बिहार में शराबबंदी का असर, सड़क दुर्घटना में 60 फीसदी की कमी

पटना: बिहार में पूरी तरह शराबबंदी लागू कर जहां एक तरफ सीएम नीतीश कुमार ने अपनी राजनीतिक दमखम का परिचय दिया, वहीं दूसरी तरफ राज्य सरकार के इस कदम का सकारात्मक असर भी देखने को मिल रहा है. द टाइम्स ऑफ इंडिया की माने तो बिहार में शराबबंदी के बाद सड़क दुर्घटना और उससे होने वाली मौत में 60 फीसदी की कमी आई है.
आंकड़े बताते हैं कि साल 2015 में शराब पीकर गाड़ी चलाने की वजह से 867 लोगों ने अपनी जान गंवाई, वहीं 2016 में यह संख्या कम हो गई और 326 लोगों की मौत हुई. हाल ही इस तरह की दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने हाईवे के 500 मीटर के भीतर आने वाले शराब की दूकानों पर बैन लगा दिया.
बिहार पुलिस के सूत्रों ने बताया कि शराबबंदी ने वास्तव में राज्य में सड़क दुर्घटना में होने वाली मौत की संख्या को कम करने में मदद की है. उन्होंने बताया कि साल 2016 में दूसरे राज्यों के मुकाबले बिहार में सड़क दुर्घटना और उसमें होने वाले मौत मामले में सबसे अधिक सुधार दर्ज किया गया.
डब्लूएचओ (विश्व स्वास्थ्य संगठन) की एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में सड़क दुर्घटनाओं की मुख्य वजह शराब पीकर गाड़ी चलाना है. शराब पीकर गाड़ी चलाने की वजह से होने वाले सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए मोटर व्हीकल कानून के तहत पहली बार शराब पीकर गाड़ी चलाने के लिए 10,000 रुपये और दोबारा गलती दोहराने पर 15,000 रुपये तक का जुर्माना है.
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