रामलीला मैदान विवाद: केजरीवाल बोले- PM का नाम अटल रख दें तब वोट मिलेंगे
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि रामलीला मैदान इत्यादि के नाम बदलकर अटल जी के नाम पर रखने से वोट नहीं मिलेंगे. बीजेपी को प्रधानमंत्री जी का नाम बदल देना चाहिए.

नई दिल्ली: दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान का नाम दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखे जाने के प्रस्ताव पर विवाद शुरू हो गया है. दिल्ली के मुख्यमत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बीजेपी को पीएम का ही नाम बदल देना चाहिए, तभी शायद उन्हें वोट मिलेंगे. सीएम केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, ''रामलीला मैदान इत्यादि के नाम बदलकर अटल जी के नाम पर रखने से वोट नहीं मिलेंगे. बीजेपी को प्रधान मंत्री जी का नाम बदल देना चाहिए. तब शायद कुछ वोट मिल जायें. क्योंकि अब उनके अपने नाम पर तो लोग वोट नहीं दे रहे.''
रामलीला मैदान इत्यादि के नाम बदलकर अटल जी के नाम पर रखने से वोट नहीं मिलेंगे
भाजपा को प्रधान मंत्री जी का नाम बदल देना चाहिए। तब शायद कुछ वोट मिल जायें। क्योंकि अब उनके अपने नाम पर तो लोग वोट नहीं दे रहे। https://t.co/156uKuTQ7V — Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) August 25, 2018
वहीं आप की एक अन्य नेता अल्का लांबा ने बीजेपी से पूछा की अटल बिहारी वाजपेयी क्या राम से बड़े हैं. उन्होंने कहा, ''भक्त समझ नही पा रहे भगवान राम के नाम का विरोध करें या फिर अटल जी के नाम का.''
भक्त समझ नही पा रहे भगवान राम के नाम का विरोध करें या फिर अटल जी के नाम का ...#रामलीलमैदान
— Alka Lamba (@LambaAlka) August 25, 2018
AAP विधायक ने कहा, ''जिस तरह डूबते को तिनके का सहारा होता है, ठीक उसी तरह BJP को अटल जी का सहारा लेना पड़ रहा है. बीजेपी पोलिंग बूथ तक पहुचायेंगी अटल जी का अस्थि कलश. वो भी अटल जी के परिवार में भारी नाराजगी को नजरअंदाज करते हुए. इससे निचले स्तर की राजनीति और क्या हो सकती है?''
बीजेपी की सफाई आम आदमी पार्टी के हमलों पर बीजेपी ने सफाई दी है और झूठ फैलाने का आरोप लगाया. दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा, ''कुछ लोग जानबूझकर भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं! मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम हम सबके आराध्य हैं इसलिये रामलीला मैदान का नाम बदलने का कोई सवाल ही नहीं है!''
कुछ लोग जानबूझकर भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं! मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम हम सबके आराध्य हैं इसलिये रामलीला मैदान का नाम बदलने का कोई सवाल ही नहीं है! pic.twitter.com/xJ7XrSIutO
— Manoj Tiwari (@ManojTiwariMP) August 25, 2018
आपको बता दें कि आज उत्तरी दिल्ली नगर निगम के बीजेपी के पार्षदों ने रामलीला मैदान का नाम वाजपेयी के नाम पर रखे जाने का प्रस्ताव रखा है. पार्षदों के इस प्रस्ताव पर 30 अगस्त को सदन में चर्चा होगी. उत्तरी दिल्ली नगर निगम में बीजेपी के कब्जे में है. साफ है कि प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाएगी.
दिवंगत प्रधानमंत्री वाजपेयी के निधन के बाद से ही बीजेपी शासित राज्यों में संस्थानों, शहरों और सड़कों का नाम रखे जाने की तैयारी हो रही है. छत्तीसगढ़ सरकार ने नया रायपुर का नाम अटल नगर रखने का फैसला किया है. साथ ही उनकी जीवनी को किताबों में शामिल करने का प्रस्ताव रखा है. वहीं उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर 44 राजकीय इंटर कॉलेज खोलने की बात कही है. उत्तर प्रदेश सरकार ने कई रास्तों, चौराहों का नाम बदलने के साथ-साथ अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर कई योजनाओं का एलान भी किया है.
खेतान का इशारों में लीडरशिप पर निशाना, कहा- कुर्सी पर बैठे लोगों को उदार मन दिखाना चाहिए
भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का नई दिल्ली में 16 अगस्त को एम्स में 93 साल की उम्र में निधन हो गया था. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 100 से अधिक नदियों में वाजपेयी की अस्थियां विसर्जित कर रही है.
छत्तीसगढ़: अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थि कलश कार्यक्रम में बीजेपी नेताओं ने लगाए ठहाके
हालांकि इसकी आलोचना भी हो रही है. अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी करुणा शुक्ला ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि पार्टी स्वार्थ के चलते 2019 में फायदे के लिए पूर्व प्रधानमंत्री के नाम का इस्तेमाल कर रही है. बीजेपी के कई नेताओं के फोटो सामने आए हैं जिसमें वे अस्थि कलश के साथ सेल्फी ले रहे हैं और ठहाके लगा रहे हैं.
रामलीला मैदान का इतिहास? साल 1930 में रामलीला मैदान का निर्माण सालाना होने वाली राम लीला के लिए किया गया था. 1930 के शुरुआत में रामलीला मैदान एक तालाब था जिसे भरकर रामलीला के लिए मैदान तैयार किया गया. इससे पहले लाल किला के पीछे रामलीला होती थी लेकिन यमुना में बाढ़ के पानी की वजह से इसे शिफ्ट करना पड़ा. साल 1961 में पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने क्वीन एलीजाबेथ द्वतीय के लिए रामलीला मैदान में मंदिरनुमा पवेलियन बनवाया. रामलीला मैदान ने दिल्ली के कुछ ऐतिहासिक घटनाक्रम भी देखे. रामलीला मैदान और ऐतिहासिक घटनाक्रम 1963: चीन से युद्ध में हार के बाद स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने रामलीला मैदान में ही ऐ मेरे वतन के लोगों गाया था, इसे सुनकर पंडित जवाहर लाल नेहरू की आंखों में आंसू आ गए थे. 1965: पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने रामलीला मैदान से ही जय जवान, जय किसान का नारा दिया था. 1972: पाकिस्तान से युद्ध और बांग्लादेश निर्माण के बाद पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने रामलीला मैदान में ही विशाल जनसभा को संबोधित किया था. 1975: समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण ने आपातकाल के विरोध में रामलीला मैदान से ही पुलिस, सैन्यबल और सरकारी कर्मचारियों से इंदिरा गांधी के 'अनैतिक आदेशों' को ना मानने का आवाहन किया था. राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की कविता 'सिंहासन खाली करो कि जनता आती है' भी कही थी. फरवरी 1977: आपातकाल हटने से सिर्फ एक महीने पहले विपक्षी नेताओं मोरारजी देसाई, अटल बिहारी वाजपेयी, चरण सिंह और चंद्रशेखर ने जगजीवन राम के नेतृत्व में संयुक्त रैली की. जून 2011: कालेधन के खिलाफ आंदोलन कर रहे बाबा रामदेव को दिल्ली पुलिस ने रामलीला मैदान से ही आधी रात में गिरफ्तार किया था. अगस्त 2011: सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लोकपाल बिल की मांग को लेकर रामलीला मैदान में 12 दिन तक अनशन किया. फरवरी 2015: अरविंद केजरीवाल ने रामलीला मैदान में दिल्ली के मुख्यमंत्री के पद की शपथ ली.
लंदन में बोले राहुल गांधी- अगला चुनाव BJP बनाम अन्य के बीच, मुस्लिम ब्रदरहुड से की RSS की तुलना
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL






















