Cancer: कहीं इस कैंसर की चपेट में तो नहीं, लक्षणों से जरूर पहचानिए
कैंसर से बचाव के लिए पहले उसके लक्षणों को जानिए. इनको इग्नोर करने पर यह बीमारी आपकी जान पर भारी पड़ सकती है.
Cancer: कैंसर जानलेवा रोग है. बॉडी में कोशिकाओं के अनकन्ट्रोल्ड लेवल के कारण यह रोग जन्म ले लेता है. यह बॉडी के किसी भी पार्ट में हो सकता है. हड्डी, ब्लड, किडनी, लीवर किसी भी अंग को यह डैमेज कर सकता है. आखिरी स्टेज में यह पूरी बॉडी फैल जाता है, और बचने के चांसेस बेहद कम रह जाते हैं, इसलिए जरूरी है कि कैंसर से बचाव के लिए पहले उसके लक्षणों को जानिए. अधिकांश महिलाओं को भी एक कैंसर चपेट में लेता है. नाम है ब्रेस्ट कैंसर. महिलाओं को सचेत होने की जरूरत है. आज उसी ब्रेस्ट कैंसर के बारे में बता रहे हैं. कैसे होता है क्या बचाव है और क्या हैं लक्षण.
कैसे होता है ब्रेस्ट कैंसर
स्तन कैंसर एक ऐसी स्थिति है जब कुछ जीन में बदलाव के कारण ब्रेस्ट सेल्स बंट जाती हैं और अनियंत्रित रूप से बढ़ने और फैलने लगती हैं। आम तौर पर, ब्रेस्ट की दूध बनाने वाली ग्रंथियों या नलिकाओं में कैंसर बनता है. यह ग्रंथियों से निप्पल तक दूध पहुंचाता है. कुछ मामलों में कैंसर कोशिकाएं बाहों के नीचे लिम्फ नोड्स तक पहुंच सकती हैं और शरीर के विभिन्न हिस्सों में फैल सकती हैं. यह कैंसर पुरुषों में हो जाता है, लेकिन इसकी संभावना कम है. महिलाओं में यह अधिक देखने को मिलता है.
Symptoms Of Breast Cancer
ब्रेस्ट कैंसर का सबसे प्रमुख लक्षण है ब्रेस्ट में गांठ महसूस होना. आमतौर पर इस गांठ में दर्द नहीं होता. निप्पल से गंदे खून जैसा तरल पदार्थ निकलने लगता है. धीरे-धीरे ब्रेस्ट के साइज में बदलाव आने लगता है.
अंडरआर्म में गांठ या सूजन हो जाती है और निप्पल लाल होने लगती है. डॉक्टरों का कहना है कि ये लक्षण ब्रेस्ट कैंसर के अलावा किसी और बीमारी के भी हो सकते हैं. डॉक्टरों को दिखाकर जांच जरूर करानी चाहिए.
इस स्टेज पर स्वस्थ होने की इतनी संभावना
किसी भी कैंसर के ठीक होने की संभावना इस बात पर निर्भर करती है कि वो कौन सी स्टेज पर है. पहली स्टेज पर 80 से 85 प्रतिशत और दूसरी स्टेज में स्वस्थ होने की उम्मीद 60-70 प्रतिशत, थर्ड स्टेज पर 30-40 प्रतिशत, आखरी स्टेज पर ठीक होने की संभावना न के बराबर होती है.
क्या है जांच और इलाज
Breast Cancer की जांच के लिए मैमोग्राम, अल्ट्रासाउंड और बायोप्सी की जाती है. इन जांचों से ही पुष्टि होती है कि गांठ कैंसर की है या नहीं? वहीं ट्रीटमेंट उसकी स्टेज पर निर्भर करता है. अगर जल्दी पता चल तो इलाज सामान्य ही है.
वैसे इसके ट्रीटमेंट में सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी, टारगेटेड ड्रग थेरेपी एवं हार्मोनल थेरेपी का यूज होता है. शुरुआती अवस्था में आपरेशन में पूरे ब्रेस्ट को निकालने की आवश्यकता नहीं पड़ती है. बाद में अगर पूरे ब्रेस्ट को निकालना भी पड़ा तो उसे प्लास्टिक सर्जरी द्वारा दोबारा बनाया जा सकता है.
ऐसा करने से खतरा होता कम
- वजन कंट्रोल करें
- शराब या स्मोकिंग कम करें
- रेग्युलर एक्सरसाइज करें
- योग और मेडिटेशन करें
- डाइट में फल व हरी सब्जी शामिल करें
यह भी पढ़ें:
Covid: वायरस ने 50% लोगों को इन मेंटल बीमारियों का शिकार बनाया, नींद भी उड़ाई
Walking Style: सिर्फ इतने कदम चलने से कम होगा हार्ट अटैक, कैंसर, डिमेंशिया का खतरा
Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )