एक्सप्लोरर

Article 370 Verdict: 'विलय के साथ ही खत्म हो गई जम्मू कश्मीर की संप्रभुता', आर्टिकल 370 का फैसला सुनाते हुए बोले CJI, जानें जजों ने क्या-क्या कहा

Article 370 Verdict: अनुच्छेद 370 के खिलाफ लगाई गई याचिकाओं पर अपने महत्वपूर्ण फैसले में सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की पीठ ने स्पष्ट कर दिया है कि जम्मू कश्मीर में भारत का संविधान चलेगा.

Jammu Kashmir Article 370: जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ लगायी गई याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (11 दिसंबर 2023) को फैसला सुनाया. मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने फैसला देते वक्त अहम टिप्पणी करते हुए कहा, "जम्मू कश्मीर भारत के संविधान से चलेगा."

कोर्ट ने कहा, "जब राजा हरि सिंह ने भारत के साथ विलय समझौते पर दस्तखत किए, जम्म-कश्मीर की संप्रभुता खत्म हो गई. वह भारत के तहत हो गया. साफ है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. भारत का संविधान जम्मू-कश्मीर के संविधान से ऊंचा है. अनुच्छेद 370 एक अस्थायी व्यवस्था है. 

CJI ने जम्मू कश्मीर पर स्पष्ट की पूरी स्थिति

जम्मू कश्मीर के अनुच्छेद 370 को हटाए जाने को लेकर भी लगायी गई याचिकाओं पर पूरी स्थिति स्पष्ट करते हुए मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड ने चार महत्वपूर्ण बिंदुओं पर रुख स्पष्ट किया. उन्होंने कहा, "जम्मू-कश्मीर को संप्रभुता नहीं. राष्ट्रपति शासन पर विचार की जरूरत नहीं है. जम्मू-कश्मीर संविधान सभा के भंग हो जाने से राष्ट्रपति की शक्ति पर कोई असर नहीं पड़ता. और अपने अंतिम आदेश में सीजेआई ने जम्मू कश्मीर से 370 को हटाए जाने को संवैधानिक फैसला करार देते हुए कहा कि 370 को हटाने का अधिकार राष्ट्रपति के पास है.

जम्मू कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करने का आदेश 

प्रधान न्यायाधीश ने कहा, "सुनवाई के दौरान हमें सॉलिसीटर जनरल ने बताया कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस दिया जाएगा. लद्दाख केंद्र शासित क्षेत्र रहेगा. हम निर्देश देते हैं कि चुनाव आयोग नए परिसीमन के आधार पर जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव करवाए. राज्य का दर्जा भी जितना जल्द संभव हो, बहाल किया जाए." उन्होंने 30 सितंबर 2024 तक विधानसभा चुनाव कराने के आदेश दिए हैं.

राष्ट्रपति की शक्तियों को चुनौती देना संवैधानिक स्थिति नहीं

मामले की सुनवाई करने वाले जजों में प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के अलावा जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत शामिल हैं. जजों ने कहा, "370 का स्थायी होना या न होना, उसे हटाने की प्रक्रिया का सही होना या गलत होना, राज्य को 2 हिस्सों में बांटना सही या गलत- यह मुख्य सवाल है. हमने उस दौरान राज्य में लगे राष्ट्रपति शासन पर फैसला नहीं लिया है. स्थिति के अनुसार राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है." पीठ ने कहा, "अनुच्छेद 356 में राष्ट्रपति को शक्तियां हासिल हैं. उसे चुनौती नहीं दी जा सकती संवैधानिक स्थिति यही है कि उनका उचित इस्तेमाल होना चाहिए. 

जम्मू कश्मीर पर फैसला ले सकता है केंद्र

अनुच्छेद 370 के खिलाफ याचिका लगाने वालों ने दावा किया था कि राज्य के संविधान के विपरीत फैसले लिए गए हैं. इस पर सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने स्पष्ट कह दिया है कि राष्ट्रपति शासन के दौरान केंद्र राज्य सरकार की जगह फैसले ले सकता है. संसद राज्य विधानसभा की जगह काम कर सकता है. इसलिए याचिकाकर्ताओं की यह दलील स्वीकार नहीं की जा सकती कि केंद्र राष्ट्रपति शासन के दौरान न पलटे जा सकने वाले फैसले नहीं ले सकता.

सर्वोच्च न्यायालय ने ये भी कहा है कि राज्य में युद्ध जैसे हालात की वजह से अनुच्छेद 370 एक अस्थायी व्यवस्था थी और संविधान के अनुच्छेद एक और 370 से ये स्पष्ट है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है.

निष्पक्ष शांति समिति गठन की सिफारिश
न्यायमूर्ति संजय किशन कौल ने कहा, "मैं कम से कम 1980 के दशक से मानवाधिकारों के उल्लंघन की जांच, रिपोर्ट करने और शांति बहाली के उपायों की सिफारिश करने के लिए एक निष्पक्ष समिति की स्थापना की सिफारिश करता हूं." उन्होंने कहा, "एक पूरी पीढ़ी अविश्वास के दौर में बड़ी हुई है. अनुच्छेद 370 का उद्देश्य धीरे-धीरे जम्मू-कश्मीर को भारत के अन्य राज्यों के बराबर लाना था. जम्मू-कश्मीर संविधान सभा की अनुशंसा की आवश्यकता को बड़े इरादे को निरर्थक बनाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता.'

क्या है याचिकाकर्ताओं की दलील

अनुच्छेद 370 और 35 ए के जरिए जम्मू और कश्मीर को मिले विशेष अधिकार 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने खत्म कर दिया था, इसके लिए अध्यादेश लाया गया था.  370 हटाने का विरोध कर रहे याचिकाकर्ताओं की दलील है कि 1957 के बाद बिना विधानसभा की मंजूरी के अनुच्छेद 370 को हटाया नहीं जा सकता. इस संविधान पीठ ने 16 दिनों तक चली जिरह के बाद इसी साल 5 सितंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. इस मामले में कुल 23 याचिकाएं दायर की गई थीं. याचिकाकर्ताओं में नागरिक समाज संगठन, वकील, राजनेता, पत्रकार और कार्यकर्ता शामिल हैं.

किस तरफ से खड़े हुए कौन वकील

मामले में याचिकाकर्ताओं की तरफ से कपिल सिब्बल, गोपाल सुब्रमण्यम, राजीव धवन,दुष्यन्त दवे, गोपाल शंकरनारायणन, जफर शाह पेश हुए. जबकि केंद्र सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमण, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, हरीश साल्वे, राकेश द्विवेदी और वी गिरी ने पक्ष रखा है.

ये भी पढ़ें :Mehbooba Mufti House Arrest: आर्टिकल 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले महबूबा मुफ्ती के हाउस अरेस्ट का दावा, पुलिस ने कहा - कोई नजरबंद नहीं

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Swati Maliwal Assault: महिलाओं के अपमान पर केजरीवाल चुप क्यों? स्वाति मालीवाल केस में जेपी नड्डा ने AAP को घेरा
महिलाओं के अपमान पर केजरीवाल चुप क्यों? स्वाति मालीवाल केस में जेपी नड्डा ने AAP को घेरा
मुंबई में विपक्ष पर बरसे राज ठाकरे, 'पंडित नेहरू के बाद...', बाबरी मस्जिद पर भी दिया बयान
मुंबई में विपक्ष पर बरसे राज ठाकरे, 'पंडित नेहरू के बाद...', बाबरी मस्जिद पर भी दिया बयान
पाकिस्तानी एक्टर जिसने Shah Rukh Khan को दे दिया था ज्ञान, बॉलीवुड फिल्मों में किया है काम, पहचाना क्या?
पाकिस्तानी एक्टर जिसने शाहरुख खान को दे दिया था ज्ञान, पहचाना?
PoK में विरोध से डरी पाकिस्तान सरकार, विदेश मंत्री ने पाक संसद से लगाई भारत से दोस्ती की गुहार
PoK में विरोध से डरी पाकिस्तान सरकार, विदेश मंत्री ने पाक संसद से लगाई भारत से दोस्ती की गुहार
Advertisement
for smartphones
and tablets

वीडियोज

Elections 2024: आज शाम पांचवें दौर के लिए थम जाएगा चुनाव प्रचार, 20 मई को होगी पांचवे चरण की वोटिंगLoksabha Elections 2024: यूपी की सुल्तानपुर सीट पर जनता ने बता दिया कौन सा चुनावी मुद्दा है प्रभारी?Breaking: स्वाति मालीवाल की मौजूदगी में दिल्ली पुलिस, FSL टीम ने सीएम हाउस में रीक्रिएट किया सीनBhagya Ki Baat 18 May 2024: क्या कहते हैं आपके भाग्य के सितारे? जानिए आज का राशिफल

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Swati Maliwal Assault: महिलाओं के अपमान पर केजरीवाल चुप क्यों? स्वाति मालीवाल केस में जेपी नड्डा ने AAP को घेरा
महिलाओं के अपमान पर केजरीवाल चुप क्यों? स्वाति मालीवाल केस में जेपी नड्डा ने AAP को घेरा
मुंबई में विपक्ष पर बरसे राज ठाकरे, 'पंडित नेहरू के बाद...', बाबरी मस्जिद पर भी दिया बयान
मुंबई में विपक्ष पर बरसे राज ठाकरे, 'पंडित नेहरू के बाद...', बाबरी मस्जिद पर भी दिया बयान
पाकिस्तानी एक्टर जिसने Shah Rukh Khan को दे दिया था ज्ञान, बॉलीवुड फिल्मों में किया है काम, पहचाना क्या?
पाकिस्तानी एक्टर जिसने शाहरुख खान को दे दिया था ज्ञान, पहचाना?
PoK में विरोध से डरी पाकिस्तान सरकार, विदेश मंत्री ने पाक संसद से लगाई भारत से दोस्ती की गुहार
PoK में विरोध से डरी पाकिस्तान सरकार, विदेश मंत्री ने पाक संसद से लगाई भारत से दोस्ती की गुहार
Swati Maliwal: स्वाति मालीवाल केस: दिल्ली सीएम आवास से CCTV कैमरों का डंप ले गई पुलिस, आज फिर जांच के लिए पहुंचेगी टीम
स्वाति मालीवाल केस: दिल्ली सीएम आवास से CCTV कैमरों का डंप ले गई पुलिस, आज फिर जांच के लिए पहुंचेगी टीम
Pakistan Moon Mission: पाकिस्तान के चंद्र मिशन की पहली तस्वीर की लोग जमकर उड़ा रहे मजाक, बोले- सैमसंग का फोन ले जाते
पाकिस्तान के चंद्र मिशन की पहली तस्वीर की लोग जमकर उड़ा रहे मजाक, बोले- सैमसंग का फोन ले जाते
Phone Tips: फोन में इंटरनेट चलाने में आ रही दिक्कत? इन 5 टिप्स से चुटकियों में पाएं छुटकारा
फोन में इंटरनेट चलाने में आ रही दिक्कत? इन 5 टिप्स से सब हो जाएगा आसान
Swati Maliwal Case: क्या कोई राजनीतिक पार्टी अपने सांसद की संसद सदस्यता खत्म करा सकती है?
क्या कोई राजनीतिक पार्टी अपने सांसद की संसद सदस्यता खत्म करा सकती है?
Embed widget