फोन उठाने पर क्यों बोला जाता है हैल्लो? दिलचस्प है इसके पीछे की कहानी
Hello Origin: फोन पर सबसे पहले हैलो शब्द बोला जाता है. जब भी कोई फोन उठाता है तो हैलो शब्द ही कहते हैं. चलिए जानें कि यह हैलो शब्द कहां से आया, इसके पीछे का इतिहास, इसकी कहानी आखिर क्या है.

आज के समय में फोन हमारी जिंदगी का ऐसा हिस्सा बन चुका है कि बिना इसके दिन की शुरुआत और रात का अंत अधूरा सा लगता है. चाहे ऑफिस का काम हो, दोस्तों से गपशप करनी हो या परिवार से जुड़ा रहना हो, हर जगह फोन जरूरी है. जब भी हम किसी को कॉल करते हैं या फोन उठाते हैं, तो सबसे पहला शब्द मुंह से निकलता है हैलो. लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा है कि फोन पर हमेशा हैलो ही क्यों बोला जाता है? आखिर इसके पीछे क्या राज छिपा हुआ है, चलिए समझें.
ग्राहम बेल की गर्लफ्रेंड थी हेलो?
बहुत से लोग एक मशहूर कहानी सुनते आए हैं कि टेलिफोन के आविष्कारक अलेक्जेंडर ग्राहम बेल की गर्लफ्रेंड का नाम मार्गरेट हैलो था. कहते हैं कि उन्होंने पहली बार फोन पर उसका नाम लिया उसी वक्त से हैलो शब्द चलन में आ गया, लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल अलग है. ग्राहम बेल की गर्लफ्रेंड का नाम वास्तव में मेबेल हावर्ड था, जिनसे बाद में उन्होंने शादी भी की थी, यानी गर्लफ्रेंड वाली कहानी पूरी तरह झूठी सी लगती है.
अहोय भी था प्रचलित शब्द
असल में जब फोन का इस्तेमाल शुरू हुआ था, तब लोग बातचीत शुरू करने के लिए अलग-अलग शब्दों का इस्तेमाल करते थे. माना जाता है कि उस समय सबसे ज्यादा प्रचलित शब्द अहोय था. कहते हैं कि ग्राहम बेल खुद भी फोन उठाते समय अहोय बोलते थे. कई बार लोग बातचीत की शुरुआत क्या आप सुन रहे हैं, जैसे वाक्य से भी करते थे.
फिर ऐसे बदली कहानी
लेकिन फिर थॉमस एडिसन की वजह से कहानी बदल गई, एडिसन जो बल्ब के आविष्कारक भी थे, उन्होंने साल 1877 में सुझाव दिया कि फोन पर बात शुरू करने के लिए हैलो शब्द का इस्तेमाल करना चाहिए. उनका मानना था कि यह शब्द छोटा है और इसे आसानी से बोला जा सकता है. सबसे जरूरी कि यह साफ-साफ सुनाई देता है. यही वजह है कि धीरे-धीरे हैलो पूरी दुनिया में फोन पर पहला शब्द बन गया.
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