Tej Pratap Yadav: तेज प्रताप यादव ने PM मोदी से किस चीज के लिए मांगा मौका? बोले- 'बस एक बार...'
एबीपी न्यूज को दिए इंटरव्यू में तेजप्रताप यादव ने खुलकर बात की. उन्होंने अपने पिता लालू प्रसाद यादव से संबंध, अपनी राजनीतिक यात्रा, पायलट बनने के सपने और देश के लिए अपनी भावनाओं के बारे में चर्चा की.

Tej Pratap Yadav Interview: आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को पार्टी और परिवार से निकाल दिया है, जिसके बाद वह अलग अपने बंगले पर रहते हैं. पार्टी से बाहर निकाले जाने के बाद तेजप्रताप यादव ने एबीपी न्यूज को दिए एक हालिया इंटरव्यू में कई ऐसे पहलुओं पर खुलकर बात की, जो अब तक मीडिया की नजरों से दूर थे.
तेजप्रताप यादव ने स्पष्ट रूप से कहा कि हम जनता से न्याय मांगेंगे, पिता से नहीं लड़ेंगे. लेकिन जो हुआ वह अब पीछे नहीं जाएगा. तेजप्रताप ने स्वीकार किया कि उनका अपने पिता लालू यादव से अब बात नहीं हो रही है, जब पत्रकार चित्रा त्रिपाठी ने सवाल किया कि आप अपने पिता से क्यों नहीं मिलते? तो उनका जवाब था, जब मैं खुद बन जाऊंगा तब जाऊंगा मैं वहां.
राजनीति नहीं, देश के लिए मरने को तैयार
इंटरव्यू के सबसे भावनात्मक क्षणों में से एक था जब तेजप्रताप ने कहा कि मोदी जी को कहना चाहता हूं कि मुझे मौका दीजिए, मैं देश के लिए लड़ने को तैयार हूं. बॉर्डर पर भेज दीजिए. एक राजनेता होते हुए भी उन्होंने सैनिक बनने की इच्छा ज़ाहिर की.
चुनाव लड़ेंगे या नहीं तेज प्रताप?
तेजप्रताप ने कहा कि वे चुनाव लड़ेंगे और यह भी जोड़ा कि हसनपुर की जनता को हमारी पहली प्राथमिकता है. हालांकि उन्होंने सीट पर सस्पेंस बनाए रखा, लेकिन यह संकेत दिया कि वह चुनावी राजनीति से दूर नहीं हुए हैं. अब उनके सामने चुनौती यह है कि बिना पार्टी मशीनरी और पारिवारिक समर्थन के वे कैसे जनता तक पहुंचेंगे.
पायलट बनने का सपना अधूरा नहीं, बस रुका हुआ
एक चौंकाने वाला खुलासा यह भी था कि तेजप्रताप कमर्शियल पायलट बनने की ट्रेनिंग पहले भी ले चुके थे. BR Flying Institute से उन्होंने 2010–11 में ट्रेनिंग शुरू की थी, लेकिन चुनावी जिम्मेदारियों के कारण उन्हें बीच में छोड़ना पड़ा. अब, ऑपरेशन सिंदूर के बाद उन्होंने उस सपने को फिर से ज़िंदा किया है. यह दर्शाता है कि तेजप्रताप केवल नेता नहीं, बल्कि बहु-आयामी व्यक्तित्व हैं.
परिवार से दूरी: सियासत का असर या निजी पीड़ा?
उन्होंने इंटरव्यू में बार-बार कहा कि लालू जी के फैसले पर उनका कोई विरोध नहीं है, लेकिन बातचीत न होना खुद एक संकेत है. उन्होंने माना कि राबड़ी देवी से उनकी बात होती है, लेकिन लालू यादव से संबंधों में टूट की चुप्पी है. वो घर की बात है, सार्वजनिक नहीं करना चाहता.
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