Ozempic Side Effects: कैसे काम करती है वजन घटाने वाली दवा ओजेम्पिक, किन लोगों के लिए हो सकती है खतरनाक?
Ozempic weight loss drug: ओजेम्पिक का असली नाम सेमाग्लूटाइड है. यह GLP-1 हॉर्मोन की नकल करती है. दरअसल, शरीर में GLP-1 नाम का हॉर्मोन खाना खाने के बाद निकलता है. यह इंसुलिन बढ़ाता है.

वजन घटाने के लिए आजकल ओजेम्पिक दवा की चर्चा काफी ज्यादा है. इंजेक्शन के रूप में आने वाली यह दवा मूल रूप से टाइप 2 डायबिटीज के इलाज के लिए बनी है, लेकिन इसका साइड इफेक्ट वजन कम करना है. ऐसे में लोग इसे वेट लॉस के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं. दिसंबर 2025 के दौरान भारत में लॉन्च हुई यह दवा कैसे काम करती है और किन लोगों के लिए हो सकती है खतरनाक? आइए जानते हैं.
क्या है ओजेम्पिक और कैसे करती है काम?
ओजेम्पिक का असली नाम सेमाग्लूटाइड है. यह GLP-1 हॉर्मोन की नकल करती है. दरअसल, शरीर में GLP-1 नाम का हॉर्मोन खाना खाने के बाद निकलता है. यह इंसुलिन बढ़ाता है, ब्लड शुगर कम करता है और भूख कम करता है. यथार्थ सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल के इंटरनल मेडिसिन एंड डायबिटोलॉजिस्ट में सीनियर कंसल्टेंट डॉ. अनिल गोम्बर के मुताबिक, ओजेम्पिक टाइप 2 डायबिटीज और वजन मैनेजमेंट के लिए अच्छी दवा है, लेकिन इसके GI साइड इफेक्ट्स भी हैं, जो डोज बढ़ाने पर ज्यादा दिखते हैं. हालांकि, इसे डॉक्टर से सलाह लिए बिना नहीं लगवाना चाहिए.
क्या काम करती है ओजेम्पिक?
- पेट खाली होने में देरी करती है, इसलिए भूख कम लगती है.
- दिमाग को संकेत भेजती है कि पेट भरा है.
- इंसुलिन ज्यादा बनाती है और ग्लूकागॉन हॉर्मोन कम करती है.
- इससे ब्लड शुगर कंट्रोल होता है और वजन कम होता है.
कितने रुपये में मिलता है यह इंजेक्शन?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस इंजेक्शन से एक साल में 15 पर्सेंट तक वजन कम हो सकता है, लेकिन दवा बंद करने पर दो-तिहाई वजन दोबारा बढ़ जाता है. यह इंजेक्शन हफ्ते में एक बार लगवाना होता है. भारत में इसे लगवाने का खर्च 10 हजार से 20 हजार रुपये महीना आता है. 2025 की लेटेस्ट स्टडीज में पाया गया कि इस इंजेक्शन की वजह से पैनक्रियाटाइटिस का खतरा 146 पर्सेंट तक बढ़ सकता है. वहीं, आंख की दुर्लभ बीमारी NAION का रिस्क भी है. दवा बंद करने पर वजन दोबारा बढ़ जाता है.
क्या है इस इंजेक्शन को लगवाने के फायदे?
- टाइप 2 डायबिटीज में ब्लड शुगर अच्छा कंट्रोल.
- वजन कम होना, खासकर मोटापे वाले मरीजों में.
- हार्ट की बीमारी का खतरा कम.
- कुछ स्टडीज में अल्जाइमर और डिमेंशिया का रिस्क भी कम.
क्या होते हैं खतरे?
- पैनक्रियाटाइटिस (पैंक्रियास में सूजन)
- गॉल ब्लैडर की समस्या जैसे पथरी
- थायरॉइड ट्यूमर या कैंसर का खतरा (चूहों में देखा गया, इंसानों में पक्का नहीं)
- विजन लॉस (NAION नाम की आंख की बीमारी)।
- किडनी प्रॉब्लम
- पेट की मांसपेशियां कमजोर होना (गैस्ट्रोपेरेसिस)
किन लोगों के लिए खतरनाक?
- थायरॉइड-कैंसर की फैमिली हिस्ट्री वाले.
- मेडुलरी थायरॉइड कार्सिनोमा या MEN 2 सिंड्रोम वाले.
- पैनक्रियाटाइटिस की पुरानी हिस्ट्री
- किडनी या लिवर की सीरियस प्रॉब्लम.
- प्रेग्नेंट या ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाएं.
- गॉल ब्लैडर या पेट की गंभीर बीमारी वाले.
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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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Source: IOCL
























