लोग चाह कर भी क्यों नहीं छोड़ पाते सिगरेट, विज्ञान ने दिया इस सवाल का जवाब
अगर आप दो चार सालों से सिगरेट पी रहे हैं और अब उसे छोड़ना चाहते हैं तो ये इतना आसान नहीं होता है. हालांकि, अगर आपने दिमाग के एनिमल पार्ट पर काबू पा लिया तो सिगरेट छोड़ सकते हैं.
इंसान मानता है कि वो इस दुनिया का सबसे बुद्धिमान जीव है. शायद है भी, लेकिन सिगरेट के मामले में ये तर्क हल्के लगने लगते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि सिगरेट के डिब्बे पर साफ साफ लिखा होता है कि ये आपकी मौत का कारण बन सकता है. लेकिन इसके बावजूद सिगरेट पीने वाले लोग इसे पीना नहीं छोड़ते. अब सवाल उठता है कि आखिर ऐसा क्यों होता है. क्यों लोग सिगरेट पीना इतनी आसानी से नहीं छोड़ पाते. चलिए आज इस सवाल का जवाब जानते हैं.
सिगरेट पीने पर क्या होता है?
बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में हेल्थ साइकोलॉजिस्ट प्रोफेसर रॉबर्ट वेस्ट बताते हैं कि सिगरेट में मौजूद निकोटिन की लत बहुत हद तक हेरोइन और कोकीन की लत की तरह होती है. यानी अगर ये एक बार आपको लग जाए, तो इतनी आसानी से इसे छोड़ना आपके लिए मुमकिन नहीं होगा. इसकी लत कितनी मजबूत होती है, इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने सिगरेट छोड़ने का फैसला किया तो उन्हें इसके लिए निकोटिन रिप्लेसमेंट थेरैपी लेनी पड़ी.
सिगरेट छोड़ना इतना मुश्किल क्यों होता है?
अगर आप दो चार सालों से सिगरेट पी रहे हैं और अब उसे छोड़ना चाहते हैं तो ये इतना आसान नहीं होता है. हालांकि, अगर आपने दिमाग के एनिमल पार्ट पर काबू पा लिया तो सिगरेट छोड़ सकते हैं. दरअसल, दिमाग का यही पार्ट है जो आपको सिगरेट पीने के लिए उकसाता है. जब आप एक चेन स्मोकर होते हैं और सिगरेट छोड़ने की कोशिश करते हैं तो निकोटिन समय समय पर आपके एनिमल ब्रेन को उकसाती है और उससे कहती है कि अपनी तलब मिटाओ. तलब मिटाने का ये अहसास इतना प्रबल होता है कि आपकी सिगरेट छोड़ने की इच्छा इसके सामने घुटने टेक देती है और आप सिगरेट पी लेते हैं. जो लो इस अहसास को कंट्रोल कर लेते हैं, वही सिगरेट छोड़ सकते हैं.
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