Munugode Bypoll: मुनूगोड़े उपचुनाव से पहले BJP को झटका, स्वामी गौड़ ने TRS में की वापसी
Munugode Election: तेलंगाना में मुनूगोडे उपचुनाव से पहले बीजेपी, कांग्रेस और टीआरएस ने तैयारी शुरू कर दी है. चुनावी सफलता के लिए आए दिन नेता एक दूसरे पर सियासी हमले कर रहे हैं.

Telangana Politics: मुनूगोडे उपचुनाव और लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी और तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) के बीच राजनीति तेज हो गई है. के चंद्रशेखर राव (KCR) जहां आम चुनाव के लिए टीआरएस को भारत राष्ट्र समिति में बदल चुके हैं, वहीं पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए कई नेता घर वापसी कर रहे हैं यानी अपनी पुरानी पार्टी में वापस जा रहे हैं.
स्वामी गौड़ (Swamy Goud) ने बीजेपी से इस्तीफा देकर फिर टीआरएस में वापसी कर ली है. वो नवंबर 2020 में टीआरएस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे. गौड़ के साथ कांग्रेस से बीजेपी में आए दासोजू श्रवण (Dasoju Sravan) ने भी पार्टी छोड़कर मुनूगोड़े में टीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष केटीआर की मौजदूगी में शुक्रवार (21 अक्टूबर) को पार्टी में शामिल हुए.
इस्तीफा क्यों दिया?
दासोजू श्रवण ने इस्तीफा देते हुए बीजेपी पर आरोप लगाया कि पार्टी ने मुनूगोडे में वोटरों को पैसे, मांस और शराब बांटी है. वो तीन महीने पहले ही कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए थे. उन्होंने तेलंगाना बीजेपी अध्यक्ष बंदी संजय कुमार को चिट्ठी लिखी कि मैं पार्टी में बहुत कम उम्मीद से आया था, लेकिन मुझे इस तरह की राजनीति से निराशा हुई. बीजेपी ने वादा किया था कि वो अलग तरह की पॉलिटिक्स करेगी लेकिन मुनूगोडे उपचुनाव से पहले ऐसा करना बिल्कुल भी सही नहीं लगा.
Former Telangana Legislative Council Chairman Sri Swamy Goud and Dr @sravandasoju joined the Telangana Rashtra Samithi (TRS) party in the presence of TRS Working President, Minister Sri @KTRTRS. pic.twitter.com/oJ1BBWQ6l1
— TRS Party (@trspartyonline) October 21, 2022
'मेरी कोई जगह नहीं'
दासोजू श्रवण ने चिट्ठी में बीजेपी पर आरोप लगाया कि वो बीजेपी बिना किसी सामाजिक जिम्मेदारी के पैसे बांटने का सहारा ले रही है. बड़े ठेकेदारों को प्रोत्साहित कर रही है और साथ ही निवेश की राजनीति कर रही है. साथ ही उन्होंने कहा, "ऐसे में यह साफ हो गया है कि मेरे जैसे कमजोर वर्ग से आने वाले नेता के लिए यहां कोई जगह नहीं है." बता दें कि अगस्त में श्रवण ने कांग्रेस को छोड़ते हुए प्रदेश कांग्रेस पर अव्यवस्था का आरोप लगाते हुए कहा था कि वह पार्टी में गुलाम की तरह रहने और काम करने के लिए तैयार नहीं हैं.
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Source: IOCL























