NRC: विपक्ष का आरोप- वोट बैंक के लिए सरकार की साजिश, संसद में आज हंगामे के आसार
बीजेपी की तरफ से बड़ा बयान आया है, पश्चिम बंगाल में बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष का कहना है कि अगर पश्चिम बंगाल में वो सत्ता में आए तो वहां भी NRC की प्रक्रिया को लागू किया जाएगा.

नई दिल्ली: असम में कल यानी सोमवार को नेशनल रजिस्टर फॉर सिटीजन की दूसरी ड्राफ्ट लिस्ट का प्रकाशन कर दिया गया. जिसके मुताबिक कुल तीन करोड़ 29 लाख आवेदन में से दो करोड़ नवासी लाख लोगों को नागरिकता के योग्य पाया गया है, वहीं करीब चालीस लाख लोगों के नाम इससे बाहर रखे गए हैं. NRC का पहला मसौदा 1 जनवरी को जारी किया गया था, जिसमें 1.9 करोड़ लोगों के नाम थे. दूसरे ड्राफ्ट में पहली लिस्ट से भी काफी नाम हटाए गए हैं.
नए ड्राफ्ट में असम में बसे सभी भारतीय नागरिकों के नाम पते और फोटो हैं. इस ड्राफ्ट से असम में अवैध रूप से रह रहे लोगों को बारे में जानकारी मिल सकेगी. असम के असली नागरिकों की पहचान के लिए 24 मार्च 1971 की समय सीमा मानी गई है यानी इससे पहले से रहने वाले लोगों को भारतीय नागरिक माना गया है.
संसद में आज जबरदस्त हंगामे के आसार इस मामले पर विपक्ष ने सरकार पर हमला बोला है. असम की नागरिकता लिस्ट के बहाने ममता बनर्जी ने खुलकर असम और केंद्र सरकार पर हमला बोला है. ममता बनर्जी ने आरोप लगाया है कि बीजेपी ने ऐसे लोगों को बाहर किया है जो उसे वोट नहीं देते. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी सरकार को निशाने पर लिया. राहुल ने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि लोगों में भारी असुरक्षा, जिनके साथ अन्याय हुआ है कांग्रेस नेता उनकी मदद करें आज संसद में इस मामले पर जबरदस्त हंगामे के आसार हैं.
NRC अब आगे क्या होगा? केंद्र सरकार खुद कह रही है कि ये फाइनल लिस्ट नहीं है सिर्फ ड्राफ्ट है. इस ड्राफ्ट के बाद हर किसी को दावे और शिकायत देने का मौका दिया जाएगा. यानी जिन 40 लाख लोगों के नाम नहीं हैं वो अब अपने दस्तावेज के साथ एनआरसी में जा सकेंगे. सिर्फ इतना ही नहीं फाइनल लिस्ट आने के बाद भी विदेशी घोषित हुए लोगों के पास फॉरेन ट्राइब्यून में जाने का मौका मिलेगा.
फॉरेन ट्राइब्यून में फैसला आने के बाद भी हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का अधिकार लोगों को प्राप्त रहेगा. संसद में गृहमंत्री ने आश्वासन भी दिया कि अगर किसी के भी विरुद्ध बलपूर्वक कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी, इसलिए किसी को भी घबराने की ज़रूरत नहीं है.
सत्ता में आए तो पश्चिम बंगाल में भी NRC- बीजेपी असम में NRC की लिस्ट सामने आने के बाद पश्चिम बंगाल में घमासान तेज हो गया है. इस बीच बीजेपी की तरफ से बड़ा बयान आया है, पश्चिम बंगाल में बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष का कहना है कि अगर पश्चिम बंगाल में वो सत्ता में आए तो वहां भी NRC की प्रक्रिया को लागू किया जाएगा.
राहुल गांधी ने क्या कहा? कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने फेसबुक पोस्ट लिखकर कहा कि बीजेपी सरकार की ओर से जारी किये गये एनआरसी ड्राफ्ट से लोगों में असुरक्षा का माहौल है. उन्होंने पार्टी नेताओं से अपील करते हुए कहा कि जिनके साथ अन्याय हुआ है उन्हें मदद करें. कांग्रेस पार्टी के लिए धर्म, जाति और लिंग मायने नहीं रखते हैं.
राहुल ने कहा, ''यूपीए ने मनमोहन सिंह के नेतृत्व में 1985 असम समझौते के तहत राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) की शुरूआत की थी.'' उन्होंने लिखा कि 1,200 करोड़ खर्च करने के बाद भी इतने संवेदनशील मामले में लापरवाही बरती गई है.
राहुल ने आगे कहा, ''असम के कोने-कोने से खबर आ रही है कि भारतीय नागरिक एनआरसी ड्राफ्ट में अपना नाम खोज रहे हैं. जिससे राज्यभार में असुरक्षा का माहौल है. सरकार को इस संकट से सावधानी से निपटना चाहिए.''
लिस्ट में कई बंगालियों के नाम नहीं- ममता बनर्जी सीएम ममता बनर्जी ने कहा, ''लिस्ट से कई बंगालियों का नाम बाहर होने से हम चिंतित हैं. इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं हैं जिससे हम किसी से भी संपर्क नहीं कर पा रहे हैं. 40 लाख लोगों के नाम ड्राफ्ट में ना होना बहुत ही भयावह है. इसकी वजह से कई बंगालियों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा.''
उन्होंने कहा, ''आज हमारी पार्टी के सांसद ने सदन में इस मुद्दे को उठाया तो गृहमंत्री ने कहा कि चिंता करने की बात नहीं है. अगर ऐसा है तो इंटरनेट सेवाएं क्यों बंद की गईं हैं. अगर स्थिति सामान्य है तो केंद्र ने 15 कंपनी अतिरिक्त फोर्स क्यों भेजी? कई ऐसे लोग हैं जिनके पास आधार कार्ड और पासपोर्ट हैं लेकिन उनका भी नाम लिस्ट में नहीं है. लोगों के सरनेम की वजह से भी लिस्ट से नाम हटाया गया है.''
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Source: IOCL























