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Assam Delimitation: असम में परिसीमन के विरोध में 12 घंटे के बंद का आह्वान, जानें क्यों उठ रही आवाज
Delimitation in Assam: केंद्रीय चुनाव आयोग ने राज्य में परिसीमन को लेकर मसौदा प्रस्ताव पेश किया है. इसे लेकर कई राजनीतिक दल विरोध कर रहे हैं.
![Assam Delimitation: असम में परिसीमन के विरोध में 12 घंटे के बंद का आह्वान, जानें क्यों उठ रही आवाज 12 hour strike in assam to protest eci deleimitaion draft for assembly and parliamentary election Assam Delimitation: असम में परिसीमन के विरोध में 12 घंटे के बंद का आह्वान, जानें क्यों उठ रही आवाज](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/12/14/ecd86899058c0a7ab451d365b8d5df1f_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Strike In Assam: भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission Of Inida) ने असम में विधानसभा और संसदीय चुनाव के लिए परिसीमन का मसौदा पेश किया है, जिसका विरोध हो रहा है. मसौदे के विरोध में असम के कई राजनीतिक दलों और संगठनों ने बराक घाटी, कछार, करीमगंज और हैलाकांडी जिलों में 12 घंटे के बंद का आह्वान किया है. समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, मंगलवार को करीमगंज में विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है.
केंद्रीय चुनाव आयोग ने 20 जून को असम के लिए विधानसभा और संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन के लिए मसौदा प्रस्ताव प्रकाशित किया था. राज्य में विपक्षी दल कांग्रेस भी इसका विरोध कर रही है. कांग्रेस नेताओं ने इसे गैरकानूनी कहा है.
परिसीमन पर कांग्रेस का क्या है तर्क ?
कमलाख्या डे पुरकायस्थ करीमगंज जिले से कांग्रेस के विधायक हैं. उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, "परिसीमन प्रक्रिया में किसी भी दिशा-निर्देश का पालन नहीं किया गया है. पिछली बार जब परिसीमन हुआ था तो बराक घाटी की आबादी 20 लाख थी, अब 45 लाख है. लेकिन अब हमारी सीटें कम कर दी गई हैं. क्षेत्र में कोई भौगोलिक सर्वेक्षण नहीं किया गया है. यह पूरी प्रक्रिया अवैध है जिसका हम विरोध करते हैं."
चुनाव आयोग ने क्या कहा ?
असम में आखिरी परिसीमन प्रक्रिया 1976 में हुई थी, जबकि मौजूदा प्रक्रिया 2001 की जनगणना के आंकड़ों पर आधारित है. चुनाव आयोग ने अपने प्रेस नोट में कहा है कि असम में विधान सभा की सीटों की संख्या 126 और लोक सभा में सीटों की संख्या 14 बरकरार रखी गई है.
आयोग ने आगे कहा है कि विधान सभा की 126 सीटों में से 19 सीटें अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के लिए, जबकि राज्य में आने वाली लोकसभा की 14 सीटों में से 2 सीटें अनुसूचित जनजातियों के लिए आवंटित करने का प्रस्ताव है. इसी प्रकार, विधान सभा में 9 सीटें अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आवंटित करने का प्रस्ताव है, जबकि 1 सीट लोक सभा में अनुसूचित जाति के लिए आवंटित करने का प्रस्ताव है. इसके अनुसार, अनुसूचित जाति की विधानसभा सीटें 8 से बढ़कर 9 और अनसूचित जनजाति की विधानसभा सीटें 16 से बढ़कर 19 हो गई हैं.
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