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आसमान में गरजे राफेल-सुखोई, कर्तव्य पथ पर दिखा भीष्म और ब्रह्मोस का जलवा, गणतंत्र दिवस परेड की बड़ी बातें

Republic Day 2025: कल्चर मिनिस्ट्री के सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ 76वें गणतंत्र दिवस की परेड शुरू हुई. इस साल पहली बार कर्तव्य पथ पर एक साथ 5 हजार कलाकारों ने प्रस्तुति दी.

Republic Day 2025: आज देशभर में 76वां गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे पहले वॉर मेमोरियल पहुंचे और शहीदों को श्रद्धांजलि दी. इसके बाद वे गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल होने के लिए कर्तव्य पथ पहुंचे. वहीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो के साथ बग्घी में बैठकर कर्तव्य पथ पहुंची.

इस बार गणतंत्र दिवस का थीम स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास है. कल्चर मिनिस्ट्री के सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ परेड की शुरुआत हुई. इसमें देशभर के 300 प्रतिभाशाली कलाकार शामिल हुए. इसके बाद इंडोनेशिया के सशस्त्र बल का मर्चिंग दस्ता कर्तव्य पथ से गुजरा.

तीनों सेनाओं ने कर्तव्य पथ पर दिखाया दम

76वें गणतंत्र दिवस समारोह में भारत ने अपनी सैन्य शक्ति का भव्य प्रदर्शन किया. इसमें विशिष्ट मार्चिंग टुकड़ियां, मिसाइलें और विभिन्न स्वदेशी हथियार शामिल थे. मुख्य अतिथि के रूप में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो भी इसके गवाह बने.  पहली बार, सशस्त्र बलों के बीच तारतम्यता की व्यापक भावना को दर्शाती सेना की तीनों सेवाओं की झांकी राष्ट्रीय राजधानी के कार्तव्य पथ पर देखने को मिली. इसमें स्वदेशी अर्जुन युद्ध टैंक, तेजस लड़ाकू विमान और आधुनिक हल्के हेलीकॉप्टर के साथ थल, जल और हवा में समकालिक अभियान का प्रदर्शन करते हुए एक युद्धक्षेत्र के परिदृश्य को दर्शाया गया. सेना की तीनों सेवाओं की झांकी का विषय सशक्त और सुरक्षित भारत था.

भीष्म टैंक-ब्रह्मोस मिसाइल का प्रदर्शन

घुड़सवार दस्ते का नेतृत्व करने वाली पहली सैन्य टुकड़ी 61 कैवेलरी थी, जिसका नेतृत्व लेफ्टिनेंट अहान कुमार ने किया. वर्ष 1953 में स्थापित 61 कैवलरी दुनिया में एकमात्र सेवारत सक्रिय घुड़सवार रेजिमेंट है. इसके बाद नौ मशीनीकृत टुकड़ियों और नौ मार्चिंग टुकड़ियों ने परेड की. टैंक टी-90 भीष्म, एनएजी मिसाइल प्रणाली, ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, पिनाका मल्टी-लॉन्चर रॉकेट प्रणाली, अग्निबाण मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर, आकाश हथियार प्रणाली, एकीकृत युद्धक्षेत्र निगरानी प्रणाली और ऑल-टेरेन व्हीकल (चेतक) भी परेड का हिस्सा बने. हल्के विशेष वाहन बजरंग, वाहन पर लगे पैदल सेना मोर्टार सिस्टम ऐरावत, त्वरित प्रतिक्रिया बल वाहन नंदीघोष और त्रिपुरांतक और शॉर्ट-स्पैन ब्रिजिंग सिस्टम को भी प्रदर्शित किया गया.

अलग-अलग रेजिमेंट का मार्च

सेना की मार्चिंग टुकड़ियों में ब्रिगेड ऑफ द गार्ड्स, जाट रेजिमेंट, गढ़वाल राइफल्स, महार रेजिमेंट, जम्मू-कश्मीर राइफल्स रेजिमेंट और सिग्नल कोर शामिल थे. भारतीय नौसेना की टुकड़ी में 144 कर्मी शामिल थे, जिनका नेतृत्व कंटिनजेंट कमांडर के रूप में लेफ्टिनेंट कमांडर साहिल अहलूवालिया और प्लाटून कमांडर के रूप में लेफ्टिनेंट कमांडर इंद्रेश चौधरी, लेफ्टिनेंट कमांडर काजल अनिल भरानी और लेफ्टिनेंट देवेंद्र ने किया. 

नौसेना ने दिखाई ताकत

इसके बाद नौसेना की झांकी आई, जिसमें भारत के समुद्री हितों की रक्षा करने में सक्षम एक मजबूत आत्मनिर्भर नौसेना को दर्शाया गया. झांकी में आईएनएस सूरत, युद्धपोत आईएनएस नीलगिरि और पनडुब्बी आईएनएस वाघशीर सहित अग्रिम पंक्ति के अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों को प्रदर्शित किया गया. ये स्वदेशी युद्धपोत डिजाइन और निर्माण में भारत की तीव्र प्रगति के परिचायक हैं. झांकी ने एक मजबूत और आत्मनिर्भर रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए भारतीय नौसेना की प्रतिबद्धता को भी प्रदर्शित किया. 

आसमान में गरजे राफेल-सुखोई

भारतीय वायु सेना की टुकड़ी में स्क्वाड्रन लीडर महेंद्र सिंह गराती के नेतृत्व में चार अधिकारी और 144 कर्मी शामिल थे. इसके बाद बाज फॉर्मेशन में तीन मिग-29 विमानों द्वारा फ्लाई-पास्ट किया गया. परेड का एक अन्य आकर्षण विकसित भारत की ओर सदैव अग्रसर विषय पर पूर्व सैनिकों की झांकी थी, जो राष्ट्र के प्रति पूर्व सैनिकों की अटूट भावना को भावभीनी श्रद्धांजलि थी. खेलों में भारत का नाम रोशन करने वाले कई दिग्गज भी परेड का हिस्सा थे.

गणतंत्र दिवस पर फ्लाईपास्ट में 22 लड़ाकू विमान, 11 परिवहन विमान और सात हेलीकॉप्टर समेत कुल 40 विमानों ने हिस्सा लिया. लड़ाकू जहाजों की गगनभेदी आवाज और उनकी जांबाजी भरे करतबों से दर्शक बेहद उत्साहित नजर आए. इन विमानों में राफेल, सुखोई, जगुआर, डॉनियर, अपाचे हेलीकॉप्टर, सी 17, सी 295 आदि विमान शामिल थे.

DRDO की झांकी में एडवांस्ड तोपों की झलक

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने अपनी झांकी में खुद से विकसित कई घरेलू महत्वपूर्ण प्रणालियों और प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित किया. डीआरडीओ की झांकी में त्वरित प्रतिक्रिया वाली, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल, हवाई प्रारंभिक चेतावनी और नियंत्रण प्रणाली, 155 मिमी/52-कैलिबर वाली उन्नत तोपें प्रदर्शित की गईं. इसमें उपग्रह-आधारित निगरानी प्रणाली, मध्यम-शक्ति रडार अरुध्र, उन्नत हल्के टारपीडो, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली धाराशक्ति, बहुत कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली और मानव रहित हवाई प्रणाली का भी प्रदर्शन किया गया. यह पहली बार था कि स्वदेशी रूप से विकसित प्रलय मिसाइल प्रणाली का प्रदर्शन किया गया. 

इंडोनेशियाई राष्ट्रीय सशस्त्र बल का मर्चिंग दस्ता

गणतंत्र दिवस परेड में इंडोनेशिया के 352 सदस्यीय मार्चिंग और बैंड दल ने भी हिस्सा लिया. यह पहली बार था कि किसी इंडोनेशियाई मार्चिंग और बैंड दल ने विदेश में राष्ट्रीय दिवस परेड में भाग लिया. कर्तव्य पथ पर मार्च करने वाली टुकड़ियों में सहायक कमांडेंट ऐश्वर्या जॉय एम के नेतृत्व में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 148 सदस्यीय महिला मार्चिंग टुकड़ी शामिल थी. 

असम राइफल्स दल का नेतृत्व 29 असम राइफल्स के कैप्टन करणवीर सिंह कुंभावत ने किया. इसमें पूरे देश से भर्ती किए गए सैनिक शामिल थे. सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की ऊंट टुकड़ी की कमान डिप्टी कमांडेंट मनोहर सिंह खींची ने संभाली. राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) की लड़कियों की मार्चिंग टुकड़ी का नेतृत्व जम्मू-कश्मीर और लद्दाख निदेशालय की सीनियर अंडर ऑफिसर एकता कुमारी ने किया. वहीं, राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के 148 स्वयंसेवकों के मार्चिंग दल का नेतृत्व पंजाब के दीपक ने किया. पहली बार कर्तव्य पथ पर एक साथ 5 हजार कलाकारों ने प्रस्तुति दी.

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