Sanjay Dutt: कैंसर के इलाज के दौरान एक्सरसाइज करते थे संजय दत्त, जानें ऐसा करना क्यों है जरूरी
साल 2020 में संजय दत्त को पता चला कि उन्हें लंग्स कैंसर है. उस समय उनका कैंसर चौथे स्टेज में पहुंच चुका था. हालांकि, उन्होंने सही समय पर कदम उठाया और सही ट्रीटमेंट, रुटीन के साथ कैंसर को हरा दिया.
Fitness Routine For Cancer Patients : कैंसर एक बेहद खतरनाक और जानेलवा बीमारी है. यह किसी भी उम्र और किसी को भी हो सकती है. अगर सही समय पर इसकी पहचान कर इलाज शुरू कर दिया जाए तो इससे बचा जा सकता है. कई बड़े सेलिब्रिटीज भी कैंसर की चपेट में आ चुके हैं. उनमें से कुछ तो इस बीमारी को हराकर आज अच्छी-खासी जिंदगी जी रहे हैं. इनमें एक नाम बॉलीवुड एक्टर संजय दत्त (Sanjay Dutt) का भी है.
साल 2020 में संजय दत्त को पता चला कि उन्हें लंग्स कैंसर यानी फेफड़ों का कैंसर (Lung Cancer) है. उस समय उनका कैंसर चौथे स्टेज में पहुंच चुका था. हालांकि, उन्होंने सही समय पर कदम उठाया और सही ट्रीटमेंट, रुटीन के साथ कैंसर को हरा दिया. उन्हें इस बीमारी से मुक्त होने में 4 साल का वक्त लगा. ऐसे में आइए जानते हैं ट्रीटमेंट के अलावा कैंसर से बचने के लिए एक्टर की फिटनेस रुटीन क्या थी...
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संजय दत्त के कैंसर का इलाज कैसे हुआ
रिपोर्ट्स के अनुसार, 65 साल के संजय दत्त अब कैंसर मुक्त हो चुके हैं. इस दौरान उनका हौसला गजब का था. उन्हें इस बात का भरोसा था कि इस बीमारी से जरूर बच जाएंगे. उन्होंने देश-विदेश में इसका सही इलाज करवाया, कई कीमोथेरेपी कराई. इसके अलावा क्रिटिकल कंडीशन में भी अपनी पॉजिटिव सोच नहीं छोड़ी, जो उन्हें रिकवर करने में मदद की और आज एक खुशहाल जिंदगी जी रहे हैं.
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कैंसर से लड़ने के दौरान कैसा था संजय दत्त का फिटनेस रुटीन
संजय दत्त ने अपना फिटनेस रूटीन शेयर करते हुए बताया कि, इलाज-दवाओं के अलावा कैंसर को ठीक करने के लिए उन्होंने फिटनेस का पूरा ख्याल रखा. फ्री प्रेस जर्नल पर दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि वे नियमित तौर पर फिजिकल एक्टिविटीज में हिस्सा लेते थे. दिनभर में कम से कम 3 घंटे का समय वर्कआउट के लिए निकालते हैं. हर दिन 50 पुश-अप्स करते, जिससे उनके फेफड़ों को बल मिलता और जल्दी रिकवरी में उन्हें मदद मिली. इसके अलावा कई अन्य एक्सरसाइज भी उनकी रुटीन का हिस्सा थी.
क्या कैंसर मरीज एक्सरसाइज कर सकता है
अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के अनुसार, कैंसर के दौरान या इलाज खत्म होने के बाद एक्सरसाइज करना कई तरह से फायदेमंद हो सकता है. इससे बीमारी से लड़ने से बल मिलता है. इम्यूनिटी मजबूत होती है और कई इन्य समस्याएं जैसे अनिद्रा, डिप्रेशन, एंग्जाइटी और थकान कम होती है.
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