ड्रग से होने वाले दुष्प्रभावों को जानिए, इस्तेमाल से कैसे आता है आपके शरीर में घातक बदलाव?
ड्रग का सेवन शुरू में प्रयोग के तौर पर किया जाता हैधीरे-धीरे इंसान इसका आदी होकर निर्भर हो जाता है

बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की खुदकुशी में ड्रग एंगल सामने आने के बाद ये शब्द काफी चर्चित हो गया है. हर कोई जानना चाह रहा है कि आखिर ड्रग का नशा क्या होता है? कैसे कोई शख्स ड्रग के जाल में फंसता चला जाता है? जिसका नतीजा मौत पर जाकर थमता है.
प्रायोगिक इस्तेमाल के साथ शुरू होती है ड्रग की लत
दरअसल, जब कोई शख्स इसका आदी हो जाता है, तो नुकसान की परवाह किए बिना इस्तेमाल करने लगता है. ड्रग की लत प्रायोगिक इस्तेमाल के साथ शुरू होती है. लत का खतरा और जल्दी आदी होना ड्रग के प्रकार पर निर्भर करता है.
कुछ ड्रग जैसे ओपियोड पेन किलर का खतरा ज्यादा होता और अन्य के मुकाबले जल्दी लत लग सकता है. वक्त गुजरने के साथ आपको ज्यादा डोज की जरूरत हो सकती है. जल्दी अच्छा महसूस करने के लिए सिर्फ ड्रग की आवश्यकता होती है. जैसे-जैसे ड्रग का सेवन बढ़ता है, आपका ड्रग के बिना रहना मुश्किल हो जाता है.
शरीर में ओरल या इंजेक्शन की मदद से ड्रग सेवन का सीधा असर मस्तिष्क पर पड़ता है. इससे डोपामाइन रिलीज होता है. डोपामाइन शरीर में मौजूद एक कार्बनिक रसायन है. ये एक न्यूरोट्रांसमीटर के रूप में शरीर और मस्तिष्क के बीच कार्य करता है. डोपामाइन हार्मोन को खुशी का एहसास कराने वाला हार्मोन भी कहा जाता है. ड्रग कुछ समय के लिए आपको आनंद और कल्पना की दुनिया में पहुंचा सकता है.
ड्रग की लत एक बीमारी है. ये किसी शख्स के मस्तिष्क और व्यवहार को प्रभावित करता है. ड्रग की लत न सिर्फ हीरोइन, कोकीन या अवैध मादक पदार्थों से होती है बल्कि अल्कोहल, निकोटीन ओपियोड पेन किलर, नींद और बेचैनी रोधी दवाओं से भी होती है. ड्रग के आदी होने से शरीर को स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. प्रमुख लक्षणों में ऊर्जा की कमी, वजन की कमी या बढ़ोतरी, आंखों का लाल होना है.
व्यवहार, परिवार और दोस्तों के साथ संबंध में अप्रत्याशित परिवर्तन, पढ़ाई के काम को बार-बार नजरअंदाज करना, काम या स्कूल की गतिविधियों में अचानक दिलचस्पी का गायब होना या कार्य क्षमता प्रभावित होने लगती है. कुछ लोग पौरुष शक्ति को मजबूत करने के लिए भी ड्रग या पाउडर इस्तेमाल करते हैं. थोड़ी देर के लिए इसका फायदा मिलता जरूर है मगर लंबे समय में बुरा असर पड़ता है.
ड्रग शरीर के संवेदनशील अंगों की सक्रियता को काफी कम कर देता है. नशीला पदार्थ हेरोइन का सेवन भी शरीर को नुकसान पहुंचाता है. ये ड्रग हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट बढ़ाता है. नींद नहीं आने की समस्या हो सकती है. ट्यूबरक्लॉसिस, गठिया, दिल में संक्रमण का कारण भी बन सकता है.
ड्रग का सेवन व्यवहार और शरीर को करता है प्रभावित
कोकीन का इस्तेमाल टोपिकल एनेस्थेटिक से किया जाता है. ये ड्रग कोक, फ्लैक स्नो, तुत, ब्लो, नोज कैंडी, लिक्विड लेडी, स्पीडबॉल, क्रैक और रॉक नामों से जाना जाता है. इसका सेवन सीधे नाक से, मसूढ़ों पर लगा कर, पानी में मिलाकर पीने से या फिर सुई लगाकर किया जाता है. इसके सेवन के बाद जरूरत से ज्यादा तेजी से बात करना, ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट बढ़ना, शरीर का वजन कम होना, हिंसात्मक भावना की प्रवृत्ति का होना उजागर होता है.
'दिल्ली क्राइम' को अवार्ड मिलने पर जश्न को लेकर हुई आलोचना, ऋचा चड्ढा ने यूजर को दिया करारा जवाब
क्या आपको पता है मारोडोना के 11 बच्चे थे, जानिए-परिवार से जुड़ी अनसुनी कहानियां
Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL






















