130 लाख साल पहले किसने किया था 'टेरर बर्ड' का शिकार, शिकार करने में डायनासोर के भी थे बाप
Hunting Of Terror Bird: दुनिया में कई सालों पहले एक टेरर बर्ड हुआ करता था. जो कि देखने में बहुत भयानक था और अपने चोंच से शिकार करता था. लेकिन सालों पहले आखिर किसने उसका शिकार किया था.

धरती पर पहले के वक्त में अगर सबसे खतरनाक जानवरों की बात होती है तो इस लिस्ट में डायनासोर का नाम जरूर आता है. लेकिन एक वक्त पर एक ऐसे पक्षी का दुनिया में आतंक होता था, जिसे फोरस्रासिड के नाम से जाना जाता था. पांच करोड़ 80 लाख साल तक इन पक्षियों का एकछत्र राज हुआ करता था. ये अपने वक्त के टॉप शिकारी होते थे. इनको टेरर पक्षी या आतंकवादी पक्षी के नाम से भी जाना जाता था. ये धरती पर सबसे आकर्षक शिकारियों में से एक हुआ करते थे. करीब 10 फुट लंबे इन जानवरों की चोंच बहुत भारी और टेढी होती थी. जब इनका आतंक दुनियाभर में होता था तो फिर इन पक्षियों का शिकार आखिर किसने किया. चलिए जानें.
किस जानवर ने मारा था?
वैज्ञानिकों का कहना है कि 13 मिलियन वर्ष पहले एक बड़े टेरर बर्ड के पैर की हड्डी पर बने दांतों के निशान से पता चलता है कि किसी बड़े शिकारी ने उसे मार डाला होगा. कोलंबिया के जीवाश्म वैज्ञानिकों ने इन भयावह के पैर की हड्डी पर मिले दांत के निशान का मिलान कैमन या मगरमच्छ जैसे रेप्टाइल से किया. 3डी डिजिटल स्कैन से वैज्ञानिकों को यह पता लगाने में मदद मिली कि उनके अनुसार दोनों के बीच में लड़ाई हुई होगी, जिसमें टेरर पक्षी नहीं बच सका.
पहली बार कहां खोजी गई हड्डी?
बायोलॉजी लेटर्स पत्रिका में प्रकाशित स्टडी में पक्षी के पैरों पर दांतों के निशानों के आकार और आकृति की तुलना म्यूजियम में मौजूद मगरमच्छ जैसे शिकारियों की खोपड़ियों और दांतों से की गई. वैज्ञानिकों ने जिस पैर की हड्डी का अध्ययन किया, वह पहली बार 15 वर्ष पहले कोलंबिया के ताताकोआ रेगिस्तान में खोजी गई थी. जब यह पक्षी 13 मिलियन वर्ष पहले उस क्षेत्र के दलदलों में रहता था, तो इसकी ऊंचाई लगभग 2.5 मीटर रही होगी और यह अपने शिकार को पकड़ने और उसे चीरने के लिए अपने पैरों और चोंच का उपयोग करता होगा.
वैज्ञानिक अभी तक नहीं लगा पाए पता
वैज्ञानिक अभी तक यह निश्चित रूप से साबित नहीं कर पाए हैं कि क्या यह खास जानवर दुर्भाग्यपूर्ण हमले में मारा गया था या कैमन ने इसके अवशेषों को खा लिया था. कोलंबिया के बोगोटा स्थित यूनिवर्सिडैड डी लॉस एंडीज के प्रमुख शोधकर्ता एन्ड्रेस लिंक ने बताया, "हड्डी पर काटने के निशान में कोई सुधार का संकेत नहीं है. तो अगर वह पहले से ही मरा नहीं था, तो फिर हमले में मर गया. वह आखिरी दिन था जब वह पक्षी इस ग्रह पर जिंदा था.”
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Source: IOCL






















