बिहार SIR पर मचा बवाल तो जनता की अदालत में पहुंचा चुनाव आयोग, पूछे ये 5 सवाल, क्या है आपकी राय
चुनाव आयोग का कहना है कि अगर विपक्ष सचमुच पारदर्शिता सूची चाहता है तो उन्हें इस प्रक्रिया पर राजनीति न कर चुनाव आयोग और जनता का सहयोग करना चाहिए.

चुनाव आयोग ने देशभर के नागरिकों से मतदाता सूची को अधिक पारदर्शी और त्रुटिरहित बनाने के लिए 5 अहम सवाल पूछे हैं. आयोग का मानना है कि अगर इन सवालों के जवाब “हां” में हैं तो हर नागरिक को मतदाता सूची शुद्धिकरण की इस प्रक्रिया में सहयोग करना चाहिए.
आयोग ने अपने सवालों में सबसे पहले यह मुद्दा उठाया है कि मतदाता सूची की गहन जांच होनी चाहिए या नहीं. दूसरे सवाल में आयोग ने पूछा है कि सूची से मृत लोगों के नाम हटाए जाएं या नहीं. तीसरे सवाल में उन लोगों का जिक्र है जिनके नाम एक से अधिक जगह दर्ज हैं, क्या उन्हें केवल एक ही जगह दर्ज किया जाए.
विदेशी नागरिकों के नाम हटाने को लेकर भी मांगी राय
चौथे सवाल में आयोग ने पूछा है कि जो लोग स्थायी रूप से दूसरी जगह जाकर बस गए हैं, उनके नाम पुरानी सूची से हटाए जाने चाहिए या नहीं. पांचवें और अंतिम प्रश्न में आयोग ने विदेशी नागरिकों के नाम हटाने को लेकर राय मांगी है. चुनाव आयोग ने कहा है कि यह “शुद्ध मतदाता सूची” अभियान केवल उनकी जिम्मेदारी नहीं बल्कि हर मतदाता की भागीदारी से ही सफल हो सकता है.
विपक्ष लंबे समय से लगाता रहा है आरोप
चुनाव आयोग ने अपील की है कि हर नागरिक सक्रिय रूप से इस प्रक्रिया में भाग लें और गलतियों को सुधारने में मदद करें. आयोग के इन 5 सवालों को केवल देश के लोगों के सामने ही नहीं बल्कि विपक्ष को दिया गया एक सीधा संदेश भी माना जा रहा है.
दरअसल विपक्ष लंबे समय से मतदाता सूची में गड़बड़ियों, मृतकों के नाम और दोहरी प्रविष्टियों का मुद्दा उठाता रहा है. आयोग ने इन सवालों के जरिए साफ संकेत दिया है कि अगर विपक्ष सचमुच पारदर्शिता सूची चाहते हैं तो उन्हें इस प्रक्रिया पर राजनीति न कर चुनाव आयोग और जनता का सहयोग करना चाहिए.
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Source: IOCL























