जब चांद बना था, तब पृथ्वी पर कितने घंटे का होता था दिन? अब तक कितना हुआ बदलाव?
Days On Earth: आज के समय में धरती पर 24 घंटे के दिन होते हैं, लेकिन एक वक्त पर ये दिन 10 घंटे से भी कम हुआ करते थे. पर ऐसा कब होता था, क्या आपको इसके बारे में पता है?

हमलोग के पास दिनभर में इतना काम होता है कि कई बार हमारे पास दिन के 24 घंटे भी कम पड़ जाते हैं. लेकिन अरबों साल पहले धरती पर एक दिन 10 घंटे से भी कम हुआ करता था. अब यह लगातार बढ़ता जा रहा है. चंद्रमा बहुत धीरे-धीरे पृथ्वी से दूर जा रहा है और एक दिन वक्त को प्रभावित करेगा. इसका कारण यह है कि यह धीरे -धीरे हमारे ग्रह से दूर खींच रहा है और इसका कारण चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण या टाइडल फोर्सेज बताया जा रहा है.
जब चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी पर पड़ता है, तो इससे महासागरों की लहरों में उछाल आता है. ऐसे में आपके दिमाग में यह सवाल आ रहा होगा कि जब शुरू में चंद्रमा बना था तब आखिर दिन कितने घंटे के होते थए, आइए जान लेते हैं.
लंबे होते जा रहे हैं दिन
चंद्रमा मुख्य रूप से ग्रैविटेशनल टग ऑफ वॉर बनाता है, चूंकि टाइगल बल्ज की वजह से यह चंंद्रमा को अपनी कक्षा में खींचता है. इस ऊर्जा के कारण ही चंद्रमा धीरे-धीरे लगभग 3.82 सेंटीमीटर (1.5 इंच) प्रति वर्ष की दर से दूर होता जा रहा है. जैसे-जैसे हमारी पृथ्वी चंद्रमा से दूर होती जा रही है, पृथ्वी के दिन हर 100 वर्ष में लगभग 1.7 मिलीसेकेंड लंबे होते जा रहे हैं. अंतरिक्ष वैज्ञानिक डॉ. मैगी एडरिन-पोकॉक का बीबीसी से कहना था कि “हमें 3.78 सेमी का अंतर ज्यादा नहीं लगता है, लेकिन लंबे समय तक यह छोटा सा अंतर पृथ्वी पर जीवन को प्रभावित कर सकता है, जिससे ग्रह की गति धीमी हो सकती है."
चंद्रमा बनने के वक्त कितने लंबे होते थे दिन
शुरुआत में जब पृथ्वी का निर्माण हुआ था, तब चंद्रमा का भी नया-नया निर्माण हुआ था. उस वक्त दिन पांच घंटे लंबे होते थे, लेकिन पिछले 4.5 अरब वर्षों से पृथ्वी पर चंद्रमा के ब्रेकिंग इफेक्ट के कारण दिन धीमे होकर 24 घंटे के हो गए हैं, जैसा कि हम जानते हैं और भविष्य में भी वे धीमे ही होते रहेंगे.
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Source: IOCL






















