Tilak Rules: माथे से लेकर शिखा तक, तिलक लगाने के सही नियम और मंत्र, जानें शुभता का रहस्य!
Importance of Tilak: हिंदू धर्म में तिलक लगाने के कुछ खास नियम होते हैं. नियमों के साथ तिलक लगाने से आपको इसके बड़े फायदे जीवन में देखने को मिलेंगे. जानिए तिलक लगाने का सही तरीका कौन सा है?

Rules of Tilak: हिंदू धर्म में तिलक का विशेष महत्व होता है. तिलक लगाना आस्था और शुभता का प्रतीक भी माना जाता है। यह मात्र धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि ऊर्जा, सम्मान और आत्मबल को जाग्रत भी करता है.
जब हम भगवान का नाम स्मरण करते समय तिलक लगाते हैं, तो हमारा शरीर, मन और आत्मा पवित्र हो जाती है. तिलक केवल माथे को ही शोभा नहीं देता, बल्कि आत्मा की शक्ति का एक प्रतीक भी होता है.
तिलक का महत्व
तिलक हमें और हमारे नश्वर शरीर को देवस्वरूप मानते हुए ईश्वर की पूजा और ध्यान करने के योग्य बनाता है. ये मात्र एक धार्मिक चिन्ह न होकर प्रभु की उपस्थिति का एक संकेत होता है. तिलक लगाने से मन, मस्तिष्क और शरीर शांत होता है.
किसी भी काम में हमारी एक्रागता बढ़ती है. इसके साथ ही बुरी शक्तियों से हमारी रक्षा होती है. तिलक हमारी संस्कृति, धर्म और आध्यात्मिकता का सबसे बड़ा और अहम प्रतीक है. जो हमें हर समय याद दिलाता है कि हम मात्र शरीर नहीं, आत्मा भी हैं, जो ईश्वर का भक्त और उनका दास है.
शरीर के विभिन्न अंगों पर तिलक लगाने के नियम
माथे पर तिलक लगाते समय- 'ऊं श्री केशवाय नम:' मंत्र का उच्चारण करना चाहिए. माथे पर तिलक लगाने से मस्तिष्क को शांति और एकाग्रता प्राप्त होती है. इसके साथ ही इस मंत्र के उच्चारण से हम विवेकशील और निर्णयशील बनते हैं.
गले पर तिलक लगाते समय 'ऊं श्री गोविंदाय नम:' मंत्र का उच्चारण करना चाहिए. गले पर तिलक लगाने से वाणी में पवित्रता और मधुरता आती है. इसके साथ ही हमारे जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं.
छाती पर तिलक लगाते समय 'ऊं श्री माधवाय नम:' मंत्र का उच्चारण करना चाहिए. छाती पर तिलक लगाने से मन में प्रेम, भक्ति और करुणा की भावना में वृद्धि होती है.
पेट पर तिलक लगाते समय 'ऊं श्री नारायणाय नम:' मंत्र का उच्चारण करना चाहिए. ऐसा करने से पाचन और स्वास्थ्य संबंधी समस्या से मुक्ति मिलती है.
दाहिनी कमर पर तिलक लगाते समय 'ऊं श्री विष्णवे नम:' मंत्र का उच्चारण करना चाहिए. ऐसा करने से धर्म के मार्ग पर चलने में मदद मिलती है.
बायीं भुजा पर तिलक लगाते समय 'ऊं श्री श्रीधराय नम:' मंत्र का जाप करना चाहिए. इस मंत्र के जाप करने से भगवान सदैव आपके समीप रहते हैं.
बाएं कंधे पर तिलक लगाते समय 'ऊं श्री हृषीकेशाय नम:' मंत्र का उच्चारण करना चाहिए. ऐसा करने से आपकी इंद्रियां नियंत्रित रहती है.
गर्दन के पीछे भाग के नीचे तिलक लगाते समय 'ऊं श्री पद्मनाभाय नम:' मंत्र का जाप करना चाहिए. ऐसा करने से आपकी संकल्प शक्ति मजबूत होती है.
शिखा यानी सिर के पीछे तिलक लगाते समय 'ऊं श्री वासुदेवाय नम:' मंत्र का जाप करना चाहिए. ऐसा करने से आत्मज्ञान और ईश्वर की प्राप्ति होती है.
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