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UTTAR PRADESH (80)
43
INDIA
36
NDA
01
OTH
MAHARASHTRA (48)
30
INDIA
17
NDA
01
OTH
WEST BENGAL (42)
29
TMC
12
BJP
01
INC
BIHAR (40)
30
NDA
09
INDIA
01
OTH
TAMIL NADU (39)
39
DMK+
00
AIADMK+
00
BJP+
00
NTK
KARNATAKA (28)
19
NDA
09
INC
00
OTH
MADHYA PRADESH (29)
29
BJP
00
INDIA
00
OTH
RAJASTHAN (25)
14
BJP
11
INDIA
00
OTH
DELHI (07)
07
NDA
00
INDIA
00
OTH
HARYANA (10)
05
INDIA
05
BJP
00
OTH
GUJARAT (26)
25
BJP
01
INDIA
00
OTH
(Source: ECI / CVoter)
बच्चों में दिखें ये लक्षण तो तुरंत हो जाएं सावधान, नहीं तो झेलनी पड़ सकती है भारी परेशानी...
अगर आपका बच्चा भी गुमसुम रहता है और चिड़चिड़ाहट देखने को मिल रही है तो इस लक्षण को गंभीरता से लेना चाहिए.पैरेंट्स कुछ बातों का ख्याल रखकर बच्चों को इस तरह की समस्या से बाहर निकाल सकते हैं.
Kids Care Tips: कोरोना और लॉकडाउन के बाद से ही बच्चों में एक अलग तरह की बीमारी देखने को मिल रही है. बच्चों के डॉक्टर के मुताबिक, इसकी वजह से बच्चों में पढ़ने-लिखने की क्षमता कम हो गई है और चीजों को वे जल्दी भूल जा रहे हैं. यही वजह है कि वे जिद्दी होते जा रहे हैं. मनोरोग विशेषज्ञ (psychiatry) के अनुसार, ऑनलाइन एजुकेशन के दौरान बच्चे स्क्रीन से जुड़े और अब यही उनकी दुनिया बनती जा रही है. जिसका असर उनके शारीरिक और मानसिक विकास पर साफ देखने को मिल रहा है. छुट्टी के दिनों में भी कुछ स्कूल ऑनलाइन क्लासेस चला रहे हैं, इसके अलावा जिस तेजी से बच्चे मोबाइल में गेम्स और रील्स देखने में समय बिता रहे हैं उससे बच्चों में यह समस्या देखने को मिल रही है.
बच्चों में बढ़ रहा जिद्दीपन, चिड़चिड़ाहट
स्क्रीन पर ज्यादा वक्त बिताने की वजह से बच्चे जिद्दी होते जा रहे हैं और बात-बात पर चिड़चिड़े भी. ऑनलाइन एजुकेशन से कुछ बच्चों में पढ़ने लिखने की क्षमता भी काफी कम हुई है. पढ़ने में अच्छे बच्चे भी कमजोर हुए हैं, ऐसे भी मामले देखने को मिल रहे हैं.
बच्चों में इन संकेतों को समझें पैरेंट्स
एक रिपोर्ट के मुताबिक, करीब-करीब हर बड़े हॉस्पिटल में आए दिन ऐसे कई मामले देखने को मिल रहे हैं. पैरेंट्स बच्चों की इस तरह की समस्याएं लेकर डॉक्टर के पास पहुचं रहे हैं. ऐसे बच्चों की उम्र 5 से 13 साल तक है. हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, अगर आपका भी बच्चा स्क्रीन पर ज्यादा वक्त दे रहा है. गुमसुम रहता है और उसके स्वभाव में जिद्दीपन-चिड़चिड़ाहट देखने को मिल रही है तो इस लक्षण को गंभीरता से लेना चाहिए. ऐसे में बच्चे का मन पढ़ने-लिखने में भी नहीं होता है.
माता-पिता को क्या करना चाहिए
- बच्चों को ज्यादा से ज्यादा वक्त दें और उनकी बातें सुनें.
- उसके दोस्तों से बात कर उसकी जानकारी लें.
- मोबाइल पर आपका बच्चा क्या देख रहा और कितनी देर तक देख रहा, इस पर भी नजर रखें.
- बच्चे के व्यवहार का ध्यान रखें. अगर गड़बड़ी लगे तो काउंसलिंग करें.
- बच्चे की हर मांग, हर जिद पूरी न करें. डॉक्टर की सलाह लें.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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डॉ. रवि दोसीConsultant, Pulmonary Medicine
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