Azam Khan की जमानत पर सुरक्षित रखा आदेश, SC उठा चुका है एक के बाद एक दर्ज हो रहे मुकदमों पर सवाल
यूपी सरकार के लिए पेश एडिशनल सॉलिसीटर जनरल (ASG) एस वी राजू ने सिब्बल की दलील का विरोध करते हुए कहा कि आजम पर 60 से ज़्यादा केस स्थानीय लोगों ने दर्ज कराए हैं. कई केस पिछली सरकार के समय दर्ज हुए हैं.

Azam Khan's Bail Plea In SC: समाजवादी पार्टी नेता आजम खान (Azam Khan) की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आदेश सुरक्षित रख लिया है. पिछले हफ्ते कोर्ट ने कहा था कि आजम को एक मामले में बेल मिलते ही नया केस दर्ज हो जाता है. इसके जवाब में यूपी सरकार ने कहा कि आजम खान आदतन अपराधी (Habitual Offender) और भू-माफिया (Land Mafia) है. आजम के वकील कपिल सिब्बल (Kapil Sibbal) ने इसका विरोध करते हुए कहा कि इस तरह किसी को लगातार जेल में रखना क्रूरता है. सुप्रीम कोर्ट उनके मुवक्किल को अंतरिम जमानत दे.
यूपी सरकार की दलील
यूपी सरकार के लिए पेश एडिशनल सॉलिसीटर जनरल एस वी राजू ने सिब्बल की दलीलों का विरोध करते हुए कहा कि आजम पर 60 से ज़्यादा केस स्थानीय लोगों ने दर्ज कराए हैं. कई केस पिछली सरकार के समय दर्ज हुए हैं. अब जो नया मामला दर्ज हुआ है, वह फर्जी दस्तावेज से स्कूल को NOC दिलाने का है. केस दर्ज करने वाले अधिकारी को धमकाने का भी मामला है. आजम पर कुछ ऐसी धाराओं में भी मुकदमा है, जिनमें उम्र कैद तक की सजा हो सकती है. सुप्रीम कोर्ट को उनकी रिहाई का आदेश नहीं देना चाहिए.
क्या है मामला?
जेल में रहते हुए यूपी के रामपुर से विधायक चुने गए आजम खान फरवरी, 2020 से जेल में बंद है. उनके ऊपर लगभग 90 आपराधिक केस है. यह केस यूपी पुलिस के अलावा केंद्रीय एजेंसियों ने भी दर्ज किए हैं. उनकी याचिका में बताया गया था कि 86 मामलों में उन्हें जमानत मिल गई है. लेकिन हाई कोर्ट ने पिछले साल दिसंबर से एक मामले में जमानत पर आदेश सुरक्षित रखा हुआ है. कई बार आवेदन देने के बावजूद आदेश नहीं दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने 5 महीने से जमानत पर आदेश न आने को न्यायिक प्रक्रिया का मज़ाक बताया था. आखिरकार, 10 मई को हाई कोर्ट ने ज़मानत के लिए बचे आखिरी मामले में भी आजम को अर्ज़ी स्वीकार कर ली. यह मामला 'शत्रु संपत्ति' पर अवैध कब्जे का था.
जमानत के बाद भी नहीं मिली राहत
आजम की रिहाई से पहले ही एक नए मामले का वारंट सीतापुर जेल पहुंच गया. यह मामला फर्ज़ी दस्तावेजों के ज़रिए 3 स्कूलों को मान्यता दिलवाने से जुड़ा है. इसके चलते अब इस मामले में भी ज़मानत लेना आजम के लिए ज़रूरी हो गया है. 11 मई को हुई सुनवाई में इसकी जानकारी मिलने पर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार की मंशा पर सवाल उठाया था. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एल नागेश्वर राव और बी आर गवई की बेंच ने कहा था कि किसी पर 1-2 मुकदमे दर्ज हों, तो इसे समझा जा सकता है. लेकिन यहां एक के बाद एक 89 केस दर्ज किए गए हैं. इसके चलते वह व्यक्ति 2 साल से जेल में है.
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