इस महिला ने बनवाया था हुमायूं का मकबरा, जानिए कितना आया था खर्च
हुमायूं टॉम्ब के पास दरगाह की छत गिर गई. हादसे में 10-12 लोगों को सुरक्षित निकाला गया. हुमायूं का मकबरा 1569 में बेगा बेगम ने बनवाया था जिसे 1993 में यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट का दर्जा मिला.

स्वतंत्रता दिवस के जश्न के बीच राजधानी दिल्ली से एक बड़े हादसे की खबर आई है. शुक्रवार शाम करीब 4:30 बजे हुमायूं टॉम्ब के पीछे स्थित एक दरगाह की छत अचानक ढह गई. हादसा निजामुद्दीन इलाके में हुआ जहां मलबे में कई लोगों के दबे होने के आशंका जताई गई. सूचना मिलते ही पुलिस, दमकल विभाग और राहत बचाव दल मौके पर पहुंच गए और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया.
10 से 12 लोगों को निकाला गया सुरक्षित
दिल्ली पुलिस के डीसीपी के अनुसार शुरुआती जांच में 10 से 12 लोगों के मलबे में दबे होने की जानकारी मिली थी. हालांकि राहत बचाव दल ने समय रहते कार्रवाई करते हुए सभी को सुरक्षित बाहर निकाल लिया है. इस हादसे में चार लोग घायल भी हुए है जिनका इलाज नजदीकी अस्पताल में चल रहा है.
बारिश बनी हादसे की वजह
दिल्ली में पिछले दो दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण पुरानी इमारत की छत कमजोर हो गई थी. अधिकारियों का मानना है कि पानी भरने और नमी बढ़ने से गुबंद का हिस्सा अचानक गिर गया. फिलहाल मौके पर मलबा हटाने और स्थिति सामान्य करने का काम जारी है.
मुगल बेगम ने बनवाया था 16वीं शताब्दी का ऐतिहासिक स्मारक
हुमायूं का मकबरा मुगल काल की एक शानदार कृति माना जाता है. जिसे 1569 में सम्राट हुमायूं की पहली पत्नी महारानी बेगा बेगम जिन्हें हमीदा बानो बेगम के नाम से भी जाना जाता था उन्होंने बनवाया था. फारसी वास्तुकार मिराक मिर्जा घियाथ ने डिजाइन किया गया यह मकबरा लाल बलुआ पत्थर से बना है और यह चार बागों में बंटे विशाल परिसर के बीच में स्थित है. इस टॉम्ब को 1993 में यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया था और इसे मुगल वास्तुकला का बेहतरीन उदाहरण माना जाता है. इतिहासकारों के अनुसार इसके निर्माण पर उसे समय करीब 15 लाख रुपये खर्च हुए थे जो उस समय के हिसाब से काफी बड़ी रकम थी.
हुमायूं टॉम्ब का महत्व
हुमायूं का मकबरा सिर्फ एक ऐतिहासिक इमारत नहीं बल्कि भारत की सांस्कृतिक धरोहर का अहम हिस्सा है. यह वह स्थान है जहां 1857 के पहले स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अंतिम मुगल सम्राट बहादुर शाह जफर ने शरण ली थी. इसके आसपास कई अन्य छोटे मकबरे और ऐतिहासिक ढांचे भी मौजूद है जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैं.
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