Cervical Cancer: इन लक्षणों को इग्नोर करने पर हो जाता है सर्वाइकल कैंसर, जानें महिलाओं को ज्यादा खतरा क्यों?
सर्वाइकल कैंसर एक खतरनाक बीमारी है, जो महिला के गर्भाशय के निचले हिस्से में होती है. इसका मुख्य कारण मानव पैपिलोमावायरस (HPV) संक्रमण है, जो यौन संबंधों के जरिये फैलता है.

भारत में महिलाओं में हर साल सर्वाइकल कैंसर (गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर) के 1.2 लाख से ज्यादा नए मामले सामने आते हैं. यह महिलाओं में तीसरा सबसे आम कैंसर है. हर साल करीब 70 से 75 हजार महिलाओं की मौत इस बीमारी से होती है, जो दुनिया भर में होने वाली सर्वाइकल कैंसर से मौतों का लगभग एक तिहाई हिस्सा है.
इस कैंसर को समय रहते रोका जा सकता है, लेकिन सबसे खतरनाक बात यह है कि इसके शुरुआती लक्षण अक्सर दिखाई नहीं देते. इसी वजह से इसकी पहचान और रोकथाम में देरी हो जाती है. इस लेख में हम ऐसे संकेतों और कारणों के बारे में बता रहे हैं, जिनकी मदद से समय रहते सतर्क हुआ जा सकता है.
सर्वाइकल कैंसर क्या होता है?
सर्वाइकल कैंसर वह कैंसर है, जो महिला के गर्भाशय के निचले हिस्से यानी सर्विक्स में होता है. सर्विक्स वह हिस्सा है, जो गर्भाशय को योनि से जोड़ता है.
जब इस हिस्से की कोशिकाएं असामान्य तरीके से बढ़ने लगती हैं और शरीर का उन पर नियंत्रण नहीं रहता, तो इसे सर्वाइकल कैंसर कहा जाता है. इसका सबसे बड़ा कारण मानव पैपिलोमावायरस यानी HPV संक्रमण माना जाता है, हालांकि इसके पीछे कुछ अन्य कारण भी होते हैं.
HPV संक्रमण सबसे बड़ा कारण
मानव पैपिलोमावायरस यानी HPV संक्रमण सर्वाइकल कैंसर के मुख्य कारणों में से एक है. यह वायरस यौन संबंधों के जरिये फैलता है. करीब 80 प्रतिशत सर्वाइकल कैंसर के मामलों में HPV को जिम्मेदार माना जाता है.
HPV के कई प्रकार होते हैं, लेकिन टाइप 16 और टाइप 18 सबसे खतरनाक माने जाते हैं, क्योंकि यही आगे चलकर कैंसर की वजह बन सकते हैं.
HPV संक्रमण आम है, लेकिन खतरा कब बढ़ता है
यह जानना जरूरी है कि HPV कोई दुर्लभ वायरस नहीं है. ज्यादातर महिलाएं अपनी जिंदगी में कभी न कभी HPV से संक्रमित होती हैं. अच्छी बात यह है कि अधिकतर मामलों में शरीर की इम्युनिटी खुद ही इस वायरस को खत्म कर देती है.
समस्या तब होती है, जब यह वायरस लंबे समय तक शरीर में बना रहता है. ऐसे मामलों में सर्वाइकल कैंसर का खतरा बढ़ जाता है.
ज्यादा यौन साथी होने से क्यों बढ़ता है जोखिम?
अगर किसी महिला के ज्यादा यौन साथी हैं, तो सर्वाइकल कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. इसकी वजह यह है कि इससे HPV और अन्य यौन संचारित संक्रमण होने की संभावना ज्यादा हो जाती है.
असुरक्षित यौन संबंध और बार-बार पार्टनर बदलने से वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैलता है. HPV ऐसा ही वायरस है, जो लंबे समय तक शरीर में रहने पर कैंसर की वजह बन सकता है.
धूम्रपान भी बढ़ाता है खतरा
अक्सर धूम्रपान को सिर्फ फेफड़ों के कैंसर से जोड़ा जाता है, लेकिन इसका असर यहीं तक सीमित नहीं रहता. सिगरेट में मौजूद जहरीले रसायन शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर देते हैं.
जब इम्युनिटी कमजोर होती है, तो शरीर HPV जैसे वायरस को खत्म नहीं कर पाता. ऐसे में सर्वाइकल कैंसर का खतरा धीरे-धीरे बढ़ने लगता है.
बार-बार गर्भधारण भी एक जोखिम कारक
अगर किसी महिला ने कई बार गर्भधारण किया है, तो उसमें सर्वाइकल कैंसर का खतरा बढ़ सकता है. यह खतरा खासतौर पर उन महिलाओं में ज्यादा देखा गया है, जिन्होंने कम उम्र में गर्भधारण किया हो.
लंबे समय तक गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन
कुछ शोध बताते हैं कि जो महिलाएं पांच साल या उससे ज्यादा समय तक गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करती हैं, उनमें सर्वाइकल कैंसर का खतरा थोड़ा बढ़ सकता है. इन गोलियों में मौजूद हार्मोन शरीर के हार्मोन संतुलन को प्रभावित करते हैं, जिसका असर गर्भाशय की गर्दन यानी सर्विक्स की कोशिकाओं पर पड़ सकता है.
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Source: IOCL






















