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न बचेगा इंसान और न परिंदा... बस एक पल में तबाह हो जाएगी धरती, जानें क्या है मियाके इवेंट?

करीब 12,350 ईसा पूर्व ऐसा सौर तूफान आया था, जो अब तक आए सभी सौर तूफानों से ज्यादा शक्तिशाली था. अगर यही तूफान आज के समय आता है तो आधुनिक जीवन पूरी तरह खत्म हो जाएगा.

Miyake Event: हम सभी ने पृथ्वी पर लाखों साल पहले आई 'महाप्रलय' के बारे में सुना है. यह प्रलय इतनी खतरनाक थी कि सब कुछ तबाह हो गया था. इसके बाद फिर से नया जीवन शुरू हुआ. हालांकि, हम आपसे कहें कि हमारे ब्रह्मांड में इस 'महाप्रलय' से भी खतरनाक ऐसा कुछ है, जो एक पल में पूरी धरती को खत्म कर सकता है तो आपको शायद यकीन न हो, लेकिन आज से करीब 14000 साल पहले ऐसा ही कुछ हुआ था. 

अंतरिक्ष में कई ऐसी घटनाएं होती रहती हैं, जिनसे इंसान अब तक अनजान है. ऐसी ही एक घटना थी 'मियाके इवेंट', जिससे इंसान लंबे समय तक अनजान ही रहा. वैज्ञानिकों ने लगभग 14000 साल पहले आए एक भयानक सौर तूफान के सबूत खोज निकाले हैं, जिसने हमारी पृथ्वी को बुरी तरह प्रभावित किया है. वैज्ञानिकों का दावा है कि यह तूफान इतना खतरनाक था कि इसके प्रमाण आज भी कई प्राचीन पेड़ों में मौजूद हैं. दरअसल, हमारी पृथ्वी पर आज भी कई ऐसे पेड़ मौजूद हैं, जो हजारों साल पुराने हैं और ये पेड़ पृथ्वी पर हुई कई घटनाओं के गवाह भी रह चुके हैं. 14000 पहले हुई इस घटना के सबूतों को भी पेड़ों में मौजूद रिंग्स में देखा जा सकता है. 

खत्म हो जाएगा आधुनिक जीवन

वर्तमान समय में बिजली, इंटरनेट और सैटेलाइट इंसानी जरूरत बन चुकी है. इन चीजों के बिना इंसान की कल्पना करना भी मुश्किल हो जाता है. वैज्ञानिकों का कहना है कि करीब 12,350 ईसा पूर्व ऐसा सौर तूफान आया था, जो अब तक आए सभी सौर तूफानों से ज्यादा शक्तिशाली था. अगर यही तूफान आज के समय आता है तो आधुनिक जीवन पूरी तरह खत्म हो जाएगा. यह तूफान बिजली ग्रिड, इंटरनेट और सैटेलाइट्स को पूरी तरह खत्म कर सकता है. इसे मियाके इवेंट कहा जाता है. 

कितना खतरनाक था तूफान?

भौतिक वैज्ञानिक फुसा मियाके ने पहली बार 2012 में इस तरह की घटना का पता लगाया था, उस समय वह एक पीएचडी छात्र थे. उन्होंने जापानी देवदार के पेड़ों पर स्टडी करते हुए पाया कि करीब 12,350 साल पहले सौर तूफान के दौरान एक ही साल में कार्बन-14 में भारी वृद्धि हुई थी. इस खोज के बाद से अब तक कम से कम छह मियाके इवेंट का पता लगाया जा चुका है.  इसमें सबसे शक्तिशाली मियाके इवेंट की खोज 2023 में की गई थी, जब वैज्ञानिकों की टीम ने दक्षिणी फ्रांस में 14,300 साल पहले कार्बन-14 स्पाइक की खोज की घोषणा की थी. उन्होंने जो स्पाइक देखा वह पहले देखी गई किसी भी मियाके इवेंट से दोगुना शक्तिशाली था. 

यह भी पढ़ें: दिल्ली-NCR में बार-बार आ रही तूफानी आंधी तबाही का संकेत तो नहीं? जानें इसके पीछे की वजह

प्रांजुल श्रीवास्तव एबीपी न्यूज में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर अपनी सेवाएं दे रहे हैं. फिलहाल फीचर डेस्क पर काम कर रहे प्रांजुल को पत्रकारिता में 9 साल तजुर्बा है. खबरों के साइड एंगल से लेकर पॉलिटिकल खबरें और एक्सप्लेनर पर उनकी पकड़ बेहतरीन है. लखनऊ के बाबा साहब भीम राव आंबेडकर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता का 'क, ख, ग़' सीखने के बाद उन्होंने कई शहरों में रहकर रिपोर्टिंग की बारीकियों को समझा और अब मीडिया के डिजिटल प्लेटफॉर्म से जुड़े हुए हैं. प्रांजुल का मानना है कि पाठक को बासी खबरों और बासी न्यूज एंगल से एलर्जी होती है, इसलिए जब तक उसे ताजातरीन खबरें और रोचक एंगल की खुराक न मिले, वह संतुष्ट नहीं होता. इसलिए हर खबर में नवाचार बेहद जरूरी है.

प्रांजुल श्रीवास्तव काम में परफेक्शन पर भरोसा रखते हैं. उनका मानना है कि पत्रकारिता सिर्फ सूचनाओं को पहुंचाने का काम नहीं है, यह भी जरूरी है कि पाठक तक सही और सटीक खबर पहुंचे. इसलिए वह अपने हर टास्क को जिम्मेदारी के साथ शुरू और खत्म करते हैं. 

अलग अलग संस्थानों में काम कर चुके प्रांजुल को खाली समय में किताबें पढ़ने, कविताएं लिखने, घूमने और कुकिंग का भी शौक है. जब वह दफ्तर में नहीं होते तो वह किसी खूबसूरत लोकेशन पर किताबों और चाय के प्याले के साथ आपसे टकरा सकते हैं.

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