माता-पिता बच्चों में इन 5 लक्षणों को भूलकर भी न करें नजरअंदाज, हो सकते हैं ईटिंग डिसऑर्डर के संकेत
वैसे तो बच्चों में ईटिंग डिसऑर्डर के कुछ बहुत ही सामान्य से लक्षण दिखते हैं, जिन्हें अक्सर आप नजरअंदाज कर देते हैं, तो आइए आज हम आपको कुछ ऐसे संकेत बताने जा रहे हैं, जो आप पता लगा सकते हैं कि आपका बच्चा किसी ईटिंग डिसऑर्डर का शिकार तो नहीं हो गया.

आपके खानपान की कुछ छोटी-छोटी आदतें अक्सर आपके लिए बड़ी गंभीर समस्याएं पैदा कर देती हैं. अक्सर छोटे बच्चे खानपान में गड़बड़ी या गलतियां करते हैं जिसे ईटिंग डिस्ऑर्डर कहा जाता है. ज्यादातर शुरुआती दिनों में ईटिंग डिसऑर्डर के परिणाम देखने को नहीं मिलते हैं, मगर कुछ वक्त बाद ये किसी शारीरिक या मानसिक कमजोरी के रूप में आपके सामने उभर कर आते हैं.
इससे बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास में बाधा पहुंचती है और उन्हें भविष्य में कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. वैसे तो बच्चों में ईटिंग डिसऑर्डर के कुछ बहुत ही सामान्य से लक्षण दिखते हैं, जिन्हें अक्सर आप नजरअंदाज कर देते हैं, तो आइए आज हम आपको कुछ ऐसे संकेत बताने जा रहे हैं, जो आप पता लगा सकते हैं कि आपका बच्चा किसी ईटिंग डिसऑर्डर का शिकार तो नहीं हो गया.
कुछ खास चीजें चुराकर खाने की आदत अक्सर बच्चों को जिस चीज के लिए मना किया जाता है, वो वही करते हैं क्योंकि उनको सही गलत का पता ही नहीं होता, इसलिए उन्हें चोरी करना भी अपराध जैसा नहीं लगता. कई बार बच्चे अपने ही घर से चीजें चोरी करके खाते हुए देखा जाता है, जैसे- चॉकलेट्स, नमकीन, केक, पेस्ट्री, कोल्ड ड्रिंक आदि को तब खाना जब कोई देख नहीं रहा है. यह एक तरह का ईटिंग डिसऑर्डर होता है. इसलिए अगर आपके फ्रिज या किचन से खाने की चीजें लगातार गायब हो रही हैं, तो समझ जाएं कि आपका बच्चा ईटिंग डिसऑर्डर का शिकार हो चुका है.
बच्चे के शरीर में होने वाले छोटे-छोटे बदलावों को देखकर अगर बच्चों में कम उम्र में बाल झड़ने, त्वचा में रूखापन, दांतों में कैविटीज या सड़न, लड़कियों में पीरियड्स की अनियमितता, लगातार थकान और हड्डियों की कमजोरी की समस्याएं होती है, तो ये भी किसी ईटिंग डिसऑर्डर का संकेत हो सकती हैं. इसलिए ऐसी समस्याएं होने पर बच्चों के खानपान पर आपको ध्यान देना होगा. अगर आपको उनमें कोई गड़बड़ी दिखती हैं, तो उसे सुधारने की कोशिश करें.
बच्चे का जल्दी-जल्दी वजन घटना या बढ़ना अगर आपके बच्चे, विशेषकर टीनएज बच्चे का वजन अचानक से कम या ज्यादा हो जाता है, तो ये इस बात की ओर इशारा है कि वो ईटिंग डिसऑर्डर का शिकार हो गया है. ऐसी स्थिति में आपको हमेशा अपने बच्चों के खानपान पर ध्यान देना चाहिए. अगर आपके बच्चे का वजन 1-2 महीने के अंतराल में बहुत अधिक घट या बढ़ जाए, तो उसे डॉक्टर के पास ले जाना बहुत जरूरी है.
बच्चे का अपने वजन और फिटनेस को लेकर बहुत अधिक चिंता में रहना कई बार टीनएज में बच्चे अपनी फिटनेस और वजन को लेकर बहुत चिंतित रहते हैं. ऐसे में वो आपके समझाने पर भी नहीं समझते हैं क्योंकि उनको फिटनेस के लिए परेशान होना कोई परेशानी नहीं लगती है. लेकिन हर वक्त अपनी फिटनेस और वजन घटाने के लिए चिंतित रहना, ये भी एक तरह के ईटिंग डिसऑर्डर की ओर इशारा है. ऐसे में बच्चे कुछ चुनी हुई चीजें ही खाने लगते हैं, जबकि बढ़ती हुई उम्र में उनके शरीर को सभी पोषक तत्वों की जरूरत होती है.
बहुत ज्यादा एक्सरसाइज करना अक्सर ईटिंग डिसऑर्डर से जूझ रहे बच्चे बहुत अधिक एक्सरसाइज करने लगते हैं. शुरुआत में बच्चे एक्सरसाइज वजन घटाने के लिए करते हैं, मगर धीरे-धीरे वजन कम करने की चाहत उनपर इतनी हावी हो जाती है कि वो आवश्यकता से अधिक एक्सरसाइज करने लगते हैं. बच्चों के लिए एक्सरसाइज करना अच्छा है, परंतु जरूरत से अधिक नहीं. इससे बेहतर होगा कि आप बच्चों को योगासन, आउट डोर गेम्स, साइकिल चलाने, स्विमिंग करने आदि की आदत डालें.
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Source: IOCL





















