Zinc Supplementation: कोविड-19 के लिए संभावित सहायक थेरेपी, जानिए डोज की सही मात्रा
जिंक के कोविड-19 की गंभीरता को कम करनेवाले आशाजनक उम्मीदवारों में से एक की संभावना से वैज्ञानिक आश्चर्यचकित हैं. जिंक को अन्य पौष्टिक-औषधीय पदार्थो, गैर संक्रामक, कोर्टिकोस्टेरोइड, एंटीपैरासिटिक दवाइयों के साथ कोविड-19 के प्रबंधन के लिए अपने प्रोटॉकॉल में महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, असम और पश्चिम बंगाल की सरकारों ने शामिल किया है.

कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर ने भारत को हिला दिया है. ये लहर पहली लहर के मुकाबले ज्यादा संक्रामक और घातक है. 25 अप्रैल और 2 मई के बीच 29.44 लाख मामले दर्ज किए गए, जो महामारी की शुरुआत से 7 दिन के समय में किसी देश के दर्ज मामलों से सबसे ज्यादा है. हेल्थकेयर सिस्टम पर अतिरिक्त बोझ भी इस दौरान देखा गया. वैक्सीन, बेड, वेंटीलेटर, ऑक्सीजन, रेमडिसिवर इंजेक्शन की कमी ने स्थिति को और खराब बना दिया. वर्तमान हालत में, जिंक कोविड-19 लक्षणों की रोकथाम में एंटीपैरासिटिक दवा के साथ महत्वपूर्ण वैकल्पिक तत्व के तौर पर उभरा है.
जिंक सप्लीमेंटेशन के फायदे
कई रिसर्च कोरोना वायरस के मामलों में रोजाना 50 मिलीग्राम जिंक के प्रभाव का समर्थन करते हैं. Advances in Integrative Medicine Journal में प्रकाशित रिसर्च के मुताबिक, जिंक संभावित तौर पर कोरोना वायरस संक्रमण की गंभीरता, समय और खतरे को कम कर सकता है, विशेषकर जिंक की कमी के खतरे वाले लोगों को. रिसर्च से पता चला है कि जिंक सप्लीमेंटेशन के कई तरीकों से उपयोगी होने की संभावना है.
संक्रमण की घटना को नीचे लाता है
ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करता है
एक संभावित चिकित्सीय विकल्प
हाल के दिनों में जिंक ने कोविड-19 संक्रमण की गंभीरता को कम करनेवाले आशाजनक उम्मीदवार के तौर पर उत्साह पैदा किया है. कई अवलोकन में माना गया है कि जिंक थेरेपी मजबूत चिकित्सीय विकल्प हो सकती है. लेकिन, सबसे बड़ी चुनौती जिंक के चिकित्सीय मूल्य के एहसास में जिंक अनुपूरक के श्रेष्ठ खुराक की समझ की कमी है.
कोविड से बचाव के लिए 50 मिलीग्राम!
Clinical Immunology Journal में प्रकाशित दूसरे रिसर्च के मुताबिक, रोजाना 50 मिलीग्राम तक जिंक का इस्तेमाल कोविड-19 के खिलाफ सुरक्षात्मक भूमिका उपलब्ध करा सकता है. जिंक की कमी का संबंध वायरल संक्रमण समेत संक्रामक बीमारियों के अधिक जोखिम से जोड़ा गया है. रिसर्च से पता चला है कि किसी की जिंक की स्थिति महत्वपूर्ण फैक्टर है जो इम्यूनिटी को वायरल संक्रमण के खिलाफ प्रभावित कर सकती है.
डोज की सही मात्रा क्या है?
जिंक की सही मात्रा 50 मिलीग्राम है जो सिर्फ चंद ब्रांड्स में उपलब्ध है जिसे उंगलियों पर गिना जा सकता है. ये जिंक को कोविड-19 के खिलाफ उसके चिकित्सीय क्षमता प्राप्त करने की अनुमति देता है. उसका इस्तेमाल रोग निरोधक के तौर पर 20 मिलीग्राम के कम डोज में भी किया जा सकता है. फिलहाल भारत में 50 मिलीग्राम क्षमता के साथ कुछ ब्रांड्स जैसे Zincolife, Aarzin उपलब्ध हैं.
डिस्क्लेमर- यह आर्टिकल रिसर्च पर आधारित है. किसी भी तरह के इलाज से पहले डॉक्टरी परामर्श जरूरी है.
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