Cricket Pitches Orientation: उत्तर और दक्षिण में ही क्यों बनाई जाती है क्रिकेट की पिच, क्या है इसके पीछे की वजह?
Cricket Pitches Orientation: क्या आपने कभी सोचा है कि क्रिकेट के मैदान में पिच हमेशा उत्तर और दक्षिण दिशा में ही क्यों बनाई जाती है? आइए जानते हैं क्या है इसके पीछे की वजह.

Cricket Pitches Orientation: आप सभी ने क्रिकेट खेला और देखा जरूर होगा. लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा है कि क्रिकेट की पिच हमेशा उत्तर और दक्षिण में ही क्यों बनाई जाती है? ज्यादातर आधुनिक क्रिकेट मैदान अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए इसी दिशा में पिच बनाते हैं. सवाल यह है कि सिर्फ इसी दिशा का चुनाव क्यों? आइए जानते हैं.
क्यों किया गया इस दिशा का चुनाव?
दरअसल उत्तर और दक्षिण दिशा को चुनने के पीछे वजह है सूर्य का प्रकाश. क्योंकि सूर्य पूर्व में उदय होता है और पश्चिम में अस्त होता है इसलिए उत्तर दक्षिण दिशा वाली पिच सुबह या शाम के समय बल्लेबाज या गेंदबाज पर सीधी धूप पड़ने से बचाती है. पूर्व पश्चिम दिशा वाली पिच पर खिलाड़ियों की आंखों में सूरज की रोशनी पड़ने से परेशानी हो सकती है. इसका प्रभाव उनके प्रदर्शन पर भी पड़ सकता है.
खिलाड़ियों की सुरक्षा
क्रिकेट के मैदान में काफी तेज गति से गेंद फेंकी जाती है. अगर सूर्य की रोशनी किसी बल्लेबाज या फिल्डर की आंखों में गई तो इससे वह खिलाड़ी अस्थायी रूप से रोशनी खो सकता है और इससे चोट लगने के खतरे बढ़ जाते हैं. यह चोट गंभीर भी साबित हो सकती है. इस वजह से पिच को उत्तर दक्षिण दिशा में रखा गया है ताकि ऐसे खतरे कम हो पाएं और खिलाड़ी हर समय गेंद को स्पष्ट रूप से देख सकें.
मैच में रुकावट से बचना
न्यूजीलैंड के नेपियर स्थित मैक्लीन पार्क में पूर्व पश्चिम दिशा में पिच होने की वजह से दृश्यता कम हो गई थी और मैच 30 मिनट तक रोकना पड़ा था. इस तरह की रूकावटों को रोकने के लिए उत्तर दक्षिण दिशा में पिच को बनाया जाता है.
दोनों टीमों के लिए निष्पक्ष खेल
उत्तर दक्षिण दिशा दोनों टीमों के लिए निष्पक्ष खेल को सुनिश्चित करती है. जब सूरज पूर्व पश्चिम दिशा में होता है तो एक टीम को किसी खास सत्र के दौरान नुकसान हो सकता है जिस वजह से विरोधी टीम को फायदा मिल सकता है. पिच को उत्तर दक्षिण दिशा में रखकर मैदान में समानता बनी रहती है. इसी के साथ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के भी दिशा निर्देश हैं की पिच उत्तर दक्षिण दिशा में बनाई जाए. हालांकि इन दिशा निर्देशों के लागू होने से पहले बने कुछ पुराने स्टेडियम अभी भी पूर्व पश्चिम दिशा में पिच वाले ही हैं. इन मैदानों पर खिलाड़ियों को कभी-कभी धूप की वजह से परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
Source: IOCL






















