First Mughal Building: यह है मुगलों द्वारा बनाई गई पहली इमारत, इसका इतिहास जानकर चौंक जाएंगे आप
First Mughal Building: भारत में मुगल शासन के दौरान बनाई गई पहली इमारत भारत की कुछ सबसे बड़ी लड़ाइयों में से एक की जीत की खुशी में बनाई गई थी. आइए जानते हैं कौन सी थी मुगलों द्वारा बनाई गई वह इमारत.

First Mughal Building: जब लोग मुगल वास्तुकला के बारे में सोचते हैं तो आमतौर पर ताजमहल या फिर लाल किले जैसी शानदार इमारतें दिमाग में आती हैं. लेकिन इन मशहूर इमारत से काफी पहले मुगल साम्राज्य ने भारत में अपनी पहली वास्तुकला की नींव काफी साधारण लेकिन ऐतिहासिक रूप से शक्तिशाली जगह पर रखी थी. यह इमारत न सिर्फ मुगल शासन की शुरुआत का प्रतीक है बल्कि भारतीय इतिहास की कुछ सबसे बड़ी लड़ाइयों में से एक की गवाह भी है.
काबुली बाग मस्जिद
भारत में मुगलों द्वारा बनाई गई पहली इमारत काबुली बाग मस्जिद है. इसे 1527 ईस्वी में मुगल साम्राज्य के संस्थापक बाबर ने बनवाया था. यह मस्जिद उस पल का प्रतीक है जब भारत में मुगल शासन मजबूती से स्थापित हुआ था.
काबुली बाग मस्जिद को पानीपत के पहली लड़ाई में इब्राहिम लोदी पर बाबर की जीत के प्रतीक के रूप में बनाया गया था. 1526 में लड़ी गई लड़ाई ने दिल्ली सल्तनत को खत्म करके मुगल परचम लहराया था और भारतीय इतिहास का रुख बदल दिया था.
इसे काबुली बाग क्यों कहा जाता है
दरअसल बाबर ने मस्जिद और उसके आसपास के बगीचों का नाम अपनी पत्नी मुसम्मन काबुली बेगम के नाम पर रखा था. बाग शब्द का मतलब बगीचा होता है. यह मुगल संस्कृति में फारसी प्रभाव और बाबर के मध्य एशिया की याद दिलाने वाली सजी-धजी जगहों के प्रति लगाव को दर्शाता है. यह मस्जिद एक विजय स्मारक के रूप में खड़ी है जो बाबर की सफलता की गवाह है.
मध्य एशिया से प्रेरित वास्तुकला
अगर वास्तु कला की बात करें तो यह मस्जिद समरकंद की तैमूरी शैली को दिखाती है. यह बाबर का पैतृक स्थान था. आपको बता दें कि प्रार्थना कक्षा चौकोर आकार का है और नौ हिस्सों में बांटा हुआ है. इनमें से हर एक पर एक अर्ध गोलाकार गुंबद है. यह संरचना लाल बलुआ पत्थर और ईंटों से बनी हुई है. इस मस्जिद के परिसर में फतेह मुबारक चबूतरा भी बना हुआ है. यह चबूतरा 1557 ईस्वी में हुमायूं ने शेर शाह सूरी के उत्तराधिकारियों को हराने के बाद बनवाया था. हरियाणा के पानीपत शहर से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह मस्जिद आज भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के तहत एक राष्ट्रीय संरक्षित स्मारक है. स्थानीय तौर पर इसे कभी-कभी पानीपत की बाबरी मस्जिद भी कहा जाता है.
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Source: IOCL























