अजमेर शरीफ दरगाह में शिव मंदिर होने के दावे पर भड़के ओवैसी, बोले- हिंदुत्व का एजेंडा पूरा...
Owaisi Criticizes PM Modi: अजमेर शरीफ दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा, कोर्ट ने याचिका मंजूर की. ओवैसी ने 1991 कानून का हवाला देते हुए पीएम मोदी पर चुप रहने का आरोप लगाया है.

Owaisi Criticizes PM Modi: अजमेर शरीफ दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा करते हुए एक याचिका दायर की गई थी, जिसे अब अदालत ने मंजूर कर लिया है. इस मामले में कोर्ट ने सभी पक्षकारों को नोटिस जारी कर दिया है और आगामी सुनवाई के लिए 20 दिसंबर का दिन तय किया है. यह मामला धार्मिक आस्थाओं और इतिहास के बीच विवाद का कारण बन सकता है, क्योंकि अजमेर शरीफ की दरगाह एक प्रमुख मुस्लिम धार्मिक स्थल है.
इस मुद्दे पर एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने बयान दिया है, जिसमें उन्होंने सरकार और अदालतों के कानूनी कर्तव्यों पर सवाल उठाए. एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने लिखा, "सुल्तान-ए-हिन्द ख़्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती (RA) भारत के मुसलमानों के सबसे अहम औलिया इकराम में से एक हैं. उनके आस्तान पर सदियों से लोग जा रहे हैं और जाते रहेंगे इंशाअल्लाह. कई राजा, महाराजा, शहंशाह, आए और चले गये, लेकिन ख़्वाजा अजमेरी का आस्तान आज भी आबाद है."
उन्होंने कहा कि 1991 का इबादतगाह कानून साफ तौर पर यह कहता है कि किसी भी इबादतगाह की मजहबी पहचान को नहीं बदला जा सकता. ओवैसी ने यह भी आरोप लगाया कि हिंदुत्व तंजीमों का एजेंडा पूरा करने के लिए कानून और संविधान का उल्लंघन किया जा रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पर चुप हैं.
कानूनी और धार्मिक विवाद का संगम
यह मामला न केवल धार्मिक भावनाओं को भड़का सकता है, बल्कि कानूनी दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह इबादतगाहों की धार्मिक पहचान के संरक्षण से जुड़ा हुआ है. कोर्ट की आगामी सुनवाई 20 दिसंबर को होगी, जिसमें यह तय किया जाएगा कि इस विवाद पर आगे कैसे कार्रवाई की जाए. इस मामले को लेकर राजनीतिक और धार्मिक दोनों ही पक्षों से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. जहां एक ओर ओवैसी ने इस मुद्दे पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है, वहीं दूसरी ओर धार्मिक संगठनों का कहना है कि इस तरह के विवादों से देश की सांप्रदायिक एकता को नुकसान पहुंच सकता है.
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Source: IOCL





















