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IN DEPTH: जानिए, कैसे चोर दरवाज़े से रेलवे किराया बढ़ सकता है!

नई दिल्ली: आम लोगों की जेब को झटका लग सकता है. सरकार ऐसे संकेत दे रही है कि रेलवे किराये में बढ़ोत्तरी होगी. वित्तमंत्री अरूण जेटली अपना आम बजट पेश करने से पहले ही संदेश दे रहे हैं कि रेलवे की सेवाओं के लिए जनता को धन खर्च करना पड़ेगा. जेटली ने कहा कि पिछली सरकारें जनता को सब्सिडी देकर लोकलुभावन बजट देती रहीं हैं. अब ऐसा नहीं होगा. जेटली ने कहा कि 2011 में जब मैंने रेलवे बजट करीब से देखा तो उसमें मॉल बनाने से लेकर बंगाल न्यूज़पेपर को जिन्दा करने जैसे कई काम था, जो रेलवे को नहीं करना चाहिए और हमने इस थ्योरी को बदला. पहले रेलवे बजट पढ़ा जाता तो सब आखिरी हिस्सा है सुनते थे, जिसमें नई गाड़ियों घोषणा होती थी. इसलिए हमारी सरकार ने सबसे पहले गाड़ियों की घोषणा बंद की और सर्विस पर ध्यान दिया. जेटली पिछली सरकारों पर तंज कसते हुए बोले कि बीते सालो में रेलवे की परफॉर्मेंस पर लोकप्रियता हावी हो गई थी. दुनिया भर में वही मॉडल सफल है जहां ग्राहक पे करता है अच्छी सर्विस के लिए. बीते कई सालों से ऐसे परियोजनाओं की घोषणा की जाती रही है जिसमें जरुरत से ज्यादा लोकप्रियता का ध्यान रखा गया था. वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि पिछले एक दशक में हमारे एयरपोर्ट वर्ल्डक्लास बन गए हैं. अब हमारे रेलवे की बारी है. रेलवे का काम ट्रेन चलाने है. अतिथि सत्कार उनका कोर काम नहीं है. वैसे ही एकाउंटिंग उनका कोर एरिया नहीं है. इसलिये मुझे उम्मीद है कि नए एकाउंटिंग में रेलवे को ज्यादा बेहतर रिजल्ट मिलेंगे. जेटली ने बताया कि रेलवे का ध्यान निवेश और अच्छे गुणवत्ता की सर्विसेज पर होनी चाहिए. रेलवे के पास जितना संसाधन है वह एयरपोर्ट की तरह क्यों नहीं विकसित हो सकता. इन बयानों से साफ है कि आने वाले समय में रेलवे बेहतर सर्विसेज के लिए जेब ढ़ीली करनी होगी. इस बार रेल बजट विलय होने के बाद वित्त मंत्री रेल बजट पेश करेंगे. ट्रेन से सफर वालों के लिए बेहद अच्छी खबर रेल किराया सीधे नहीं, चोर दरवाजे से बढ़ेगा रेलवे जल्द ही रेल किराया बढ़ाने की तैयारी में है लेकिन इस बार सीधे नहीं, चोर दरवाज़े से. दरअसल रेल मंत्रालय ने रेल टैरिफ अथॉरिटी का खाका तैयार कर लिया है. अब इस अथॉरिटी का नाम रेल डेवलपमेंट अथॉरिटी होगा . अथॉरिटी का तीन काम होगा - पहला काम रेल किरायों को तय करना रेलवे के परफॉर्मेंस संबंधी स्टैण्डर्ड सेट करना. और तीसरा अलग अलग संस्थओं के साथ विवाद का निपटारा करना. फ्लेक्सी फेयर सिस्टम में अहम बदलाव खास बात ये की सरकार इस अथॉरिटी को लाने के लिए कानूनी रास्ता अख्तियार नहीं करेगी. कैबिनेट के पास करते ही रेल डेवलपमेंट अथॉरिटी बनने के रास्ता साफ हो जायेगा. अब सवाल ये कि आखिर कानूनी रास्ता क्यों नहीं? ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले संसद सत्र में काम न के बराबर हुआ. अगर इस बिल पर भी विपक्ष राजी नहीं हुआ तो बिल स्टैंडिंग समिति को जायेगा, फिर उसमें संशोधन होंगे और पास होते होते 3 सत्र तो खराब हो ही जायेंगे. और सरकार इतना इंतज़ार नहीं कर सकती. अब आपको बताते हैं कैसे बनेगी अथॉरिटी और कौन चुनेगा अथॉरिटी के चेयरमैन को? रेल डेवलपमेंट अथॉरिटी का एक चेयरमैन होगा और तीन सदस्य होंगे. इन सदस्यों को चुनने के लिए एक सर्च समिति बनेगी. इस समिति के सदस्य होंगे कैबिनेट सेक्रेटरी, सेक्रेटरी DOPT, दूसरे रेगुलेटर का एक और प्रतिनिधि होगा और एक रेलवे बोर्ड का अधिकारी होगा.
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