![metaverse](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-top.png)
Kerala Bird Flu: केरल के दो गांवों में बढ़ा बर्ड फ्लू का खतरा, लगभग 8,000 पक्षियों को मारने के मिले आदेश
Bird Flu: केरल के दो क्षेत्रों में बर्ड फ्लू के खतरे की सूचना पर जिला कलेक्टर ने इमरजेंसी बैठक की. जिलाधिकारी ने फ्लू संभावित क्षेत्रों में मुर्गी, पक्षियों के मांस की बिक्री को भी रोक दिया है.
![Kerala Bird Flu: केरल के दो गांवों में बढ़ा बर्ड फ्लू का खतरा, लगभग 8,000 पक्षियों को मारने के मिले आदेश Bird flu outbreak reported in two villages in Kerala Kottayam Kerala Bird Flu: केरल के दो गांवों में बढ़ा बर्ड फ्लू का खतरा, लगभग 8,000 पक्षियों को मारने के मिले आदेश](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/12/13/6b9cbdf56daa0f96683d1678fac3dc501670951088111449_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Kottayam Bird Flu: केरल के कोट्टायम (Kottayam) जिले में बर्ड फ्लू (Bird flu) का खतरा बढ़ गया है. जिले की अरपुकारा ( Arpookara) और थलायाझम (Thalayazham) पंचायतों में यह फ्लू फैलने की सूचना मिली. सूचना मिलने के बाद अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों के एक किलोमीटर के दायरे में लगभग 8,000 बत्तखों, मुर्गियों और अन्य घरेलू पक्षियों को मारने का आदेश दिए गए.
फ्लू फैलने की सूचना मिलने के बाद जिला कलेक्टर (District magistrate) पी के जयश्री (P K Jayasree) ने मंगलवार (13 दिसंबर) को जिले के सभी वरिष्ठ अधिकारियों के साथ दोनों पंचायतों में प्रकोप को ध्यान में रखते हुए स्थिति का जायजा लेने के लिए एक इमरजेंसी बैठक की अध्यक्षता की.
पी के जयश्री ने स्थानीय निकाय और पशुपालन विभाग को प्रभावित क्षेत्रों के एक किमी के दायरे में पक्षियों को पकड़कर उन्हें मारने के निर्देश दिए. जिला पीआरडी के अनुसार अधिकारियों को क्षेत्र को फ्लू से मुक्त करने के लिए सख्त कदम उठाने का भी निर्देश दिया गया है. इसके साथ ही 13 दिसंबर से तीन दिनों के लिए बर्ड फ्लू प्रभावित क्षेत्रों के 10 किलोमीटर के दायरे में चिकन, बत्तख, अन्य घरेलू पक्षियों, अंडे, मीट और खाद की सेल और ट्रांसपोर्टेशन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
H5N1 स्ट्रेन के वाहक हैं माइग्रेटरी बर्ड्स
कलेक्टर ने कहा कि अगर बीमारी के केंद्र से 10 किमी के दायरे में 19 स्थानीय निकायों में चिकन, बत्तख या अन्य घरेलू पक्षियों की कोई असामान्य मौत देखी जाती है, तो इसकी सूचना नजदीकी पशु चिकित्सालय को दी जानी चाहिए. अधिकारियों ने बताया कि माइग्रेटरी और समुद्री पक्षी जिले में पाए जाने वाले H5N1 स्ट्रेन के वाहक हैं. उन्होंने आगे कहा कि आज बर्ड फ्लू के एक केस की पुष्टि हुई है.
अरपुकारा में एक बत्तख फार्म और थलायाझम में एक ब्रायलर मुर्गी फार्म में पक्षियों की मौत के बाद सैंपलों को भोपाल में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाई सिक्योरिटी एनिमल डिजीज लैब में टेस्टिंग के लिए भेजा गया था. प्रभावित क्षेत्रों की पंचायतों में पक्षियों को मारने और खत्म करने के लिए पशुपालन विभाग के रैपिड रिस्पांस टीमों का गठन किया गया है.
ये भी पढ़ें- Bhima Koregaon Case: स्टेन स्वामी के कंप्यूटर में हैकर ने प्लांट किए थे दस्तावेज, अमेरिकी फॉरेंसिक फर्म का दावा
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![metaverse](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![उमेश चतुर्वेदी, वरिष्ठ पत्रकार](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/68e69cdeb2a9e8e5e54aacd0d8833e7f.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)