सिंदूरी-संदेश मिठाई, आकाश और बोफोर्स... जिन हथियारों ने पाकिस्तान को सिखाया सबक, वो आर्मी चीफ की पार्टी के मेन्यू में शामिल
आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के मार गिराए गए यीहवा ड्रोन का प्रदर्शन किया. इस कार्यक्रम में सिंदूरी-संदेश मिठाई सहित आकाश और बोफोर्स नाम के रेस्पी दिखाई दिए.

आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सोमवार (15 दिसंबर 2025) को 1971 युद्ध के विजय दिवस की पूर्व संध्या पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया. इसमें ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के मार गिराए गए यीहवा ड्रोन को प्रदर्शित किया गया. इस कार्यक्रम में सबसे शानदार बात ये रही कि इसके मेन्यू में शामिल डिशेज ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इस्तेमाल किए गए भारतीय हथियारों के नाम पर थी. इसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई हस्तियों ने हिस्सा लिया.
आकाश और बोफोर्स नाम की रेसिपी
आर्मी चीफ की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में सिंदूरी-संदेश मिठाई सहित आकाश और बोफोर्स नाम की रेसिपी दिखाई दिए. इसमें L-70, आकाश मिसाइल सिस्टम, बोफोर्स तोप का भी जिक्र किया गया है. एल-70 एक 40 एमएम की एंटी-एयरक्राफ्ट गन है, जिसे स्वीडन की बोफोर्स कंपनी ने बनाई थी. भारत ने इसे 1960 के दशक में खरीदा था और अब यह पूरी तरह भारतीय तकनीक से अपग्रेड हो चुकी है. यह गन एक मिनट में 240 से 330 गोलियां चला सकती है. इस साल विजयादशमी पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भुज में एल-70 एयर डिफेंस गन की पूजा की थी. ऑपरेशन सिंदूर से दौरान इस गन ने पाकिस्तान के ड्रोन को गिरान में बड़ी भूमिका निभाई थी.
आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी के आवास पर पाकिस्तान को सबक सिखाने वाले हथियारों के नाम पर डिशेज तैयार किए गए हैं. इसका वीडियो सामने आया है. इनमें L-70 AAG, आकाश डिफेंस सिस्टम और बोफोर्स तोप दिखाई दे रही है. pic.twitter.com/7cJGM0Ypfo
— Rishi Kant (@rishika60597768) December 15, 2025
भारतीय हथियार की ताकत
आकाश मिसाइल भारत ने बनाया है, जो सतह से हवा में मार करने में सक्षम है. DRDO की ओर से बनाया गया ये मिसाइल दुश्मन के विमान, ड्रोन या क्रूज मिसाइल को 45 किलोमीटर दूर से ही मार गिरा सकती है. आकाश मिसाइल सिस्टम ने पाकिस्तानी ड्रोन और मिसाइलों को नष्ट किया था, जिसके बाद दुनिया ने भारत के हाथियारों को लोहा माना था. कारगिल युद्ध में पाकिस्तान की हालत खराब करने वाली बोफोर्स तोप अब और भी खतरनाक हो गई है. भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड ने बोफोर्स में ड्रोन गार्ड सिस्टम लगा दिया है. भारतीय सेना ने इसी से पाकिस्तान के बंकरों और ठिकानों को तबाह किया था.
क्यों मनाया जाता है विजय दिवस?
1971 की जंग में पाकिस्तान के दो टुकड़े कर पराजित करने की याद में हर वर्ष 16 दिसंबर को विजय दिवस मनाया जाता है. बांग्लादेश ने 1971 में मुक्ति संग्राम के तहत पाकिस्तान से स्वाधीनता हासिल की थी. पाकिस्तानी सैनिकों ने 25 मार्च से लेकर 16 दिसंबर 1971 तक बांग्लादेश में नरसंहार किया. इसके बाद भारत ने 4 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध का ऐलान कर दिया, जो 16 दिसंबर को खत्म हुआ. इस युद्ध में भारत की बड़ी जीत हुई और पाकिस्तान के करीब 82 हजार सैनिकों को भारत ने बंदी बना लिया. 1974 में पाकिस्तान ने मजबूरी में बांग्लादेश को स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता दी, जिसके बाद इन 195 लोगों के खिलाफ दायर मामले को खत्म कर वापस उनके देश भेज दिया.
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