BJP Presidents List: किस जाति के लोग सबसे ज्यादा बने हैं बीजेपी अध्यक्ष? चेक कर लें अब तक के बीजेपी प्रेजिडेंट्स की लिस्ट
BJP Presidents List: उत्तर प्रदेश भाजपा के नए प्रेसिडेंट का जल्द ही अनाउंसमेंट होने जा रहा है. इसी बीच आइए जानते हैं कि किस जाति के लोग सबसे ज्यादा बीजेपी अध्यक्ष बने हैं.

BJP Presidents List: जैसे-जैसे उत्तर प्रदेश भाजपा के नए प्रेसिडेंट का अनाउंसमेंट पास आ रहा है पॉलिटिकल स्पॉटलाइट एक बार फिर से पार्टी की आर्गेनाईजेशन लीडरशिप और उसकी जातिगत बनावट पर आ चुकी है. फाइनल नाम 14 दिसंबर को अनाउंस किया जाएगा. इसी के साथ एक सवाल खड़ा हो रहा है कि किस जाति के लोग सबसे ज्यादा बीजेपी अध्यक्ष बने हैं. आइए जानते हैं पूरी लिस्ट.
बीजेपी की नेशनल लीडरशिप में अपर कास्ट का दबदबा
जब से भारतीय जनता पार्टी बनी है तब से इसे जनरल या फिर अपर कास्ट कम्युनिटी के नेताओं ने ही लीड किया है. पार्टी को लीड करने वाले सभी नेशनल प्रेसिडेंट में से ज्यादातर इसी सोशल कैटिगरी से हैं. बीजेपी के इतिहास में सिर्फ एक नेशनल प्रेसिडेंट बांगरू लक्ष्मण दलित कम्युनिटी से थे. 2000 में उनके अपॉइंटमेंट को एक सिंबॉलिक बदलाव माना गया था.
1980 के बाद से सभी बीजेपी प्रेसिडेंट पर एक नजर
बीजेपी के पहले नेशनल प्रेसिडेंट अटल बिहारी वाजपेई ने 1980 में चार्ज संभाला था. चार्ज संभालते ही उन्होंने पार्टी के लीडरशिप के लिए माहौल बनाया. पार्टी के मॉडरेटर और बड़े पैमाने पर एक्सेप्टेबल चेहरे के तौर पर जाने जाने वाले अटल बिहारी वाजपेई ने भारत के प्राइम मिनिस्टर बनने से पहले शुरुआती सालों में बीजेपी को गाइड किया.
इसके बाद 1986-1990, 1993-1998, 2004-2005 में लालकृष्ण आडवाणी के अंडर पार्टी के आईडियोलॉजिकल बदलाव को काफी तेजी मिली. उन्होंने तीन टर्म तक काम किया और राम रथ यात्रा जैसे खास पॉलीटिकल मूवमेंट को लीड किया. उनके कार्यकाल के दौरान नेशनल लेवल पर हिंदुत्व पॉलिटिक्स को आगे बढ़ाया गया.
इसी के साथ 1991-1993 में मुरली मनोहर जोशी और 1998-2000 में कुशाभाऊ ठाकरे जैसे लीडर ने ऑर्गेनाइजेशनल स्ट्रक्चर को और ज्यादा मजबूत किया, खासकर नॉर्थ और सेंट्रल इंडिया में. कुशाभाऊ ठाकरे ने मध्य प्रदेश में बीजेपी का बेस बढ़ाने में एक बड़ी भूमिका निभाई.
जब भाजपा ने 2000 में बांगरू लक्ष्मण को अपोइंट किया तो इस पार्टी के अंदर सोशल रिप्रेजेंटेशन को बढ़ावा देने की कोशिश के तौर पर देखा गया. इसके बाद 2001-2002 में के जना कृष्णमूर्ति, 2002-2004 में एम वेंकैया नायडू, 2005-2009, 2013-2014 में राजनाथ सिंह और 2010-2013 में नितिन गडकरी जैसे नेताओं ने ऑर्गेनाइजेशनल ग्रोथ, चुनावी स्ट्रेटजी और आईडियोलॉजिकल मजबूती में योगदान दिया.
इसके बाद अमित शाह के अंडर पार्टी का मॉडर्न बदलाव तेजी से हुआ. 2014 से 2020 के उनके कार्यकाल के दौरान चुनावी विस्तार, कैडर रिस्ट्रक्चरिंग और राज्य स्तर पर दबदबे के मामले में सबसे असरदार बताया जाता है. उन्हें बड़े पैमाने पर बीजेपी की नेशनल पहचान का आर्किटेक्ट माना जाता है. वर्तमान में जगत प्रकाश नड्डा पार्टी को हेड कर रहे हैं.
जाति के पैटर्न और पॉलिटिक्स
11 में से 9 बीजेपी प्रेसिडेंट ऊंची जाति के हैं. हालांकि भाजपा ने सामाजिक और चुनावी तौर पर बड़ा विस्तार किया है, जिसमें ओबीसी और दलितों तक मजबूत पहुंच शामिल है. लेकिन अगर बात करें कि किस जाति के लोग सबसे ज्यादा बीजेपी अध्यक्ष बने हैं तो उसमें ऊंची जाति के नेता ही सबसे आगे हैं.
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Source: IOCL
























