Coronavirus: क्या बीमारी से ठीक होने के बाद भी देर तक रह सकते हैं लक्षण, ब्रिटिश रिपोर्ट में सिंड्रोम का चला पता
कोरोना वायरस से ठीक होने के बाद भी चार लक्षण जाहिर हो सकते हैंब्रिटेन की एक रिपोर्ट में बीमारी के दुष्प्रभाव का खुलासा किया गया है
कोरोना वायरस संक्रमण से ठीक होने के बाद भी मरीजों को कई लक्षणों का सामना करना पड़ सकता है. ब्रिटेन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान की एक रिपोर्ट में वायरस के दुष्प्रभावों का खुलासा किया गया है. गौरतलब है कि लंबी अवधि में कोरोना वायरस के प्रभाव को समझाने के लिए शोधकर्ताओं ने 'लॉंग कोविड' का नाम दिया है.
कोरोना वायरस को मात देने के बाद भी हो सकता है दुष्प्रभाव
उनका कहना है कि दुष्प्रभाव चार अलग-अलग लक्षणों में जाहिर हो सकता है. ये जानने के लिए विशेषज्ञों और डॉक्टरों की टीम ने वर्तमान सबूत का परीक्षण किया. साथ ही अस्पताल में भर्ती होने के बाद और अस्पताल में भर्ती नहीं होनेवाले मरीजों का इंटरव्यू किया. उसके बाद उन्होंने बताया कि लॉंग कोविड का सिर्फ एक ही दुष्प्रभाव सामने नहीं आया. उन्होंने माना कि लोगों को कोविड-19 दुष्प्रभाव का सामना लंबे समय तक करना पड़ सकता है और उसके अलग-अलग रूप हो सकते हैं.
राष्ट्रीय स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान के शोधकर्ता एलाएन मैक्सवेल ने कहा, "हम ये नहीं कह रहे हैं कि हमने चार निश्चित रोग लक्षणों का पता लगा लिया है बल्कि हम संभावना और संभावित व्याख्या के तौर पर बता रहे हैं कि क्यों बहुत लोगों को लगता है कि उनका विश्वास नहीं किया जा रहा है या उनकी बात नहीं सुनी जा रही है और उन्हें सहायक इलाज नहीं मिल रही है."
ब्रिटेन की स्वास्थ्य रिपोर्ट में देर तक लक्षणों की बात उजागर
रिपोर्ट के मुताबिक, 5 जून तक 95 हजार से ज्यादा कोविड-19 के मरीज पूरे इंग्लैंड के अस्पतालों में भर्ती थे. यूके कोविड एप के आंकड़ों से पता चला कि मरीजों की बड़ी तादाद ने एक महीने तक लक्षण की बात बताई. इसके अलावा 10 फीसद से 20 फीसद के बीच मरीजों को ज्यादा समय तक पेचीदगी का सामना करना पड़ा. शोधकर्ताओं का कहना है कि इन लक्षणों के चार कारण हो सकते हैं. दिल और फेफड़ों को पहुंचने वाला नुकसान, पोस्ट इंटेसिव केयर सिंड्रोम (ICU के बाद एक साथ जाहिर होनेवाले कई लक्षण), पोस्ट वायरल फटिग (प्रकोप के बाद थकावट का लक्षण) और लंबे समय तक कोविड सिंड्रोम हो सकते हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि कुछ लोगों को कोरोना वायरस का संक्रमण लंबे समय तक रहनेवाली बीमारी है.
पिछले महीने किंग्स कॉलेज लंदन के प्रोफेसर स्पेक्टर ने पहली बार 'लॉंग कोविड' की परिभाषा गढ़ी थी. जिसका मतलब ऐसे लोगों से है जिनमें कोरोना वायरस के लक्षण दो हफ्ते बाद भी बरकरार रहते हैं. जिससे लंबे समय तक सांस लेने में मुश्किल, दिमागी और मनोवैज्ञानिक से लेकर किडनी, आहार नली, लीवर और त्वचा की समस्याओं तक का सामना करना पड़ सकता है. पिछले महीने किंग्स कॉलेज लंदन के प्रोफेसर स्पेक्टर ने पहली बार 'लॉंग कोविड' की परिभाषा गढ़ी थी. जिसका मतलब ऐसे लोगों से है जिनमें कोरोना वायरस के लक्षण दो हफ्ते बाद भी बरकरार रहते हैं.
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