लाहौर की इस शादी में बरसे थे सोने के सिक्के, शान-ओ-शौकत देख अंग्रेज भी रह गए थे दंग
Lahore Royal Wedding: उस जमाने में लाहौर की उस शाही शादी में सोने की वर्षा और शाही जश्न ने अंग्रेज अधिकारियों समेत सभी को हैरान कर दिया और इतिहास में इसे अमर बना दिया था.

लाहौर की गलियों में घोड़े की नालों की आवाज और उसके पीछे सुनहरे सिक्कों की चमक. जब हवा में उड़ते सिक्के और शाही जश्न की भव्यता देखकर अंग्रेज अधिकारी भी चकित रह गए. यह कोई आम शादी नहीं थी, बल्कि सिख साम्राज्य के सबसे शानदार और यादगार शाही विवाहों में से एक, महाराजा रणजीत सिंह के पोते नौहाल सिंह का विवाह था. इतिहासकारों ने इसे न केवल शान-ओ-शौकत का प्रतीक माना बल्कि राजनीति और साम्राज्य की शक्ति का एक अद्भुत प्रदर्शन भी बताया है.
रणजीत सिंह की शाही शैली
मार्च 1837 में, महाराजा रणजीत सिंह ने अपने पोते नौहाल सिंह के विवाह समारोह में शाही भव्यता का ऐसा उदाहरण प्रस्तुत किया कि आज भी इतिहासकार इसे याद करते हैं. महाराजा घोड़े पर सवार होकर शीश महल से निकले और किले तक का रास्ता सोने के सिक्कों की वर्षा करते हुए तय किया. उनके इस अद्भुत व्यवहार ने उपस्थित लोगों और अंग्रेज अधिकारियों को दंग कर दिया था.
विवाह का धार्मिक और राजनीतिक महत्व
उस जमाने में नौहाल सिंह की शादी नानकी कौर के साथ सिर्फ परिवारिक उत्सव नहीं थी. यह सिख साम्राज्य की शक्ति और राजनीतिक गठजोड़ का प्रतीक भी थी. इतिहासकार प्रिया के अनुसार, यह विवाह साम्राज्य के उत्थान और गौरव को दर्शाने के साथ-साथ धार्मिक महत्व भी रखता था. गुरु नानक के आशीर्वाद का उल्लेख करते हुए महाराजा ने इसे भाग्यशाली दिन बताया था.
शाही जश्न की भव्यता
शादी का यह शाही जश्न पूरे महीने तक चला था. इसमें हजारों लोग समारोह में शामिल हुए, हलवाईयों, रसोइयों और कारीगरों को महीनों पहले आमंत्रित किया गया था. रणजीत सिंह ने उपहार, आभूषण और धन की वर्षा पर विशेष ध्यान दियाथा. उस दौरान खड़क सिंह और नौहाल सिंह की तैयारियों के लिए अमृतसर भेजे गए थे. आयोजन की पूरी जिम्मेदारी मंत्री भाई राम अटारी को दी गई थी.
जब अंग्रेज भी दंग रह गए
इस समारोह में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के कमांडर सर हेनरी फिन विशेष अतिथि के रूप में मौजूद थे. वे भी शाही भव्यता, सोने की वर्षा और रंगीन जश्न देखकर एकदम हैरान थे. यह विवाह केवल परिवारिक उत्सव नहीं, बल्कि साम्राज्य के शक्ति प्रदर्शन का प्रतीक बन गया था.
सोने की वर्षा और शाही परंपरा
रणजीत सिंह की परंपरा थी कि महत्वपूर्ण अवसरों पर सोने और धन की वर्षा की जाए. यह केवल धन का प्रदर्शन नहीं, बल्कि सिख शाही संस्कृति और सम्मान का प्रतीक था. नौहाल सिंह की शादी के दौरान यह परंपरा चरम पर थी, और इसने सभी उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया था.
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