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चेक-इन चाहे जब करें पर कमरा हमेशा 12 बजे खाली करना पड़ता है, आखिर होटल का इसमें क्या फायदा है?
आप चेक-इन चाहे दोपहर के 2 बजे करें या शाम के 7 बजे, आपको 12 बजे ही अपना कमरा खाली करना पड़ता है. आप 24 घंटे का किराया देते हैं पर पूरे 24 घंटे के लिए कमरा नहीं मिलता है. होटल ऐसा क्यों करते हैं?
![चेक-इन चाहे जब करें पर कमरा हमेशा 12 बजे खाली करना पड़ता है, आखिर होटल का इसमें क्या फायदा है? Why do hotel have fixed check out time at 12 pm in india चेक-इन चाहे जब करें पर कमरा हमेशा 12 बजे खाली करना पड़ता है, आखिर होटल का इसमें क्या फायदा है?](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/06/22/f8b8bf52222235a7e504fbddec6597741687457365871780_original.png?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Hotel Management: छुट्टी में घूमने जाने के लिए सबसे पहले एक मज़ेदार जगह चुनी जाती है. उसके बाद सबसे ज्यादा जरूरी होती है वहां रुकने का इंतजाम करना. ज्यादातर लोग इसके लिए होटल में बुकिंग कराते हैं. आमतौर पर होटल में एक दिन यानी 24 घंटे के हिसाब से बुकिंग होती है. हालांकि, इसमें भी एक पेच है. आप चाहे दोपहर के 2 बजे चेक-इन करें या शाम के 7 बजे चेक-इन करें, आपको अगले दिन 12 बजे ही अपना कमरा खाली करना पड़ता है. आसान शब्दों में, आप 24 घंटे का किराया देते हैं पर आपको पूरे 24 घंटे के लिए कमरा नहीं मिलता है. आखिर होटल ऐसा क्यों करते हैं?
कमरे की सफाई के लिए वक्त मिलता है
12 बजे का चेकआउट समय किसी एक शहर या राज्य के होटलों का नियम नहीं है. बल्कि देशभर में ज्यादातर होटलों में चेकआउट का ये ही निश्चित रखा जाता है. दरअसल, होटल में एक के बाद एक महमान आते रहते हैं. होटल के कर्मचारियों को कमरों की सफाई, बिस्तरों का बदलाव और आवश्यक सुविधाओं की तैयारी के लिए समय की जरूरत होती है. यदि चेकआउट समय महमान के हिसाब से बदलता रहेगा, तो कर्मचारियों को अधिक काम करना पड़ेगा और वे समय पर सभी कमरों को तैयार नहीं कर पाएंगे.
लोगों को ध्यान में रखकर तय किया गया है समय
12 बजे का समय लोगों की आदतों को भी ध्यान में रखकर गया है. अमूमन, छुट्टी पर लोग देर तक सोना पसंद करते है. उन्हें आराम से उठकर तैयार होने में 12 बजे का समय हो ही जाता है. इसलिए, चेकआउट के लिए सुबह का समय नहीं रखा जाता है. एक तय समय पर करने से होटल के अन्य मेहमान को भी इंतजार करना नहीं पड़ता.
सभी कमरों का बेहतर इस्तेमाल
निश्चित चेकआउट और चेकइन का एक और फायदा है. इस तरीके से होटल के कमरों का बेहतर तरीके से इस्तेमाल किया जाता है. एक समय पर सभी कमरों को आवंटित किया जा सकता है. कोई भी कमरा व्यर्थ में खाली नहीं रहेगा. निश्चित चेकआउट होटल कर्मचारियों को प्रभावी ढंग से संसाधनों की योजना बनाने और कमरों को आवंटित करने की सहूलियत देता है.
होटल को होता है ये फायदा
कुल मिलाकर, एक तय चेकआउट समय के अनुसार होटल के प्रबंधन में आसानी होती है और नए मेहमानों को आसानी से चेकइन करने की सुविधा मिलता है. यह सुनिश्चित होता है कि कमरे समय पर नए मेहमानों के लिए तैयार हैं. महमानों को लोबी में खड़े होने की असुविधा नहीं होती है. यह हाउसकीपिंग और अन्य होटल सेवाओं के लिए एक सुसंगत कार्यक्रम बनाए रखने में भी मदद करता है.
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