Delhi Assembly Election 2025: 'दिल्ली में AAP से करना चाहते थे गठबंधन, लेकिन केजरीवाल ने...', अजय माकन का बड़ा दावा
Ajay Maken: कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा कि उनकी राय है कि दिल्ली में कांग्रेस का आम आदमी पार्टी से कोई गठबंधन नहीं होना चाहिए. उन्होंने 2013 और 2024 में आप का समर्थन करने की आलोचना की.

Delhi Politics: कांग्रेस नेता अजय माकन ने शनिवार (18 जनवरी) को कहा कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) के साथ कांग्रेस का कोई गठबंधन नहीं होना चाहिए हालांकि उन्होंने इसे अपनी व्यक्तिगत राय बताते हुए विकल्प खुला रखा. माकन ने कहा "मेरी व्यक्तिगत राय है कि कांग्रेस को आप के साथ गठबंधन नहीं करना चाहिए. मुझे ये भी लगता है कि 2013 में कांग्रेस को आप का समर्थन नहीं करना चाहिए था और 2024 के लोकसभा चुनावों में भी कोई गठबंधन नहीं होना चाहिए था. यह मेरी व्यक्तिगत राय है."
माकन ने ये भी दावा किया कि कांग्रेस ने हरियाणा और दिल्ली में आप के साथ गठबंधन करने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन अरविंद केजरीवाल ने खुद ही घोषणा कर दी कि उनकी पार्टी हरियाणा में सभी 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी और दिल्ली में भी अपनी ताकत से चुनावी मैदान में उतरेगी. माकन के अनुसार "आप ने खुद ही ये तय किया कि वे दिल्ली में अकेले चुनाव लड़ेंगे."
पुराने बयान पर कायम माकन
माकन ने अपने पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वह अपने पुराने बयान पर कायम हैं जिसमें उन्होंने अरविंद केजरीवाल को "देशद्रोही" करार दिया था. माकन ने कहा "मैंने जो बयान दिया था वह मेरी व्यक्तिगत राय थी और मैं अब भी उसी पर कायम हूं." उन्होंने ये भी कहा कि कांग्रेस का समर्थन करने की वजह से दिल्ली के लोगों को 2013 में परेशानी उठानी पड़ी और इसका फायदा भाजपा को हुआ.
कांग्रेस का राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत होना जरूरी
माकन ने ये भी कहा कि अगर कांग्रेस राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत नहीं होगी तो भाजपा से मुकाबला करना मुश्किल होगा. उन्होंने ये तर्क दिया कि दिल्ली में आप का बढ़ता प्रभाव भाजपा को फायदा पहुंचाता है और इस स्थिति में एक मजबूत कांग्रेस ही भाजपा का मुकाबला कर सकती है. "कांग्रेस को कमजोर करके भाजपा से नहीं लड़ा जा सकता" माकन ने कहा.
माकन ने आगे क्या कहा?
माकन ने दावा किया कि दिल्ली में आप ने कभी भाजपा के खिलाफ प्रभावी रूप से संघर्ष नहीं किया है. उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस दिल्ली में मजबूत होती तो भाजपा को दिल्ली में जीतने का मौका नहीं मिलता. माकन ने ये भी बताया कि जब दिल्ली में कांग्रेस की सरकार थी तो शिला दीक्षित के नेतृत्व में पार्टी ने सभी सात लोकसभा सीटें जीती थीं और भाजपा को दिल्ली में हार का सामना करना पड़ा था.
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