प्रवासी मजदूरों को क्वॉरन्टीन सेंटर में रखने को लेकर बिहार सरकार ने लिया ये बड़ा फैसला
बिहार सरकार की ओर से एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है.सरकार का कहना है कि जिन शहरों में कोरोना पॉजिटिव की संख्या ज्यादा है वहां से आ रहे प्रवासी मजदूरों को ही क्वॉरन्टीन सेंटर में रखा जाएगा.

पटना: एक अनुमान के मुताबिक अगले एक सप्ताह तक दूसरे राज्यों से आ रहे श्रमिकों की संख्या बीस लाख के पार पहुंच जाएगी. ऐसे में इन सभी को क्वॉरन्टीन सेंटर में रख पाना मुश्किल होगा. बिहार सरकार ने अब फैसला लिया है कि दूसरे राज्यों के कुछ खास शहरों मे जहां से कोरोना पॉजिटिव की संख्या ज्यादा है वहां से आ रहे प्रवासी मजदूरों को ही क्वॉरन्टीन सेंटर में रखा जाएगा. वहीं अब एक कमरे में रहने वाले श्रमिकों की संख्या चार या छह से घटाकर दो या तीन कर दी जाएगी.
ये शहर हैं- सूरत, दिल्ली , नोएडा, मुम्बई, अहमदाबाद, गाजियाबाद, फरीदाबाद , बेंगलुरू, कटक , पुणे, कोलकाता. बाकी शहरों से जो आएंगे उन्हें घर भेजा जाएगा लेकिन उनका रजिस्ट्रेशन जरूर होगा साथ ही उनकी स्क्रीनिंग भी की जाएगी. इनमें भी किसी में कोरोना के लक्षण दिखे तो उन्हें क्वॉरन्टीन में रखा जाएगा.
कोरोना का कोहराम जारी
बता दें कि देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के कुल मामलों की संख्या एक लाख 18 हजार 447 पर पहुंच गयी है. इस वायरस से मरने वालों की संख्या अब तीन हजार 583 हो गयी है. आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटों में देश भर में कोरोना वायरस संक्रमण के 6088 नये मामले सामने आये हैं, जबकि इस बीमारी की वजह से 148 लोगों की मौत हुयी है. 3200 से अधिक लोगों को इलाज के बाद छुट्टी दी गयी है.
इस बीमारी से अबतक ठीक होने वालों की संख्या 48 हजार 533 हो गयी है. देश में जो कुल संक्रमित मामले सामने आये हैं, उनमें से करीब आधे मामले आठ मई के बाद सामने आये हैं. आठ मई को स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया था कि देश में संक्रमित मरीजों की संख्या 56 हजार 342 है.
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