआती जांच के लिए HFNO/Bi PAP मशीनों से लैस किया जाना चाहिए.
-बीमार मरीजों को जल्द चिन्हित कर आईसीयू में शिफ्ट करना चाहिए.
- रोगी के इलाज में जल्दी प्लाज्मा का उपयोग बढ़ाएं.
सफदरजंग अस्पताल - शुरुआती चेतावनी स्कोर कार्डों का उपयोग किया जाना चाहिए, ताकि मरीजों का तत्काल पता लगाया जा सके और उन्हें वार्डों से क्रिटिकल एरिया में शिफ्ट किया जा सके.
- अधिक खतरे वाले मामलों को आईसीयू या एचडीयू में N/L रेशियो, qSOFA, inflammatory markers/Trop T के शुरुआती संकेत के आधार पर शिफ्ट किया जाना चाहिए.
- कोविड ICU बेड्स की संख्या बढ़ाई जा सकती है.
लोकनायक अस्पताल - शुरुआती चेतावनी स्कोर कार्डों का उपयोग किया जाना चाहिए, ताकि मरीजों का तत्काल पता लगाया जा सके और उन्हें वार्डों से क्रिटिकल एरिया में शिफ्ट किया जा सके.
- अधिक खतरे वाले मामलों को आईसीयू या एचडीयू में N/L रेशियो, qSOFA, inflammatory markers/Trop T के शुरुआती संकेत के आधार पर शिफ्ट किया जाना चाहिए.
सर गंगा राम अस्पताल - लंबे समय तक वेंटिलेशन पर रहने वाले मरीजों में जटिलताओं का पता जल्द लगाना होगा.
श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टिट्यूट व जयपुर गोल्डन अस्पताल HFNC का शुरुआत में उपयोग किया जाना चाहिये, ये मरीज़ के स्वास्थ्य को ठीक करने में मदद करेगा.
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