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मवेशियों की खरीद-बेच के नियमों में बदलाव ला सकती है केंद्र सरकार
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नई दिल्ली: दिल्ली केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की तरफ से जारी जिस आदेश ने केरल से लेकर कोलकाता तक हंगामा खड़ा कर दिया है, उस नियम में सरकार कुछ बदलाव ला सकती है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़ हाल ही में उद्योग जगत के कुछ प्रतिनिधियों के की तरफ से दिए गए प्रस्तुतीकरण के बाद सरकार की तरफ से उन्हें ये आश्वासन दिया गया है कि आने वाले समय में सरकार नियमो में कुछ बदलाव ला सकती है.
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने साफ कर दिया है कि वो मवेशियों पर मोदी सरकार के फैसले को नहीं मानेंगी. उनका कहना है कि राज्यों से बिना पूछे इस तरह का फैसला लिया जाना असंवैधानिक है.
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ममता ही नहीं कांग्रेस नेता पी चिंदबरम ने भी मवेशियों पर बनाए नए कानून पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने ट्विटर पर लिखा है, ‘’गोहत्या से जुड़ा कानून बनाना राज्यों का काम है. किसे इजाजत देनी है किसे नहीं इसमें केंद्र टांग क्यों अड़ा रहा है? लोग क्या खाना चाहते हैं ये चुनने का अधिकार लोगों के पास है. कोई सरकार इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकती.’’
States make laws regulating cow slaughter - what is permissible and what is not. Why does Centre poke its nose?
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) May 29, 2017
People are entitled to choose their food, as long as that food is obtained lawfully. No government can interfere. — P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) May 29, 2017
इस तरह के विरोध के बीच अब खबर आई है कि नए मवेशी बिक्री नियमों में बदलाव ला सकती है.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सरकार लिस्ट से भैंस और ऊंट के नाम हटाने पर केंद्र सरकार दोबारा विचार कर सकती है. यानि केंद्र सरकार ने बूचड़खानों के लिए जिन मवेशियों को खरीदने और बेचने पर रोक लगाई है, उनमें से भैंसों को हटाया जा सकता है. हालांकि अभी इस मामले में कुछ भी तय नहीं हुआ है. फिलहाल केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन विदेश में हैं. उनके वापस देश आने के बाद ही इसपर कोई फैसला लिया जा सकता है.
मोदी सरकार ने शुक्रवार को नोटिफिकेशन जारी कर जिन मवेशियों पर रोक लगाई थी उनमें बैल, गाय, सांड़, भैंस, बछिया, बछड़े और ऊंट शामिल हैं. केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद केरल से लेकर चेन्नई, बेंगलुरू समेत देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए.
केंद्र के इस फैसले के बाद केरल के सीएम पिनरई विजयन ने देश के सभी मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखकर देश के सभी मुख्यमंत्रियों से अपील की है कि वो पीएम को चिट्ठी लिखकर नियम बदलने की मांग करें.
राजनीतिक विरोध के अलावा इसकी आर्थिक वजहें भी हैं. सरकार के नए फैसले से देश के गोमांस निर्यात और चमड़ा क्षेत्र प्रभावित होने की आशंका है. भारत ने वित्त वर्ष 2016-17 में 26,000 करोड़ रुपये के भैंस के मांस और 35,000 करोड़ रुपये के चमड़े और चर्म उत्पादों का निर्यात किया था. इन उद्योगों में करीब 35 लाख लोग जुड़े हुए हैं.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़, हाल ही में उद्योग जगत के कुछ प्रतिनिधियों ने केंद्र से मुलाकात कर नियम बदलने के लिए कहा है. जिसके बाद से केंद्र ने आश्वासन दिया है कि आने वाले समय में सरकार नियमो में कुछ बदलाव ला सकती है.
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