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छठी मैया को खुश करने के लिए चढ़ाएं ये 5 फल और जानें इस फल के महत्व!

chhath puja: छठ महापर्व इसमें डूबते और उगते सूर्य की पूजा की जाती है. इसमें कुछ फल है जिसे चढ़ाने से छठी मैया खुश हो जाती है और धन, सुख और बेहत स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है.

chhath puja: छठ पूजा सूर्य देव और छठी मैया को समर्पित एक चार दिवसीय हिंदू त्योहार है, जो मुख्य रूप से बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है. इस त्योहार में परिवार के सदस्य और मित्र नदियों के किनारे इकट्ठा होकर सूर्य को अर्घ्य देते हैं, उपवास रखते हैं और घर-परिवार की सुख-समृद्धि की प्रार्थना करते हैं.

यह त्योहार सूर्य की ऊर्जा और जीवन शक्ति के प्रति आभार व्यक्त करने और व्यक्तिगत मनोकामनाओं की पूर्ति की मांग करने का एक माध्यम है.

छठी मैया को खुश करने के लिए चढ़ाएं  ये 5 फल
छठी मैया को प्रसन्न करने और छठ पूजा का प्रसाद चढ़ाने के लिए केला, डाभ नींबू, नारियल, गन्ना और सिंघाड़ा जैसे फल शुभ माने जाते हैं. इन फलों को पूजा की थाली में शामिल किया जाता है और माना जाता है कि इन्हें चढ़ाने से छठी मैया खुश होती हैं और सुख-समृद्धि आती है.

केला
छठी मैया को प्रसन्न करने और उनकी कृपा पाने के लिए केला चढ़ाना महत्वपूर्ण है, क्योंकि केला एक पवित्र फल माना जाता है जो भगवान विष्णु का प्रिय फल भी है, और छठ पूजा में इसे चढ़ाने से परिवार में धन-समृद्धि, बच्चों का स्वस्थ जीवन और तकलीफों से निजात मिलती है. 

केला चढ़ाने का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

पवित्रता और विष्णु का वास
केला को भगवान विष्णु का प्रिय फल माना जाता है और माना जाता है कि केले में विष्णु जी का वास होता है. छठी मैया सूर्य देव से भी संबंधित हैं और विष्णु भगवान के बाद यह फल छठ मैया को भी प्रिय माना जाता है.

धैर्य और लंबी आयु
केला चढ़ाने से परिवार की लंबी उम्र और बच्चों के जीवन में आने वाली समस्याओं से बचाव होता है, खासकर सर्दी के मौसम में होने वाली बीमारियों से भी सुरक्षा मिलती है.

डाभ नींबू
छठ पूजा में डाभ नींबू चढ़ाने का महत्व धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों है. धार्मिक रूप से, इसे शुद्धता और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है, जो घर में सुख-समृद्धि लाता है.

वैज्ञानिक रूप से, यह विटामिन सी से भरपूर होता है, जिससे इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और इसमें मौजूद फाइबर पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है. इसके बड़े आकार और मोटे छिलके के कारण यह शुद्ध रहता है, जिससे देवी छठी मैया को यह प्रिय है. 

डाभ नींबू चढ़ाने के धार्मिक महत्व 

घर में सुख-समृद्धि
इसे चढ़ाने से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है, ऐसा माना जाता है.

पवित्रता का उदाहरण
इसका मोटा छिलका इसे पशु-पक्षियों के जरिए जूठा होने से बचाता है, इसलिए यह एक पवित्र फल है.

गन्ना 
छठी मैया को खुश करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए गन्ने का चढ़ावा बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह छठी मैया को प्रिय फल माना जाता है. गन्ने का दान करने से घर में आनंद, समृद्धि और मिठास बनी रहती है, साथ ही गन्ने की पवित्रता और नई फसल से जुड़ाव होने की वजह इसे खास प्रसाद के रूप में भी चढ़ाया जाता है.

गन्ना चढ़ाने का महत्व

छठी मैया को प्रिय
मान्यता है कि गन्ना छठी मैया का बहुत प्रिय है, इसलिए इसे चढ़ाने से वह प्रसन्न होती हैं.

पवित्रता का प्रतीक
गन्ने को कोई भी पशु-पक्षी जूठा नहीं कर सकता, इसलिए इसे पवित्र और शुद्ध माना जाता है.

नारियल
छठी मैया को खुश करने के लिए नारियल चढ़ाना महत्वपूर्ण है क्योंकि इसे परम पवित्र और शुद्ध फल माना जाता है, जो मां लक्ष्मी का स्वरूप है, और यह मनोकामना पूर्ण करने का प्रतीक है.  इसका कठोर छिलका किसी भी जीव के जरिए इसे जूठा करने से बचाता है और इसकी ऊंचाई पर लगे होने की वजह  भी इसे पवित्र माना जाता है.

नारियल चढ़ाने के महत्व

पवित्रता का प्रतीक
नारियल का खोल सख्त होने की वजह से पक्षी या अन्य जीव इसे आसानी से जूठा नहीं कर पाते, जो इसे और भी पवित्र बनाता है.

मां लक्ष्मी का स्वरूप
नारियल को देवी लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है, और यह उन्हें प्रिय है.

सिंघाड़ा
छठ मैया को सिंघाड़ा चढ़ाना शुद्धता, धन-धान्य की प्राप्ति और देवी को खुशी करने के लिए किया जाता है, क्योंकि यह एक पवित्र, पानी में उगने वाला फल है जिसका आवरण सख्त होता है, जिससे पशु-पक्षी इसे जूठा नहीं कर पाते. सिंघाड़ा देवी लक्ष्मी को भी प्रिय है, इसलिए इसे चढ़ाने से घर में समृद्धि आती है.

सिंघाड़ा चढ़ाने के महत्व

शुद्धता:
सिंघाड़ा पानी में उगने वाला फल है और इसका आवरण मोटा व सख्त होता है, जिससे कोई भी जीव इसे झूठा नहीं कर पाता.  इस शुद्धता और पवित्रता के कारण इसे छठी मैया को अर्पित किया जाता है.

धन-धान्य की प्राप्ति
सिंघाड़ा देवी लक्ष्मी का प्रिय फल भी माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि इसे चढ़ाने से घर में धन और अन्न का भंडार बना रहता है. 

ये भी पढ़ें : Chhath Puja 2025: कब है छठ पूजा? जानें तिथि, मुहूर्त और महत्व

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

बिहार के पूर्वी चम्पारण जिले के फेनहारा गांव की रहने वाली निशात अंजुम उन तमाम युवाओं की तरह है, जो छोटे शहरों और गांवों से निकलकर बड़े सपने देखते हैं और उन्हें पूरा करना चाहते हैं. 25 मई 2005 के दिन इस दुनिया में अपना पहला कदम रखने वाली निशात के पिता अब्दुल वाजिद बिजनेसमैन हैं और गांव में ही मेडिकल हॉल चलाते हैं. मां शाहेदा खातून हाउसवाइफ हैं. तीन भाइयों अब्दुल बासित, अब्दुल अली, अब्दुल गनी और दो बहनों माहेरुख अंजुम व आतिया अंजुम को निशात अपनी ताकत मानती हैं. 

फेनहारा के ब्रिलिएंट पब्लिक स्कूल से 8वीं तक की पढ़ाई करने के बाद निशात ने 2020 में हाजी फरजंद हाई स्कूल फेनहारा से मैट्रिक किया तो 2022 में भगवान सिंह कॉलेज मधुबन से इंटरमीडिएट किया. सिर्फ पढ़ाई-लिखाई ही नहीं, बल्कि टेक्नोलॉजी की दुनिया में भी निशात का मन रमता है. 2022 ही उन्होंने कौशल विभाग फेनहारा से कंप्यूटर कोर्स किया. फिलहाल, लंगट सिंह कॉलेज मुजफ्फरपुर से बैचलर ऑफ मास कम्यूनिकेशन कर रही हैं, जिसका फाइनल रिजल्ट जल्द आने वाला है. निशात अपनी पढ़ाई जारी रखना चाहती हैं और जिंदगी में कुछ बड़ा करने का मकसद रखती हैं. 

पढ़ाई की शौकीन निशात अपनी जिंदगी में रंग भरने के लिए भी तमाम काम करती हैं. युवा होने के बावजूद ईश्वर से जुड़ाव रखती हैं और रोजाना नमाज पढ़ती हैं. खबरों की दुनिया में बने रहना उन्हें अच्छा लगता है. यही वजह है कि वह रोजाना अखबार, न्यूज वेबसाइट्स और टीवी चैनलों से देश-दुनिया की जानकारी हासिल करती हैं. इसके अलावा उन्हें रील्स देखना, गाने सुनना और खाना बनाना बेहद पसंद है. 

निशात की सबसे अच्छी दोस्त सादिया सिद्दिकी हैं, जिनके साथ वह अपने सुख-दुख बांटती हैं. फेवरेट क्रिकेटर्स की बात हो तो निशात की लिस्ट में विराट कोहली, ऋषभ पंत और अभिषेक शर्मा का नाम लिखा है. वहीं, प्रियंका चोपड़ा और अक्षय कुमार उन्हें काफी पसंद हैं. अगर फिल्म की बात करें तो तारे जमीं पर उन्हें इमोशनली छूती है.

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