Gyanvapi Row: ज्ञानवापी मामले पर असदुद्दीन ओवैसी का बड़ा बयान, abp न्यूज से बोले- मैं एक और मस्जिद नहीं खोना चाहता
Gyanvapi Masjid: असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने कहा कि ज्ञानवापी मामले में निचली अदालत के फैसले के खिलाफ मस्जिद की कमेटी और पर्सनल लॉ बोर्ड को सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए.

Asaduddin Owaisi On Gyanvapi Masjid: एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) मामले का जिक्र करते हुए कहा कि जिस तरीके से बाबरी मस्जिद को छीना गया, उस तारीख को दोहराया जा रहा है. मैं एक मस्जिद को खो चुका हूं, मैं अब दुबारा मस्जिद को खोना नहीं चाहता.
ओवैसी ने एबीपी न्यूज़ से खास बात करते हुए कोर्ट के फैसले पर कहा कि आज का आदेश 1991 के फैसले का उल्लंघन है. फैसले के खिलाफ मस्जिद की कमेटी और पर्सनल लॉ बोर्ड को सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए. गर्मियों की छुट्टी से पहले ही तुरंत जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट के सामने मामले को रखा जाएगा.
हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने कहा कि मुल्क किस राह पर जा रहा है. कुतुब मीनार में आप चले जाते हैं? अपनी विचारधारा के नाम पर संविधान को रौंद देंगे आप? कल मैं कहूंगा कि पीएम के घर के नीचे मेरी मस्जिद है. तो खोदने देंगे आप? देश 1991 के एक्ट के तहत चलेगा या मनचलों की विचारधारा पर चलेगा? देश कानून से चलेगा या आस्था से चलेगा?
असदुद्दीन ओवैसी ने मदरसों को लेकर यूपी सरकार के आदेश पर कहा, ''2016 में ही सरकारी स्कूलों में नेशनल एंथम गाने का आदेश जारी हो चुका है. मैं बीजेपी और आरएसएस को बताना चाहता हूं कि आपकी तरफ से जंगे आजादी में किसी ने हिस्सा नहीं लिया था. जिन मदरसों पर आप शक कर रहे हैं, मदरसों से ही अंग्रेजों के खिलाफ जिहाद का फतवा दिया गया था. उलेमाओं ने जान को कुर्बान किया. सभी मदरसों में देशभक्ति की बातें की जाती हैं. मदरसों में देश से प्यार करने की बातें सिखाई जाती हैं. आप शक की नज़रों से उन्हें देखते हैं, इसलिए आप इस तरह के क़ानून बना रहे हैं. अफसोस है मुझे.''
बता दें कि वाराणसी की एक अदालत ने कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा को हटाने संबंधी अर्जी नामंजूर कर दिया. साथ ही विशाल सिंह को विशेष कोर्ट कमिश्नर और अजय प्रताप सिंह को सहायक कोर्ट कमिश्नर के तौर पर नियुक्त किया. कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर भी वीडियोग्राफी कराई जाएगी.
गौरतलब है कि दिल्ली निवासी राखी सिंह और चार अन्य महिलाओं ने श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा अर्चना की अनुमति देने और परिसर में स्थित विभिन्न विग्रहों की सुरक्षा का आदेश देने के आग्रह संबंधी याचिका दाखिल की थी. इस पर सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने 26 अप्रैल को एक आदेश जारी कर ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर की वीडियोग्राफी सर्वे कराकर 10 मई तक रिपोर्ट देने के आदेश दिए थे. अदालत ने इसके लिए अजय मिश्रा को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया था.
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Source: IOCL

























