Brain diet for kids: आइंस्टाइन जैसे दिमाग के लिए बच्चों को जरूर खिलाएं ये सुपरफूड्स
स्वस्थ शरीर के लिए स्वस्थ मस्तिष्क का होना जरूरी है. बचपन से ही यदि बच्चों को अधिक पौष्टिक भोजन का सेवन कराया जाए तो उनका मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रहता है और वे दिमागी तौर पर तेजतर्रार होते हैं.
खानपान और रहन-सहन यदि अच्छा हो तो शरीर स्वस्थ रहता है. स्वस्थ शरीर के पीछे सबसे बड़ा कारण है स्वस्थ मस्तिष्क. यदि व्यक्ति का दिमाग स्वस्थ हो तो पूरा शरीर अच्छे से काम करता है. सही भोजन एकाग्रता, याददाश्त और मस्तिष्क के बेहतर कार्य करने में मदद करता है. जिस तरह हमारा शरीर हमारे द्वारा खाए गए खाने को अब्सॉर्ब करता है उसी तरह मस्तिष्क भी भोजन के पोषक तत्व को अवशोषित करता है. इसलिए हमें खानपान में अधिक पौष्टिक वाला भोजन शामिल करना चाहिए जिससे हमारा मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रहे और अल्टरनेटिवली शरीर भी स्वस्थ्य रहे.
जीवन के पहले कुछ वर्षों के दौरान एक बच्चे का मस्तिष्क तेजी से बढ़ता है. बच्चा जब 2 साल का हो जाता है तो उसका मस्तिष्क लगभग 80% तक बढ़ चुका होता है. इसलिए जरूरी है कि शुरुआत के 2 सालों में बच्चे को अधिक पौष्टिक वाला भोजन दिया जाए. अच्छी डाइट का असर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों पर पड़ता है. हर मां चाहती है कि उसका बच्चा पढ़ाई में होशियार और तेजतर्रार हो. इसके लिए हर मां को बच्चे के बचपन से ही तैयारियां शुरू कर देनी चाहिए. आज इस लेख में हम आपको बताएंगे कि आप कैसे अपने बच्चें का मानसिक स्वास्थ्य बेहतर कर सकते हैं जिससे वो तेज और बुद्धिमान हो
ऑयली फिश
ऑयली फिश में ओमेगा 3 फैटी एसिड की मात्रा अधिक होती है जो मस्तिष्क के विकास और स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है. ओमेगा 3 फैटी एसिड हमारे सेल्स के निर्माण के लिए आवश्यक होता है. ताज़ी टूना, ट्राउट,सैल्मन, मैकेरल, सार्डिन और हेरिंग जैसी मछलियों में ओमेगा 3 फैटी एसिड अधिक मात्रा में होता है. इसका सेवन सप्ताह में एक बार बच्चों को जरूर करना चाहिए.
रंगीन सब्जियां
रंगीन सब्जियां एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होती हैं जो दिमाग के सेल्स को स्वस्थ रखने में मदद करती हैं. आप अपने बच्चे को टमाटर, शकरकंद, कद्दू, गाजर या पालक खिला सकते हैं. इससे बच्चे का मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रहेगा.
डेरी प्रोडक्ट्स
डेरी प्रोडक्ट जैसे दूध, दही और पनीर में प्रोटीन और विटामिन बी की मात्रा अधिक होती है जो मस्तिष्क के टिश्यू, न्यूरोट्रांसमीटर और एंजाइम के विकास के लिए बेहद जरूरी है. ये मस्तिष्क में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. डेयरी प्रोडक्ट्स में कैल्शियम अधिक होता है जो मजबूत और स्वस्थ्य दांतो और हड्डियों के विकास के लिए आवश्यक है. बच्चों में उनकी उम्र के हिसाब से कैल्शियम की आवश्यकता अलग-अलग होती है. इसलिए आप डॉक्टर की परामर्श पर भी उन्हें कैल्शियम युक्त भोजन का सेवन करा सकते हैं.
बीन्स
बीन प्रोटीन, विटामिन और मिनरल का एक अच्छा स्रोत है. किडनी और पिंटो बीन्स में किसी अन्य बीन्स की तुलना में ओमेगा-3 अधिक मात्रा में पाया जाता है जो बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है.
अंडे
नाश्ते में अपने बच्चे के प्लेट में अंडे को जरूर शामिल करें. अंडे में प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो बच्चें को स्वस्थ रखने में मदद करता है. बच्चों को कार्ब्स, प्रोटीन और थोड़ी मात्रा में हेल्थी फैट युक्त पदार्थ जरूर देने चाहिए.
मेवे (ड्राई फ्रूट्स)
बच्चे के दिमाग को तेज तर्रार बनाने के लिए उनकी डाइट में सूखे मेवे या अखरोट जरूर शामिल करें. मेवों में प्रोटीन, विटामिन, खनिज और जरूरी फैटी एसिड भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं जो बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य को अच्छा बनाते हैं. आप सुबह दूध में मेवे डालकर बच्चे को दे सकते हैं या दिन में लंच बॉक्स में भी सूखे में मेवे रख सकते हैं.
जामुन
जामुन में एंथोसायनिन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जो बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है. एंथोसायनिन मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह, नए सेल्स के विकास और प्रोटीन को बढ़ावा देते हैं.
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