Srikantacharya Jayanti: 'तेलंगाना के पहले शहीद की प्रेरणा के साथ...' बोलीं बीआरएस एमएलसी के. कविता
Srikantacharya Jayanti: बीआरएस एमएलसी ने कहा कि सरकार की नीतियां तेलंगाना के हितों के खिलाफ हैं. ऐसी स्थिति में हमें अपने अधिकारों और पहचान के लिए अडिग रहना होगा.

तेलंगाना के पहले शहीद श्रीकांताचार्य की जयंती पर शुक्रवार (15 अगस्त) को बीआरएस नेताओं ने कहा कि हम उनके अपूर्व बलिदान को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं. वलस पालकों के शासन से तेलंगाना की मुक्ति के लिए 1969 में शुरू हुए दूसरे चरण के आंदोलन में श्रीकांताचार्य ने अपनी जान की आहुति देकर स्वराष्ट्र प्राप्ति के लिए पूरे तेलंगाना को प्रेरित किया. उनका यह त्याग आज भी हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है.
बीआरएस एमएलसी के. कविता ने कहा कि श्रीकांताचार्य ने अपने आत्म बलिदान से न केवल तेलंगाना की जनता में स्वाभिमान जगाया, बल्कि अलग राज्य के सपने को साकार करने की दिशा में एक मजबूत नींव रखी. उनकी शहादत ने तेलंगाना की अस्मिता और आत्मसम्मान के लिए संघर्ष को नई दिशा दी. आज, जब तेलंगाना की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान को कमजोर करने की कोशिशें हो रही हैं. ऐसे में श्रीकांताचार्य का जीवन और बलिदान हमें एकजुट होकर अपनी माटी की रक्षा करने का आह्वान करता है.
'वर्तमान सरकार की नीतियां तेलंगाना के हितों के खिलाफ'
बीआरएस एमएलसी के. कविता ने कहा कि वर्तमान सरकार की नीतियां तेलंगाना के हितों के खिलाफ हैं. ऐसी स्थिति में श्रीकांताचार्य की स्मृति हमें यह सिखाती है कि हमें अपने अधिकारों और पहचान के लिए अडिग रहना होगा. बीआरएस इस संकल्प को दोहराता है कि हम तेलंगाना की संस्कृति, भाषा और इतिहास को संरक्षित करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे.
बीआरएस नेताओं ने क्या कहा ?
बीआरएस नेताओं ने कहा कि श्रीकांताचार्य की जयंती पर हम तेलंगाना की जनता से अपील करते हैं कि वे उनके बलिदान से प्रेरणा लेकर एकजुट हों और तेलंगाना के गौरव को पुनर्जनन करने में योगदान दें. बीआरएस इस दिशा में अपनी प्रतिबद्धता को दोहराता है और श्रीकांताचार्य के सपनों को साकार करने के लिए निरंतर संघर्ष करने का वचन देता है. आइए हम सभी मिलकर तेलंगाना के गौरवशाली भविष्य के लिए श्रीकांताचार्य की प्रेरणा के साथ आगे बढ़ें और उनकी शहादत को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करें.
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Source: IOCL
























