भारत के किस राज्य की विधानसभा है सबसे बड़ी? बिल्डिंग के साइज के हिसाब से जान लें आंकड़ा
कर्नाटक का विधानसभा भवन या विधान सौध भारत का सबसे बड़ा विधानसभा भवन है। बेंगलुरु में स्थित यह भव्य इमारत 46 एकड़ में फैली हुई है और इसकी वास्तुकला द्रविड़ शैली का शानदार नमूना है

भारत में विधानसभाओं की इमारतों का आकार अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग है. लेकिन क्या आपको पता है कि भारत के किस राज्य की विधानसभा साइज के हिसाब से सबसे बड़ी है, तो चलिए इसी सवाल का जवाब हम आपको देते हैं.
यहां है सबसे बड़े आकार कि विधानसभा
भारत के सबसे बड़े और भव्य विधानसभा भवन में कर्नाटक विधानसभा का यह आलीशान भवन आता है जिसे विधान सौध कहते हैं. यह ऐतिहासिक इमारत ना केवल कर्नाटक की राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र है, बल्कि भारतीय वास्तुकला का एक शानदार नमूना भी है. बेंगलुरु में स्थित यह भवन अपनी भव्यता, विशालता और सांस्कृतिक महत्व के लिए जाना जाता है. चलिए इसके इतिहास, वास्तुकला और महत्व के बारे में जानते हैं.
कब बना था ये भवन
कर्नाटक विधान सौध का निर्माण 1952 में शुरू हुआ और इसे 1956 में पूरा किया गया. इस इमारत का उद्घाटन तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने किया था. यह भवन उस समय के मैसूर राज्य (वर्तमान कर्नाटक) के तत्कालीन मुख्यमंत्री के. हनुमंथैया का सपना था कि यह इमारत न केवल प्रशासनिक कार्यों के लिए हो बल्कि कर्नाटक की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को भी दर्शाए।. इस भवन का निर्माण मात्र 1.7 करोड़ रुपये की लागत से हुआ था, जो उस समय के लिए एक बड़ी राशि थी.
60 एकड़ में है फैला
विधान सौध भारत का सबसे बड़ा विधानसभा भवन है, जो 60 एकड़ के विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है. इसकी वास्तुकला द्रविड़ और भारतीय शैली का अनूठा मिश्रण है. भवन का केंद्रीय गुंबद 60 फीट ऊंचा है और ये इसकी भव्यता का प्रतीक है. इसके चारों कोनों पर चार छोटे गुंबद हैं. भवन का बाहरी हिस्सा ग्रेनाइट से बना है, जो इसे मजबूती और शाही अंदाज प्रदान करता है. इसके प्रवेश द्वार पर नक्काशीदार स्तंभ और दीवारों पर कन्नड़ संस्कृति को दर्शाने वाली कलाकृतियां इसकी सुंदरता को और बढ़ाती हैं.
यह कर्नाटक राज्य विधानमंडल और सचिवालय का मुख्यालय है. यह भवन न केवल राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र है, बल्कि पर्यटकों के लिए भी एक प्रमुख आकर्षण है. रात में जब यह भवन रंग-बिरंगी रोशनी से जगमगाता है, तो इसकी खूबसूरती देखते ही बनती है.
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Source: IOCL























