एक्सप्लोरर

Dussehra: क्या मुस्लिम भी मनाते थे दशहरा? सिद्दारमैया के बयान का सच, जानें इतिहास और सांस्कृतिक जुड़ाव!

Dussehra: नवरात्रि के 9 दिन बाद दशहरा का पर्व मनाया जाता है. यह पर्व हिंदू धर्म के लोगों का है, लेकिन अगर आपसे कहा जाए कि दशहरा को मुसलमान भी मनाते थे. ऐसा हम नहीं कर्नाटक के सीएम ने कहा है.

Dussehra: दशहरा भारत में मनाए जाने वाला हिंदुओं का पर्व है. दशहरा को विजयादशमी के नाम से जाना जाता है. इसके अलावा, इसे भोजपुरी और मैथिली में दशहरा या दशईं भी कहा जाता है. बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है और यह अश्विन मास की दशमी तिथि को मनाया जाता है.

इस दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था और मां दुर्गा ने महिषासुर का वध कर विजय प्राप्त की थी, इसलिए इसे उत्सव के रूप में मनाते हैं. इस दिन लोग रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतले जलाते हैं, रामलीला का आयोजन होता है और नए काम शुरू किए जाते हैं, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस दिन शुरू किए गए कार्यों में विजय मिलती है. 

दशहरा वैसे तो हिंदुओं का पर्व है, लेकिन कर्नाटक के मुख्यमंत्री  सिद्दारमैया के दशहरे वाले बयान सुनकर आपके मन में यह बात जरूर आई होगी की. क्या सच में मुसलमान भी मनाते थे, दशहरा का पर्व जानें इस बात में कितनी है सच्चाई विस्तार से ...

दशहरा क्या है?
दशहरा या विजयादशमी एक महत्वपूर्ण हिंदू पर्व है. यह भगवान राम के जरिए रावण के वध और देवी दुर्गा के जरिए महिषासुर पर जीत का प्रतीक है. यह पर्व नवरात्रि के अंत का प्रतीक है और बुराई पर अच्छाई की जीत का उत्सव है.

सिद्दारमैया ने दशहरा वाले बयान पर क्या कहा
सिद्दारमैया ने कहा कि यह पर्व हैदर अली, टीपू सुल्तान और दीवान मिर्जा इस्माइल के शासनकाल में मनाया  जाता रहा है. यह तो सच नहीं है, लेकिन हां यह सच कि हैदर अली और टीपू सुल्तान जैसे मैसूर के शासकों ने दशहरा नहीं मनाया था, क्योंकि यह इस्लामी शासक थे.

हालांकि, टीपू सुल्तान और उनके पिता हैदर अली, एक इस्लामी धर्म के अनुयायी होने के बावजूद, मैसूर में दशहरा के उत्सवों पर पाबंदी या समाप्त नहीं किया था. यह उत्सव जनता के बीच लोकप्रिय रहा और इसके आयोजकों की देखरेख में बरकरार रहा.

दशहरा का पर्व सदियों से किन्नड़ संस्कृति का हिस्सा रहा है. इस उत्सव के दौरान देवी देवताओं की पूजा की जाती थी, लोगों को भोजन कराया जाता था और हथियारों की पूजा होती थी.

क्या इतिहास के पन्नों में लिखा हुआ कि मुसलमान भी मनाते थे दशहरा 
भारतीय इतिहास के पन्नों में ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिलता है कि मुसलमान दशहरा मनाते थे, क्योंकि दशहरा एक हिंदू पर्व  है और मुसलमानों की धार्मिक मान्यताओं के अनुसार उन्हें ऐसे पर्व में शामिल होने की अनुमति नहीं है.

यह पर्व भगवान राम की रावण पर विजय का प्रतीक है. लेकिन कुछ समुदाओं में खासकर सांस्कृतिक रूप से मिश्रित विरासत वाले, कुछ मुस्लिम लोग भी इसे मान सकते हैं. लेकिन यह पर्व हिंदु धर्म के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. 

दशहरा और मुसलमानों के बीच संबंध
दशहरा और मुसलमानों के बीच सीधे कोई "रास्ता" या संबंध नहीं है, क्योंकि दशहरा एक हिंदू पर्व है जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, वहीं इस्लाम एक अलग धर्म है. हालांकि, भारत में कुछ मुस्लिम समुदाय, जो मिश्रित संस्कृति का पालन करते हैं, वह  दशहरा पर्व को मनाते हैं. यह एक सांस्कृतिक जुड़ाव का हिस्सा है, धर्म का नहीं.

ये भी पढ़ें : औरंगजेब का दिवाली पर 'सख्त' फैसला: क्या पटाखों पर बैन धार्मिक दमन था? जानें इतिहास का सच!

बिहार के पूर्वी चम्पारण जिले के फेनहारा गांव की रहने वाली निशात अंजुम उन तमाम युवाओं की तरह है, जो छोटे शहरों और गांवों से निकलकर बड़े सपने देखते हैं और उन्हें पूरा करना चाहते हैं. 25 मई 2005 के दिन इस दुनिया में अपना पहला कदम रखने वाली निशात के पिता अब्दुल वाजिद बिजनेसमैन हैं और गांव में ही मेडिकल हॉल चलाते हैं. मां शाहेदा खातून हाउसवाइफ हैं. तीन भाइयों अब्दुल बासित, अब्दुल अली, अब्दुल गनी और दो बहनों माहेरुख अंजुम व आतिया अंजुम को निशात अपनी ताकत मानती हैं. 

फेनहारा के ब्रिलिएंट पब्लिक स्कूल से 8वीं तक की पढ़ाई करने के बाद निशात ने 2020 में हाजी फरजंद हाई स्कूल फेनहारा से मैट्रिक किया तो 2022 में भगवान सिंह कॉलेज मधुबन से इंटरमीडिएट किया. सिर्फ पढ़ाई-लिखाई ही नहीं, बल्कि टेक्नोलॉजी की दुनिया में भी निशात का मन रमता है. 2022 ही उन्होंने कौशल विभाग फेनहारा से कंप्यूटर कोर्स किया. फिलहाल, लंगट सिंह कॉलेज मुजफ्फरपुर से बैचलर ऑफ मास कम्यूनिकेशन कर रही हैं, जिसका फाइनल रिजल्ट जल्द आने वाला है. निशात अपनी पढ़ाई जारी रखना चाहती हैं और जिंदगी में कुछ बड़ा करने का मकसद रखती हैं. 

पढ़ाई की शौकीन निशात अपनी जिंदगी में रंग भरने के लिए भी तमाम काम करती हैं. युवा होने के बावजूद ईश्वर से जुड़ाव रखती हैं और रोजाना नमाज पढ़ती हैं. खबरों की दुनिया में बने रहना उन्हें अच्छा लगता है. यही वजह है कि वह रोजाना अखबार, न्यूज वेबसाइट्स और टीवी चैनलों से देश-दुनिया की जानकारी हासिल करती हैं. इसके अलावा उन्हें रील्स देखना, गाने सुनना और खाना बनाना बेहद पसंद है. 

निशात की सबसे अच्छी दोस्त सादिया सिद्दिकी हैं, जिनके साथ वह अपने सुख-दुख बांटती हैं. फेवरेट क्रिकेटर्स की बात हो तो निशात की लिस्ट में विराट कोहली, ऋषभ पंत और अभिषेक शर्मा का नाम लिखा है. वहीं, प्रियंका चोपड़ा और अक्षय कुमार उन्हें काफी पसंद हैं. अगर फिल्म की बात करें तो तारे जमीं पर उन्हें इमोशनली छूती है.

Read
और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

'...इसमें कोई शक नहीं', दिग्विजय सिंह की पोस्ट से मचे बवाल पर आया शशि थरूर का पहला रिएक्शन, जानें क्या कहा?
'...इसमें कोई शक नहीं', दिग्विजय सिंह की पोस्ट से मचे बवाल पर आया थरूर का पहला रिएक्शन, क्या कहा?
SIR In UP: 2.89 करोड़ नाम ड्राफ्ट सूची से हटेंगे, CEO नवदीप रिणवा ने हर शंका पर दिया जवाब
SIR In UP: 2.89 करोड़ नाम ड्राफ्ट सूची से हटेंगे, CEO नवदीप रिणवा ने हर शंका पर दिया जवाब
सलमान खान अब भी हैं बॉक्स ऑफिस किंग, डिटेल में रिकॉर्ड देखेंगे तो यकीन हो जाएगा
सलमान खान अब भी हैं बॉक्स ऑफिस किंग, डिटेल में रिकॉर्ड देखेंगे तो यकीन हो जाएगा
आसिम मुनीर का कट्टर विरोधी Ex-आर्मी अफसर पाकिस्तान में आंतकी घोषित, इमरान खान का करीबी होने की मिली सजा!
आसिम मुनीर का कट्टर विरोधी PAK में आंतकी घोषित, इमरान खान का करीबी होने की मिली सजा!

वीडियोज

Bollywood News: सलमान की स्टार पावर ने बनाई नई रणनीति, बैटल ऑफ गलवान’ के चलते आदित्य चोपड़ा ने ‘अल्फा’ की रिलीज बदल दी (28.12.2025)
Naagin 7: Hype vs Reality!🐍Naagin 7 के पहला एपिसोड का जादू दर्शको पर रहा बरकरार या Flop? #sbs
Top News Fatafat: आज की बड़ी खबरें, फटाफट | UP | Crime News| Madhya pradesh | ABP news
Digvijay Singh Post: RSS-बीजेपी का संगठन मजबूत..कांग्रेस क्यों मजबूर? | Breaking | Rahul Gandhi
Digvijaya Singh के पक्ष में JDU की एंट्री, Congress को दी सीख! | JDU | CWC Meeting | Bihar

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'...इसमें कोई शक नहीं', दिग्विजय सिंह की पोस्ट से मचे बवाल पर आया शशि थरूर का पहला रिएक्शन, जानें क्या कहा?
'...इसमें कोई शक नहीं', दिग्विजय सिंह की पोस्ट से मचे बवाल पर आया थरूर का पहला रिएक्शन, क्या कहा?
SIR In UP: 2.89 करोड़ नाम ड्राफ्ट सूची से हटेंगे, CEO नवदीप रिणवा ने हर शंका पर दिया जवाब
SIR In UP: 2.89 करोड़ नाम ड्राफ्ट सूची से हटेंगे, CEO नवदीप रिणवा ने हर शंका पर दिया जवाब
सलमान खान अब भी हैं बॉक्स ऑफिस किंग, डिटेल में रिकॉर्ड देखेंगे तो यकीन हो जाएगा
सलमान खान अब भी हैं बॉक्स ऑफिस किंग, डिटेल में रिकॉर्ड देखेंगे तो यकीन हो जाएगा
आसिम मुनीर का कट्टर विरोधी Ex-आर्मी अफसर पाकिस्तान में आंतकी घोषित, इमरान खान का करीबी होने की मिली सजा!
आसिम मुनीर का कट्टर विरोधी PAK में आंतकी घोषित, इमरान खान का करीबी होने की मिली सजा!
Year Ender 2025: इस साल रोहित शर्मा ने तोड़े 50 बड़े रिकॉर्ड, कई दिग्गजों को छोड़ा पीछे; हिटमैन के नाम नए 'वर्ल्ड रिकॉर्ड'
इस साल रोहित शर्मा ने तोड़े 50 बड़े रिकॉर्ड, कई दिग्गजों को छोड़ा पीछे; हिटमैन के नाम नए 'वर्ल्ड रिकॉर्ड'
'यूपी में न ठाकुरवाद, न ब्राह्मणवाद', BJP के ब्राह्मण विधायकों की बैठक पर केशव प्रसाद मौर्य की दो टूक
'यूपी में न ठाकुरवाद, न ब्राह्मणवाद', BJP के ब्राह्मण विधायकों की बैठक पर केशव प्रसाद मौर्य की दो टूक
RSS की तारीफ पर दिग्विजय सिंह ने दी सफाई, जानें कांग्रेस की संगठनात्मक क्षमता के सवाल पर क्या कहा
RSS की तारीफ पर दिग्विजय सिंह ने दी सफाई, जानें कांग्रेस की संगठनात्मक क्षमता के सवाल पर क्या कहा
Citizenship Rules: इन देशों की नागरिकता मिलना सबसे ज्यादा मुश्किल, बना रखें हैं कड़े नियम
इन देशों की नागरिकता मिलना सबसे ज्यादा मुश्किल, बना रखें हैं कड़े नियम
Embed widget