Mahalakshmi Murder Case: कत्ल के बाद टुकड़े-टुकड़े करने वाला कहां? पुलिस को मिल गया उसका पता
Bengaluru Murder Case: पुलिस का कहना है कि आरोपी के फोन से पता चला है कि वह पश्चिम बंगाल और ओडिशा बॉर्डर पर छिपा हुआ है. वह बार-बार लोकेशन भी बदल रहा है. हमारी एक टीम उसकी तलाश में वहां गई है.
Bengaluru fridge horror Latest News: बेंगलुरु में 29 वर्षीय महालक्ष्मी की हत्या और शव के 30 से ज्यादा टुकड़े करने के मामले में बेंगलुरु पुलिस की जांच तेजी से जारी है. पुलिस का कहना है कि अपराधी की उम्र करीब 30 साल है और वह ओडिशा-पश्चिम बंगाल की सीमा के पास छिपा हुआ है. शीर्ष पुलिस सूत्रों का कहना है कि हमारी टीम आरोपी को पकड़ने की कोशिश में लगी है. जल्द ही वह पुलिस की गिरफ्त में होगा.
बता दें कि शनिवार (21 सितंबर 2024) को पड़ोसियों की ओर से बदबू की सूचना आने के बाद जब महालक्ष्मी के व्यालिकावल स्थित घर में उसकी मां और बड़ी बहन पहुंचे तो उन्हें उसकी लाश फ्रिज के अंदर 30 टुकड़ों में मिली थी. इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई. पुलिस ने जांच शुरू करते हुए हत्यारे का पता लगाने के लिए चार स्पेशल टीम का गठन किया.
बार-बार लोकेशन बदल रहा है आरोपी
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का कहना है कि विशेषज्ञ जांचकर्ताओं की एक टीम आरोपी के लोकेशन पर भेजी गई है.. हम संदिग्ध तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं. अभी तक की जांच में सामने आया है कि उसकी उम्र करीब 30 साल है. उन्होंने आगे कहा कि संदिग्ध व्यक्ति मूलरूप से ओडिशा का रहने वाला है. वारदात के बाद से वह ओडिशा-पश्चिम बंगाल की सीमा पर छिपा हुआ है. वह बार-बार लोकेशन बदल रहा है.
शव मिलने से एक हफ्ते पहले मर्डर की आशंका
पुलिस सूत्रों का कहना है कि आरोपी के फोन की लोकेशन के आधार पर उसके कई लोकेशन को पुलिस ने ट्रेस किया है. पुलिस की टीम इन लोकेशन पर उसे तलाशने में लगी है. इसके अलावा पीड़िता के मोबाइल फोन से मिले साक्ष्यों ने भी महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं. ऐसा संदेह है कि हत्या कम से कम एक सप्ताह पहले हुई थी, जिससे संदिग्ध व्यक्ति को भागने का पर्याप्त समय मिल गया.
पुलिस का कहना, हमारा फोकस संदिग्ध को पकड़ने पर
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "इस तरह का मामला मेडिकल एक्सपर्ट के लिए भी चुनौती पेश करता है. क्योंकि उनके पास पूरी डेडबॉडी नहीं है, इसलिए यह पता करना चुनौतीपूर्ण होता है कि हत्या कैसे की गई. फिलहाल हमारा ध्यान संदिग्ध को पकड़ने पर है. हिरासत में आने के बाद, हम अपराध के पीछे की परिस्थितियों और संभावित उद्देश्यों का पता लगाएंगे.
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