सड़क किनारे पेड़ों पर क्यों किया जाता है व्हाइट पेंट, कारण जानकर हैरान रह जाएंगे आप
सड़क किनारे लगे पेड़ों पर सफेद चूने से पुताई की जाती है. यह पुताई पेड़ों की जड़ों की तरफ तने पर होती है. कभी-कभी चूने के साथ गेरू का भी प्रयोग होता है, लेकिन पेड़ों को रंगने के पीछे क्या साइंस है?

आप जब भी कहीं सफर पर निकलते हैं तो सड़क के किनारे लगे पेड़ों पर तो आपका ध्यान जाता ही होगा. कभी आपने इन्हें ध्यान से देखा है? इन पेड़ों पर हमेशा नीचे की तरफ यानी तने पर सफेद कलर का ही पेंट किया जाता है. क्या कभी आपके मन में ख्याल आया है कि इन पेड़ों पर एक तरह का यानी सफेद पेंट ही क्यों किया जाता है? क्या इसका कोई वैज्ञानिक कारण है?
दरअसल, सड़क के किनारे हरित पट्टी बनाई जाती है, जिसका मुख्य उद्देश्य हरियाली को बढ़ावा देना होता है. साथ ही यह हरित पट्टी दुर्घटनाओं को भी बहुत हद तक कम करती है. अब जानते हैं कि इन पर सफेद पेंट क्यों होता है? इनके पीछे का वैज्ञानिक कारण क्या है?
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इसलिए किया जाता है सफेद पेंट
सड़क किनारे लगे पेड़ों पर अक्सर सफेद चूने से पुताई की जाती है. यह पुताई पेड़ों की जड़ों की तरफ तने पर होती है. कभी-कभी चूने के साथ गेरू का भी प्रयोग किया जाता है. दअरसल, चूने और गेरू के प्रयोग से पड़ों की उम्र कई साल तक बढ़ जाती है. अपने गुणों के कारण चूना और गेरू की वजह से पेड़ों में कीड़े भी नहीं लगते और इनकी सालों साल तक सुरक्षा होती रहती है. इसके अलावा इन पेड़ों पर सफेद रंग करने की वजह सड़क सुरक्षा भी है. दरअसल, जहां स्ट्रीट लाइट्स नहीं होती, वहां चालक पेड़ों पर हुए सफेद रंग को देखकर रास्ते का पता करता है. दरअसल, रात के समय सफेद रंग दूर से ही चमकता है.
पेड़ों पर लिखे जाते हैं नंबर
कई जगहों पर आपने पड़ों पर हुए सफेर रंग पर नंबर लिखे देखे होंगे. दरअसल, यह इस बात का संकेत होते हैं कि ये वृक्ष वन विभाग की ओर से लगाए गए हैं और इन पर नंबर लिखने के पीछे कारण इन पेड़ों की गणना करना होता है. कुछ जगहों पर पेड़ों पर लाल और नीला रंग का भी प्रयोग किया जाता है.
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Source: IOCL





















